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Ghaziabad News: बिजली कटौती से उद्योगों की तबीयत हुई खराब

Ghaziabad News: ट्रांस हिंडन क्षेत्र में करीब 4000 फैक्टरियां है। प्रत्येक माह औद्योगिक क्षेत्र से 120 करोड़ रुपये से अधिक टैक्स जमा किया जाता है।

Neeraj Pal
Report Neeraj Pal
Published on: 22 May 2024 5:24 AM GMT
Ghaziabad News: बिजली कटौती से उद्योगों की तबीयत हुई खराब
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बिजली कटौती से उद्योगों की तबियत हुई खराब  (photo: social media )

Ghaziabad News: गाजियाबाद के साहिबाबाद में बिजली कटौती से उद्योग-धंधे भी प्रभावित हो रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र में रोजाना तीन से चार घंटे की बिजली कटौती होने से करीब 50 लाख की कीमत के माल का नुकसान हो रहा है। मशीन में लगे 30 से 40 फीसदी माल खराब हो जाता है। जनरेटर और पीएनजी के इस्तेमाल से छोटे से लेकर बड़े उद्यमी पर प्रति माह 30 हजार से ढाई लाख का अतिरिक्त खर्च आ रहा है।

ट्रांस हिंडन क्षेत्र में करीब 4000 फैक्टरियां है। प्रत्येक माह औद्योगिक क्षेत्र से 120 करोड़ रुपये से अधिक टैक्स जमा किया जाता है। इसके बावजूद ऊर्जा निगम निर्बाध बिजली की आपूर्ति नहीं कर पा रहा है। इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ट्रांस हिंडन साहिबाबाद के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बताया कि बिजली कटौती होने से 30-40 फीसदी माल खराब हो रहा है। बिजली कटौती से फैक्टरियों में काम भी आठ घंटे की बजाय पांच से छह घंटे ही हो पा रहा है। इससे उत्पादन प्रभावित हो रहा है। मांग के मुताबिक समय से उद्यमी माल उपलब्ध नहीं करा पाते। चौधरी ने बताया कि माल तैयार होने के दौरान मशीनों को लगातार बिजली की जरूरत होती है। अचानक बिजली गुल होने के दौरान अगर मशीन में मुड़ने वाला सामान या शीशा है तो वह खराब हो जाता है।

निर्वाध बिजली आपूर्ति करने के लिए प्रस्ताव

विद्युत निगम के अभियंता अजय ओझा ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में निर्वाध बिजली आपूर्ति करने के लिए प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है। इसमें ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाने, 33 केवी लाइन को बेहतर करने, एक बिजली घर से दो जगह सप्लाई आपूर्ति कराना शामिल हैं। प्रस्ताव पास होने के बाद कार्य कराए जाएंगे। प्रशासन की ओर से आयोजित होने वाली उद्यमियों की बैठक में हर बार बिजली कटौती की समस्या रखी जाती है। उद्यमी मुकेश गुप्ता ने बताया कि ट्रांसफॉर्मर, बिजली के केबल, कंडक्टर अधिकांश गल गए हैं। हर साल गर्मी में समस्या आती है। जिसके समाधान के लिए प्रशासन से मांग की जाती है। मगर हर बार फंड नहीं होने की बात कहकर टाल दिया जाता है।

Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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