×

इटावा: तीन ट्रूनेट मशीन से हो रही MDR-TB के मरीजों की जांच, हो रहा इलाज

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ बीएल संजय ने बताया कि एमडीआर टीबी से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए सरकार द्वारा दवा मुफ्त में दी जाती है।

Roshni Khan
Published on: 16 Feb 2021 11:06 AM GMT
इटावा: तीन  ट्रूनेट मशीन से हो रही MDR-TB के मरीजों की जांच, हो रहा इलाज
X
इटावा: तीन ट्रूनेट मशीन से हो रही MDR-TB के मरीजों की जांच, हो रहा इलाज (PC: social media)

इटावा: मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के मरीजों के इलाज को आसान बनाने के लिए सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाए गए हैं । पहले एमडीआर टीबी से पीड़ित मरीजों को 24 महीने तक दवा खानी पड़ती थी। किन्तु अब ऐसे मरीजों को सिर्फ 9 से 11 महीने तक ही दवा खानी पड़ रही है । इसकी उपलब्धता केवल सरकारी डीआर टीबी सेंटर पर ही है, यह किसी प्राइवेट अस्पताल या मेडिकल स्टोर में नहीं मिलती है ।

ये भी पढ़ें:दिल्ली में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 94 केस मिले

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ बीएल संजय ने बताया

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ बीएल संजय ने बताया कि एमडीआर टीबी से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए सरकार द्वारा दवा मुफ्त में दी जाती है। उन्होने बताया कि राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण विभाग द्वारा तय किए मापदण्डों के हिसाब से एमडीआर रोगी को दवा की खुराक दी जाती है | उन्होंने बताया कि एमडीआर रोगियों की जांच जनपद में तीन ट्रूनेट मशीनों द्वारा की जा रही है, जो कि सीएचसी भरथना, बसरेहर और जसवंतनगर पर लगी हुई हैं |

तीन मशीनें टी बी की जांच के लिए प्रयोग की जा रही हैं

क्षय रोग विभाग से जिला समन्वयक कंचन तिवारी ने बताया- जनपद में कुल पांच ट्रूनेट मशीनें हैं जिसमें दो मशीनें कोविड-19 के जांच के लिए प्रयोग में हो रही हैं और तीन मशीनें टी बी की जांच के लिए प्रयोग की जा रही हैं ।

उन्होंने बताया कि जिले में दो सीबीनाट मशीनें है, एक जिला टीबी अस्पताल में और दूसरी सैफई मेडिकल कॉलेज में टीबी रोगियों की जांच के लिए है। इन एमडीआर रोगियों को 14 दिन तक डॉक्टर की देखरेख में दवा दी जाती है ,उसके बाद शेष इलाज के लिए घर से मुफ्त दवा का लाभ ले सकते हैं।एनडीआर टीबी सेंटर आने जाने के लिए किराया भत्ता भी सरकार देती है।

जनवरी 2021 से अब तक 11 मरीज एमडीआर के मिले हैं जिनका इलाज चल रहा है

जिला समन्वयक ने बताया जनपद में जनवरी 2020 से दिसंबर 2020 तक 138 मरीज एमडीआर के खोजे गए थे, जिसमें से अब तक 20 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं । वहीं जनवरी 2021 से अब तक 11 मरीज एमडीआर के मिले हैं जिनका इलाज चल रहा है। साथ ही कहा कि इलाज के दौरान मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रूपये प्रतिमाह दिए जाते हैं ताकि वह पौष्टिक आहार का सेवन कर सकें।

ये भी पढ़ें:कुशीनगर: विद्यावती देवी महाविद्यालय में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई वसंत पंचमी

टीबी की दवा का पूरा कोर्स बचाता है एमडीआर

टीबी से ग्रसित मरीज द्वारा टीबी की दवा का पूरा कोर्स नहीं करने के कारण एमडीआर टीबी होने का खतरा बढ़ जाता है। अनियमित दवा का सेवन करना बिना चिकित्सीय परामर्श के दवा की दुकानों से टीबी की दवा लेना, टीबी की दवा खाने से पहले ड्रग सेंसटिवीटी जांच नहीं होने से भी एमडीआर टीबी होने का खतरा बढ़ जाता है। टीवी का संपूर्ण सटीक इलाज स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध है |सरकारी क्षय रोग विभाग टीबी के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ने में सक्षम है, और जनमानस जागरूक होकर सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाएं तो जल्द ही जनपद क्षय रोग मुक्त हो जाएगा।

रिपोर्ट- उवैश चौधरी

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story