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बाल दिवस विशेष: मुख्यमंत्री को ‘टॉफी बाबा’ कहते हैं बच्चे, ऐसे पड़ गया नाम

Gorakhpur News: बाल दिवस के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में बच्चों के प्रति उनका स्नेह दिखा। जहां ताइक्वांडो के बच्चों से मुख्यमंत्री मिले। बच्चों ने गुलाब का फूल देकर सीएम को शुभकामनाएं दी

Purnima Srivastava
Published on: 14 Nov 2023 6:26 AM GMT (Updated on: 14 Nov 2023 7:39 AM GMT)
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बच्चों को टॉफी देते सीएम योगी आदित्यनाथ (Newstrack)

Gorakhpur News: वैसे तो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी वर्गों में लोकप्रिय हैं, लेकिन बच्चों से उनका खासा लगाव है। वनटांगिया गांव हो, इंसेफेलाइटिस के जूझ रहे मासूमों का दर्द या फिर जनता दर्शन में फरियादियों के साथ पहुंचे बच्चों को लेकर उनकी संवेदना। हर मौके पर योगी का बच्चों पर स्नेह खूब बरसता है। अब तो उनके साथ रहने वाले प्रमुख लोगों की जेब में टॉफी या चॉकलेट जरुर रहता है। बच्चों में सीएम योगी अब टॉफी बाबा के नाम से लोकप्रिय हो चुके हैं।

मंगलवार को बाल दिवस के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में बच्चों के प्रति उनका स्नेह दिखा। जहां ताइक्वांडो के बच्चों से मुख्यमंत्री मिले। बच्चों ने गुलाब का फूल देकर सीएम को शुभकामनाएं दी। रिटर्न गिफ्ट में बच्चों को टॉफी और चॉकलेट मिला। कानून-व्यवस्था को बिगाडऩे का प्रयास करने वालों के बीच में भले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुलडोजर बाबा के रूप में प्रचलित है। वहीं, बच्चों में भी उनकी लोकप्रियता का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। बच्चों के बीच में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ टाफी बाबा के रूप में मशहूर होते जा रहे हैं।


लखनऊ के साथ ही गोरखपुर में प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रोज जनता दरबार में लोगों से मुलाकात करने के साथ ही उनकी समस्याएं सुनते के दौरान यदि किसी महिला या पुरुष की गोद में उनको कोई बच्चा दिख जाता है तो उनकी संजीदगी साफ दिखती है। पांच वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों से शिक्षा के बारे में जरूर पूछते हैं और उनको पढ़ाई के प्रति प्रेरित करने के साथ ही टाफी या चाकलेट जरूर देते हैं। दिवाली के दिन वंटागिया गांव जंगल तिनकोनिया नंबर तीन पहुंचे योगी द्वारा बच्चों के दुलार की तस्वीरें वायरल हुई थी।


चौक में बच्चों के लिए विशेष टॉफी लेकर पहुंचते थे योगी

योगी को असल में टॉफी बाबा का नाम महराजगंज में चौक क्षेत्र के बच्चों ने दिया था। चौक में गोरखनाथ का मंदिर है। जहां बतौर सांसद भी योगी हमेशा जाते रहते रहे हैं। उनके जाते ही आसपास के बच्चे कतार लगाकर खड़े हो जाते थे। बच्चे पुकारते हुए कहते भी थे कि टॉफी बाबा मेरी टॉफी दीजिये। यह सिलसिला मुख्यमंत्री बनने के बाद भी जारी है।

बच्चों में इंसेफाइटिस देख भावुक होते थे योगी, कर दिया खात्मा

योगी आदित्यनाथ बतौर सांसद इंसेफेलाइटिस से मौत के गाल में समाने वाले बच्चों को लेकर हमेशा संजीदा रहे हैं। संसद में इंसेफेलाइटिस के खिलाफ आवाज योगी ने ही उठाई थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद इंसेफेलाइटिस को लेकर उनके प्रयास का नतीजा सभी के सामने है। सरकार जल्द ही इंसेफेलाइटिस के खात्मे का ऐलान कर सकती है। 2017 से पहले बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इस मौसम में 500 से 600 मरीज भर्ती रहते थे। प्रतिवर्ष पूरे प्रदेश में 1200 से 1500 बच्चों की मौत इससे होती थी। अकेले बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 500 से 600 बच्चों की मृत्यु इंसेफेलाइटिस से होती थी। अब बीमारी और मौतों को संख्या इतिहास बनने वाली है।

योगी ने कहा कि सरकार ठान ले और लोग साथ दें तो असाध्य कही जाने वाली बीमारी को भी समाप्त होने में बहुत समय नहीं लगता है। इंसेफेलाइटिस इसका उदाहरण है। उनका कहना है कि एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) के मामले के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी है। स्वच्छता के लिए विभिन्न कार्यक्रम तथा शुद्ध पेयजल के लिए हर घर नल की योजना संचालित की जा रही है।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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