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मुख्तार की मौत पर पूर्व डीजीपी बोले - पुलिस कुछ भी कर सकती है, हो सीबीआई जांच

Mukhtar Ansari : उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) एवं रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी सुलखान सिंह ने माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाया है।

Rajnish Verma
Published on: 30 March 2024 3:55 PM GMT
Sulkhan Singh
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मुख्तार की मौत पर पूर्व डीजीपी बोले - पुलिस कुछ भी कर सकती है, हो सीबीआई जांच (Photo - Social Media)

Mukhtar Ansari : उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) एवं रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी सुलखान सिंह ने माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाया है। उन्होंने योगी सरकार की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जब प्रदेश में फर्जी एनकाउंटर हो सकते हैं तो मुख्तार को जेल के अंदर जहर क्यों नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने मुख्तार अंसारी की मौत मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।

प्रदेश के पूर्व डीजीपी और बुंदेलखंड लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया सुलखान सिंह शनिवार को जालौन के कोंच नगर में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी ने पेशी के समय जेल में स्लो प्वाइजन दिए जाने की बात कही थी, इसलिए सरकार इस मामले की जांच सीबीआई से कराए ताकि सच्चाई सामने आ सके। पूर्व डीजीपी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस फर्जी एनकाउंटर कर सकती है, तो जेल के अंदर भी कुछ भी हो सकता है।

हार्ट अटैक से हुई मुख्तार की मौत

बता दें कि माफिया डॉन मुख्तार अंसारी पिछले काफी दिनों से बांदा जेल में बंद था। मुख्तार को उल्टी की शिकायत और बेहोशी की हालत में बांदा मेडिकल कॉलेज में जेल कार्मिकों ने भर्ती कराया था, जहां कई डॉक्टरों की टीम ने उपचार किया, लेकिन उसे बचा नहीं सके। मेडिकल कॉलेज की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक, मुख्तार की मौत हार्ट अटैक से हुई है। हालांकि उनके परिजनों ने जेल में जहर देने का आरोप लगाया है।

Rajnish Verma

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वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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