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Gorakhpur Holi 2024: देश में 25 तो गोरखपुर में 26 मार्च को मनेगी होली, ये है वजह

Gorakhpur News: गोरखपुर में 25 मार्च की जगह 26 मार्च को होली मनाई जाएगी। भद्रा होने के कारण 26 को मनाई जाएगी होली।

Purnima Srivastava
Published on: 21 March 2024 2:11 PM GMT
गोरखपुर न्यूज।
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गोरखपुर न्यूज। (Pic: Social Media)

Gorakhpur News: पूरा देश भले ही 25 मार्च को होली का पर्व मनाएगा लेकिन गोरखपुर में रंगों भरी होली का त्योहार 26 मार्च को मनाया जाएगा। पिछले कुछ दिनों से भ्रम की उत्पन्न स्थिति को देखते हुए गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ की तरफ से मीडिया में सूचना जारी हुई है।

26 मार्च को मनाई जाएगी होली

योगी कमलनाथ ने बताया कि फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा दिनांक 24 मार्च, 2024 दिन रविवार को रात्रि 10.27 बजे के ( दिन में 9.24 बजे से रात्रि 10.27 बजे तक भद्रा होने के कारण ) उपरान्त होलिका दहन किया जाएगा। अगले दिन अर्थात 25 मार्च दिन सोमवार को होलिका पड़ी रहेगी। 25 मार्च 2024 को दिन में 11.31 बजे के बाद प्रतिपदा तिथि प्राप्त हो रही है। 26 मार्च 2024 चैत्र कृष्ण पक्ष दिन मंगलवार को सूर्योदय में प्रतिपदा तिथि प्राप्त होने के कारण प्रातः होलिकादहन भूमि को प्रणाम कर विभूति धारण किया जाएगा। ऐसे में प्रातः काल से दिन भर होली उत्सव मनाया जाएगा। पंडित शरद चंद्र मिश्र और ज्योतिर्विद पंडित नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार होलिका का पूजन और दहन पूर्णिमा में भद्रा को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। 24 मार्च रविवार को पूर्णिमा है, लेकिन भद्रा काल सुबह 9.23 से रात 10.28 तक है। साथ ही पूर्णिमा तिथि 25 मार्च सोमवार को दिन में 11.31 तक समाप्त होगी। इसलिए शास्त्र के अनुसार होलिका दहन 24 मार्च को ही रात के 10.30 बजे के बाद सूर्योदय के पहले कभी भी किया जा सकता है। होली चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को मधुमास में मनाई जाती है। इसलिए 26 मार्च मंगलवार को उदय तिथि में चैत्र मास की प्रतिपदा का मान होने से होली इसी दिन मनाई जाएगी।

नरसिंह शोभा यात्रा में शामिल होंगे योगी आदित्यनाथ

26 मार्च को होली के दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में निकलने वाले नरसिंह शोभा यात्रा को लेकर नगर निगम ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पिछले आठ दशक से गोरखपुर शहर में निकलने वाली परंपरागत नरसिंह शोभायात्रा को शुरू करने का श्रेय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक नानाजी देशमुख को जाता है। हालांकि इसे भव्यता नाथपीठ से जुड़कर मिली। पहले ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ के निर्देश पर महंत अवेद्यनाथ ने शोभायात्रा को भव्य स्वरूप दिया। संघ के पुराने कार्यकर्ता जगदीश गुप्ता का कहना है कि होली के नाम पर फूहड़पन हो रहा है, इसलिए 1944 में नरसिंह शोभायात्रा को भव्य स्वरूप दिया गया। नानाजी ने इसके लिए नाथ पीठ के तत्कालीन पीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ से संपर्क साधा। जिसके बाद शोभायात्रा में परम्परा के रंग भरे गए। अब इस शोभायात्रा को लेकर पूरे देश की नजरे रहती हैं।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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