×

Deoria: जिले के इतिहास में पहली बार, कोर्ट ने एक साथ 41 लोगों को सुनाई सजा...29 साल बाद आया ऐतिहासिक फैसला

Deoria News: शासकीय अधिवक्ता नितिश कुमार पांडेय ने कहा कि, 'पहली बार एक साथ इतनी बड़ी संख्या में अभियुक्तों को सजा सुनाई गई है। बलुअन गांव की ग्राम प्रधान कलावती देवी का कहना है कि 'इस मामले में मेरे पति निर्दोष हैं, उन्हें साजिशन शिकार बनाया गया।'

Shailesh Kumar Mishra
Published on: 16 Feb 2024 1:27 PM GMT
Deoria News
X

प्रतीकात्मक चित्र (Social Media) 

Deoria News: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के इतिहास में पहली बार कोर्ट ने एक साथ 41 लोगों को सजा हुई है। दरअसल, 1995 में हत्या और डकैती मामले में ये सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने एक शख्स को आजीवन कारावास तो दूसरे पक्ष के 40 लोगों को 10 साल की सजा और एक-एक हजार रुपए अर्थ दंड लगाया है। यह अहम फैसला अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की कोर्ट ने सुनाया गया।

देवरिया जिले के दिवानी अदालत के अपर जिला सत्र न्यायाधीश प्रथम इंदिरा सिंह (Indira Singh) की अदालत ने 17 जनवरी, 1995 को मोटर साईकिल और बाइक की टक्कर को लेकर हुए विवाद में ये फैसला सुनाया है। घटना के एक दिन बाद यानी 18 जनवरी, 1995 को दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। गोलीबारी में एक महिला और एक बच्चे की मौत हो गई थी।

इंदिरा सिंह की कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

देवरिया जिले के दीवानी कोर्ट के अपर जिला सत्र न्यायाधीश प्रथम इंदिरा सिंह की अदालत ने शुक्रवार (16 फरवरी) को अपना फैसला सुनाया। जिले के खामपार थाना क्षेत्र के बलुअन गांव में 17-18 जनवरी, 1995 को दो पक्षों में भिड़ंत हुई थी। हत्या और डकैती के मामले में एक पक्ष के अभियुक्त अजय लाल श्रीवास्तव को धारा- 302 और 307 के तहत आजीवन कारावास और 10 हजार रुपए का अर्थदंड और दूसरे पक्ष के 40 अभियुक्तों को धारा- 395, 397 के तहत 10 साल की सजा और एक-एक हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। आपको बता दें, इस मामले कुल 59 अभियुक्त बनाए गए थे। जिनमें 10 लोगों की मौत हो चुकी है। 7 अभियुक्त नाबालिग और कुछ बरी कर दिए गए हैं।

ऐसे दिया था घटना को अंजाम

साल 1995 में हुई इस घटना में एक 60 वर्षीय महिला और 18 माह के मासूम बच्चे को गोली मारकर हत्या की गई थी। एक पक्ष के लोगों, जो इंडियन पिपुल फ्रंट (आई.पी.एफ) गोलबंद होकर ईंट, पत्थर, लाठी, डंडा, बम के साथ लूट और डकैती की घटना को अंजाम दिया था। इस संबंध में अपर शासकीय अधिवक्ता मनीष सिंह ने बताया कि, देवरिया के इतिहास में पहली बार दिवानी न्यायालय ने इतनी बड़ी संख्या में एक साथ दोनों पक्षों के अभियुक्तों को सजा सुनाई है। हत्या के एक अभियुक्त को आजीवन करावास और 40 लोगों को 10 साल की सजा के साथ अर्थ दण्ड सुनाया गया है।

'मेरे पति निर्दोष हैं, साजिशन शिकार बने'

इस मामले में शासकीय अधिवक्ता नितिश कुमार पांडेय ने कहा कि, 'पहली बार एक साथ इतनी बड़ी संख्या में अभियुक्तों को सजा सुनाई गई है। बलुअन गांव की ग्राम प्रधान कलावती देवी का कहना है कि 'इस मामले में मेरे पति निर्दोष हैं, उन्हें साजिशन शिकार बनाया गया है।'

aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story