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Gorakhpur News: सेटेलाइट से अपनी जमीन की रखवाली करेगा जीडीए

Gorakhpur News: सैटेलाइट सर्वे से जीडीए में शामिल ग्राम पंचायतों में प्राधिकरण की जमीनों पर प्रापर्टी डीलरों और भू-माफिया ने कब्जे चिह्नित हो जाएंगे। प्राधिकरण की जमीनों का डिजिटल डाटा भी एकत्र हो जाएगा।

Purnima Srivastava
Published on: 2 March 2024 5:01 AM GMT
Gorakhpur News
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गोरखपुर विकास प्राधिकरण (Newstrack)

Gorakhpur News: गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने पिछले दिनों ड्रोन के जरिये अवैध निर्माण तलाशने की प्रक्रिया शुरू की थी। अभी तक कितने अवैध निर्माण चिन्हित किये गए जीडीए के अधिकारी बताने की स्थिति में नहीं है। अब जीडीए सैटेलाइट से अपनी सभी सम्पत्तियों की लैंड ऑडिट कराएगा। यह भी देखेगा कि कहीं उसकी संपत्ति पर किसी ने कब्जा तो नहीं कर लिया है।

पिछले दिनों कमिश्नर अनिल ढींगरा ने जीडीए से लैंड ऑडिट कराने का निर्देश दिया था। इसी क्रम में प्राधिकरण उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने लैंड आडिट के लिए विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग लखनऊ के रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन सेंटर के कार्यवाहक निदेशक डॉ. पी कुंवर सम्पर्क किया था। सेंटर ने 50 हजार रुपये प्रति वर्ग किलोमीटर की दर से धनराशि की मांग की थी। इसके अलावा कुछ डाटा की डिमांड की थी। मांगे गए डाटा सेंटर को उपलब्ध करा दिए गए हैं। प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह के मुताबिक, सर्वे की शुरूआत रामगढ़ताल परियोजना क्षेत्र की सम्पत्तियों से होगी। आडिट के लिए विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग लखनऊ अगले सप्ताह गोरखपुर के दौरे पर आएगी। सैटेलाइट सर्वे से जीडीए में शामिल ग्राम पंचायतों में प्राधिकरण की जमीनों पर प्रापर्टी डीलरों और भू-माफिया ने कब्जे चिह्नित हो जाएंगे। प्राधिकरण की जमीनों का डिजिटल डाटा भी एकत्र हो जाएगा।

2.59 लाख रुपये का जीडीए ने खरीदा हाईटेक ड्रोन

अवैध निर्माण के मामले में गोरखपुर विकास प्राधिकरण पूरे प्रदेश में टॉप तीन शहरों में शुमार है। ऐसे में अवैध निर्माण पर नजर रखने के लिए प्राधिकरण के अफसरों ने 2.59 लाख रुपये का हाईटेक ड्रोन खरीदा है। यह प्राधिकरण से 15 किलोमीटर दायरे में होने वाले अवैध निर्माण पर नजर रख रहा है। अधिकारियों ने इसका ट्रायल शुरू भी कर दिया है। लेकिन अभी तक एक भी अवैध निर्माण नहीं पकड़ा जा सका है। अधिकारियों का दावा है कि गोरखपुर महायोजना 2031 में प्राधिकरण की सीमा का विस्तार होने से करीब 300 राजस्व गांव शामिल हो गए हैं। इसके अलावा अन्य विकसति क्षेत्रों में भी सीमा विस्तार की तैयारी में है। इन विस्तारित क्षेत्रों के साथ चिन्हित शहर में अवैध कॉलोनियों में निर्माण कार्य की निगरानी के लिए ड्रोन से मदद मिलेगी। बिना लेआउट स्वीकृत कराए कॉलोनियों पर निगरानी रखी जा सकेगी। यह ड्रोन एक बार चार्ज होने के बाद 46 मिनट में यह 32 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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