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Gorakhpur News: आदित्य विजन के प्रतिष्ठानों पर जीएसटी चोरी को लेकर 17 जिलों में छापेमारी

Gorakhpur News: आदित्य विजन की बिहार के साथ यूपी के कई जिलों में शाखाएं हैं। ग्राहकों को विशेष छूट देकर यह चेन चंद वर्षों में पैठ बना चुका है।

Purnima Srivastava
Published on: 8 April 2024 4:53 PM GMT
Raids on Aditya Vision establishments in 17 districts regarding GST evasion
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आदित्य विजन के प्रतिष्ठानों पर जीएसटी चोरी को लेकर 17 जिलों में छापेमारी: Photo- Newstrack

Gorakhpur News: राज्य कर विभाग वाराणसी की विशेष अनुसंधान शाखा के निर्देश पर इलेक्ट्रानिक उत्पादों की चेन आदित्य विजन के प्रदेश भर के 17 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की जा रही है। अलग-अलग संभाग की टीमों को कागजातों की जांच के लिए लगाया गया है। गोरखपुर में तीन अलग-अलग टीमें देवरिया के अलावा कुशीनगर, गोरखपुर के प्रतिष्ठानों पर जांच कर रही हैं। खबर लिखे जाने तक छापेमारी चालू है।

आदित्य विजन की बिहार के साथ यूपी के कई जिलों में शाखाएं हैं। ग्राहकों को विशेष छूट देकर यह चेन चंद वर्षों में पैठ बना चुका है। देवरिया में इलेक्ट्रानिक्स सामान टीवी, फ्रिज आदि बेचने वाला प्रतिष्ठान आदित्य विजन के यहां दोपहर 12 बजे से कर चोरी की जांच कर रही है।

गोरखपुर में एडशिनल कमिश्नर ग्रेड टू के निर्देश पर बनीं तीन टीमें विभिन्न प्रतिष्ठानों पर जांच कर रही हैं। गोरखपुर में इस चेन की गोरखनाथ मंदिर रोड पर इसकी ब्रांच है। यहां टीमें कागजात की जांच कर रही हैं। एडशिनल कमिश्नर ग्रेड टू संजय कुमार ने बताया कि "राज्यकर विभाग वाराणसी के निर्देश पर स्थानीय स्तर पर तीन टीमें बनाई गई हैं। सभी टीमें कागजातों की जांच के साथ बैंक खातों के लेन देन देख रही है। टीमों से मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर तय होगा कि फर्म द्वारा कितनी टैक्स चोरी की गई है। पूरी रिपोर्ट वाराणसी के अधिकारियों को भेजी जाएगी।"

खुफिया जानकारी पर हुई छापामारी

जीएसटी इंटेलीजेंस के अधिकारियों ने खुफिया जानकारी मिलने के आदित्य विजन समूह के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। वर्ष 2019 में बिहार में फर्म द्वारा करोड़ों की जीएसटी चोरी का मामला प्रकाश में आया था। तब कंपनी ने 46 करोड़ रुपये की जीएसटी देनदारी स्वीकार की थी। जिनमें से कंपनी ने एक करोड़ रुपये से अधिक राशि नकदी के रूप में जीएसटी अधिकारियों को जीएसटी भुगतान भी कर दिया। शेष राशि कंपनी इनपुट टैक्स क्रेडिट के जरिए तथा अन्य माध्यम से भुगतान किया गया था।

Shashi kant gautam

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