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Ghaziabad News: छात्रों के लिए आवागमन का पसंदीदा माध्यम बन रही नमो भारत ट्रेन

Ghaziabad News: नमो भारत ट्रेन सेवा आरंभ होने के बाद से इन कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए आवागमन करना बेहद आसान हो गया है।

Neeraj Pal
Report Neeraj Pal
Published on: 4 May 2024 10:10 AM GMT
Ghaziabad News
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नमो भारत ट्रेन। (Pic: Newstrack)

Ghaziabad News: दुहाई और मोदी नगर जैसे क्षेत्रों में स्थित कॉलेजों के छात्रों के लिए नमो भारत ट्रेन सेवा एक पसंदीदा आवागमन विकल्प बन गई है। इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में शैक्षणिक संस्थान हैं, जहां पढ़ने के लिए छात्र दूर दूर से आते हैं। नमो भारत ट्रेन सेवा आरंभ होने के बाद से इन कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए आवागमन करना बेहद आसान हो गया है। आरआरटीएस कॉरिडोर के आसपास स्थित कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए तेज़, विश्वसनीय, सुरक्षित, आरामदायक और संरक्षित नमो भारत ट्रेन सेवा लाइफ लाइन बनती जा रही है। नमो भारत ने हजारों छात्रों के समक्ष आवागमन में आने वाली चुनौतियों को कम करते हुए सुविधाजनक विश्वस्तरीय ट्रांसपोर्ट सुविधा प्रदान की है।

छात्रों के लिए बेहतर विकल्प

साहिबाबाद और मोदीनगर नॉर्थ के बीच नमो भारत के परिचालन खंड के आसपास कई इंजीनियरिंग कॉलेज और कोचिंग संस्थान हैं, जिनमें हजारों छात्र पढ़ते हैं। इस सेक्शन में नमो भारत ट्रेनों में छात्रों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है, जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि छात्र देश की पहली नमो भारत ट्रेन को आवागमन के बेहतर विकल्प के तौर पर अपना रहे हैं। इससे पहले इन क्षेत्रों में स्थित कॉलेजों तक पहुँचने के लिए छात्रों को ऑटोरिक्शा और बसों जैसे पारंपरिक सार्वजनिक परिवहन की चुनौतियों से जूंझना पड़ता था, लेकिन अब छात्र नमो भारत ट्रेनों में आरामदायक और परेशानी मुक्त यात्रा का अनुभव लेते हुए कॉलेजों तक आवागमन कर रहे हैं और धूल, गंदगी और गर्मी से बच रहे हैं।


लास्ट माइल कनेक्टिविटी प्रदान करने का प्रयास

इसके अतिरिक्त, एनसीआरटीसी कॉरिडोर के आसपास वाले शैक्षणिक संस्थानों के लिए लास्ट माइल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए भी प्रयास कर रही है। इस पहल का उद्देश्य छात्रों और कर्मचारियों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करना है। एनसीआरटीसी नमो भारत ट्रेन सेवाओं और आरआरटीएस कॉरिडोर के बारे में छात्रों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के साथ नियमित रूप से संपर्क स्थापित कर रहा है, जिसके तहत छात्रों के लिए नॉलेज शेयरिंग कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। इन इंटरैक्शन कार्यक्रमों में छात्रों को परियोजना से संबंधित विभिन्न विषयों जैसे प्रौद्योगिकी एकीकरण और पारगमन-उन्मुख विकास से अवगत कराया जाता है। आरआरटीएस भारत में अपनी तरह की पहली रीज़नल रैपिड रेल प्रणाली है, जिसकी डिज़ाइन गति 180 किमी/घंटा और परिचालन गति 160 किमी/घंटा है। ये इंटरैक्टिव सेशंस क्षेत्र के परिवहन परिदृश्य पर नमो भारत ट्रेनों और आरआरटीएस प्रणाली के महत्व और संभावित प्रभाव के बारे में अमूल्य छाप छोड़ते हैं।

