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Gomti Riverfront Scam: लखनऊ रिवरफ्रंट घोटाले की जांच की आंच में दो पूर्व मुख्य सचिव; सच साबित हुई न्यूजट्रैक, अपना भारत की खबर

रिवर फ्रंट के लिए 1513 करोड़ मंजूर किए थे। इसमें 1435 करोड़ रुपये जारी होने के बाद भी मात्र 60 फीसदी काम ही हुआ। काम करने वाली संस्थाओं ने 95 फीसदी खर्च करके भी पूरा काम नहीं किया।

Shobhit Kalra
Published on: 26 Jun 2022 9:18 AM GMT (Updated on: 26 Jun 2022 12:15 PM GMT)
Gomti Riverfront Scam: लखनऊ रिवरफ्रंट घोटाले की जांच की आंच में दो पूर्व मुख्य सचिव; सच साबित हुई न्यूजट्रैक, अपना भारत की खबर
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Gomti Riverfront Scam: लखनऊ में समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल में बने गोमती रिवरफ्रंट में घोटाले की जांच की आंच अब दो पूर्व मुख्य सचिव तक आ पहुंची है। जांच में जुटी सीबीआई टीम ने पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और दीपक सिंघल से पूछताछ करने की उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी है।

सच साबित हुई न्यूजट्रैक, अपना भारत की खबर:

रिवरफ्रंट घोटाला मामले की जांच रिपोर्ट पर न्यूजट्रैक अपना भारत के वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्र ने 9 जून 2017 को ही अपनी खबर में साफ साफ लिखा था कि सीबीआई पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और दीपक सिंघल से पूछताछ करेगी।

पढ़ें पूरी खबर न्यूजट्रैक में-

एक्सक्लूसिव : गोमती रिवरफ्रंट परियोजना की जांच रिपोर्ट, बिना आंच की जांच

पढ़ें पूरी खबर अपना भारत में-

बिना आंच की जांच

गोमती रिवरफ्रंट 1400 करोड़ से अधिक का पूरा घोटाला है अब तक इसमें 189 लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की जा चुकी है।

आपको बता दें कि अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में गुजरात के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर लखनऊ में गोमती नदी के सौंदर्यीकरण का काम किया गया। इसके किनारों को आकर्षक रूप से सजाने की योजना थी। समाजवादी पार्टी की सरकार ने गोमती रिवर फ्रंट के लिए 1513 करोड़ मंजूर किए थे। इसमें 1435 करोड़ रुपये जारी होने के बाद भी मात्र 60 फीसदी काम ही हुआ। इस दौरान रिवर फ्रंट का काम करने वाली संस्थाओं ने 95 फीसदी बजट खर्च करके भी पूरा काम नहीं किया था। गोमती रिवर फ्रंट पर काम 2015 में शुरू हुआ था। पर्यावरणविदों ने भी इस पर आपत्ति जताई थी। 2017 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद योगी आदित्यनाथ ने रिवर फ्रंट परियोजना के तहत कराए गए कार्यों की जांच के आदेश दिये थे। मुख्यमंत्री को बताया गया कि इस परियोजना के तहत आवंटित धनराशि 1513 करोड़ रुपए का 95 प्रतिशत अर्थात 1435 करोड़ रुपए खर्च होने के बावजूद इस परियोजना का 60 प्रतिशत कार्य भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है।

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