×

Gorakhpur: 500 से अधिक मैरिज हॉल और रिसोर्ट अवैध, हर साल कर रहे 1000 करोड़ का कारोबार

Gorakhpur News: गोरखपुर में 500 से अधिक मैरिज हॉल और रिसोर्ट हैं। इसके साथ ही 50 से अधिक होटलों में शादियां होती हैं। सालाना कारोबार करीब 1000 करोड़ का है।

Purnima Srivastava
Published on: 27 April 2024 2:09 AM GMT
Gorakhpur news
X

गोरखपुर के मैरिज हॉल  (photo: social media )

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश का गोरखपुर पिछले कुछ वर्षों में तेजी से विकसित हुआ है। यहां बिहार ही नहीं नेपाल से आकर लोग महंगी शादियां कर रहे हैं। लेकिन एक-दो को अपवाद स्वरूप छोड़ दें तो सभी मैरिज हॉल और रिसॉर्ट अवैध हैं। इनके मालिकों ने न तो गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने मानचित्र स्वीकृत कराया है न ही पर्यटन विभाग और फायर से एनओसी लिया है। अब तो प्रदूषण विभाग ने भी सभी को नोटिस भेजकर एनओसी लेने का आदेश दिया है।

गोरखपुर में 500 से अधिक मैरेज हॉल और रिसार्ट हैं। इसके साथ ही 50 से अधिक होटलों में शादियां होती हैं। सालाना कारोबार करीब 1000 करोड़ का है। लेकिन हकीकत यह है कि पूरा सेक्टर अवैध कामकाज कर रहा है। कहने को मैरिज हॉल और रिसॉर्ट के संचालन के लिए पर्यटन, प्रदूषण, अग्निशमन, विद्युत सुरक्षा निदेशालय जैसे सरकारी संस्थानों से एनओसी लेने के साथ रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है। लेकिन साहबों की कृपा पर सबकुछ चल रहा है। निर्माण से पूर्व जीडीए से मानचित्र स्वीकृत होना चाहिए। इसके साथ ही ये आवासीय इलाकों में नहीं हो सकते हैं। लेकिन मोहल्लों के बीच बने मैरिज हॉल न सिर्फ ट्रैफिक जाम की वजह बन रहे हैं बल्कि आम नागरिकों की नींद भी उड़ा रहे हैं। बिजली निगम ने अपने फायदें के लिए ऐसे मैरेज हॉल और रिसॉर्ट को अधिक भार वाले कनेक्शन दे रखे हैं। नियम के तहत जब तक विद्युत सुरक्षा निदेशालय से एनओसी नहीं मिल जाती, तब तक कनेक्शन नहीं दिया जा सकता। लेकिन सभी मैरेज हाल 10 किलोवाट के भार पर दर्जनों एसी संचालित कर रहे हैं।

सिर्फ कागजों में सख्त हैं साहब

गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन का कहना है कि मैरिज हॉल के लिए 24 मीटर चौड़ी सड़क एवं 1500 मीटर जगह अनिवार्य है। इनके अभाव में गोरखपुर विकास प्राधिकरण नक्शा नहीं पास करता। कुछ लोग होटल के नाम पर नक्शा पास कराकर वहां वैवाहिक कार्यक्रम भी आयोजित करते हैं। मैरिज हॉल को नोटिस दिया गया है। लेकिन कितने मैरेज हाल सील हुए इसपर साहब चुप हो जाते हैं। इसी तरह मुख्य अग्निशमन अधिकारी जेपी सिंह का कह है कि पर्यटन विभाग में पंजीकरण कराने वाले लोग एनओसी के लिए आवेदन करते हैं। कुछ मैरिज हॉल ने ऑनलाइन आवेदन किया है। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रविंद्र कुमार मिश्रा नियम तो बताते हैं लेकिन कार्रवाई क्यों नहीं करते इसका जवाब नहीं देते हैं। अधिकारी का कहना है कि मैरेज हॉल और रिसॉर्ट में एक भी कमरे बना दिए गए हैं, तो रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। क्षेत्रीय पर्यावरण प्रदूषण अधिकारी अनिल कुमार शर्मा का कहना है कि पर्यटन विभाग में जिन लोगों ने रजिस्ट्रेशन करा रखा है, उनके एनओसी के लिए फाइल आती है, लेकिन आज तक एक भी मैरिज हॉल और रिसॉर्ट के एनओसी के लिए आवेदन नहीं आया है। इतना ही नहीं बुकिंग पर ये मैरिज हॉल संचालक हर साल करोड़ों रुपये की जीएसटी की चोरी भी कर रहे हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story