परियोजना से मिल रही लोगों को मदद

शैक्षणिक संस्थान अपने छात्रों और कर्मचारियों के लिए आने-जाने के समय को कम करते हुए आरआरटीएस कॉरिडोर से अपनी निकटता का लाभ उठा रहे हैं। इस संबंध में दुहाई गाजियाबाद स्थित आरडी इंजीनियरिंग कॉलेज के डीन प्रोफेसर मो.वकील का कहना है कि हमारे कॉलेज के कई छात्रों, जिनमें से कई दुहाई और मुराद नगर से हैं, ने आरआरटीएस परियोजना के लिए लोको पायलट और ग्राउंड स्टाफ के रूप में प्लेसमेंट हासिल किया है, जो उनके संस्थान के लिए गर्व की बात है। उन्होनें कहा कि हमारा कॉलेज परिस, दुहाई आरआरटीएस स्टेशन से मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। उनके कॉलेज के काफी छात्र नमो भारत ट्रेन का प्रयोग आवागमन के लिए कर रहे हैं। आरआरटीएस परियोजना इस क्षेत्र में बेहद ही विश्वसनीय और बेहतर है।


आरामदायक हुआ आवागमन

आरडी इंजीनियरिंग कॉलेज के बीटेक सीएस (डेटा साइंस) द्वितीय वर्ष के छात्र अनुज उनियाल का कहना है कि वह मोदीनगर में रहते हैं और नमो भारत ट्रेन के चलने से कॉलेज तक उनका आवागमन अधिक आरामदायक, तेज और सुरक्षित हो गया है। उनका कहना है कि आरआरटीएस कॉरिडोर में सुरक्षा से यात्रा के दौरान चोरी की संभावना भी कम हो गई है, जो एक सकारात्मक विकास है। इसी कॉलेज की बीटेक द्वितीय वर्ष सीएस की छात्रा कंचन शर्मा का कहना है कि उन्होंने साहिबाबाद स्थित अपने परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए नमो भारत ट्रेन का इस्तेमाल किया है। आरआरटीएस कॉरिडोर की सबसे बड़ी खासियत इसकी विश्वसनीयता है और इससे उन्हें ट्रैफिक जाम से बचने में मदद मिली है। आकर्षक नमो भारत ट्रेन और ट्रेन ऑपरेशन में महिला कर्मियों की सहभागिता उन्हें प्रेरणा देती है।

कर्मचारियों का जिवन बना आसान

वहीं राज कुमार गोयल प्रौद्योगिकी संस्थान, (आरकेजीआईटी), गाजियाबाद के सहायक प्रोफेसर श्री विराट राज सक्सेना का कहना है कि नमो भारत ट्रेनों में यात्रा करने से आरकेजीआईटी के छात्रों और कर्मचारियों के लिए जीवन आसान हो गया है। ये ट्रेनें तेज़ और अधिक कुशल हैं, जिससे सभी को समय पर पहुंचने में मदद मिलती है और यात्रा का समय कम हो जाता है। उन्होनें कहा कि इससे यात्रा में लाग्ने वाले समय कि बचत हो रही है, जिसका उपयोग अन्य बेहतर चीजों के लिए किया जा सकता है। साथ ही बेहतर कनेक्टिविटी शैक्षणिक और व्यावसायिक अवसरों तक पहुंच को भी आसान बनाती है, जिससे सभी को आगे बढ़ने और विकास करने में मदद मिलती है।

छात्रों के लिए बन रहा है लाइफ लाइन

संपूर्ण दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर तेजी से तैयार हो रहा है और जल्द ही इससे छात्रों को और अधिक लाभ मिलने कि संभावना है। इस कॉरिडोर के पूर्ण रूप से तैयार होने से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में अग्रणी विश्वविद्यालयों तक पहुंच उल्लेखनीय रूप से आसान और तेज़ हो जाएगी। यह शैक्षिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है, जो छात्रों को लंबी यात्राओं के बोझ के बिना उच्च शिक्षा तक निर्बाध पहुंच प्रदान करेगा।

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर अब शैक्षिक परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक बनने की ओर अग्रसर है। यह शिक्षा के भविष्य को आकार देने और छात्रों के लिए लाइफ लाइन के रूप में उभरती हुई महत्वाकांक्षाओं के लिए ज्ञान केंद्रों तक निर्बाध पहुंच को सक्षम बनाएगा। 82 किमी लंबे दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के शेष खंडों पर भी निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और जून 2025 तक सम्पूर्ण कॉरिडोर को संचालित करने का लक्ष्य है।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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