×

Gorakhpur: शोधपूर्ण मंथन से और प्रगाढ़ होंगे भारत-नेपाल के सांस्कृतिक अंतर्संबंध

Gorakhpur News: आगामी 1 मार्च से 3 मार्च तक महाराणा प्रताप महाविद्यालय जंगल धूसड़ में 'भारत-नेपाल सांस्कृतिक अंतर्संबंधों की विकास यात्रा : अतीत से वर्तमान तक' विषयक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है।

Purnima Srivastava
Published on: 25 Feb 2024 1:15 PM GMT
Gorakhpur News
X

Gorakhpur News (Pic:Newstrack)

Gorakhpur News: सदियों से चले आ रहे भारत-नेपाल के सांस्कृतिक अंतर्संबंध शोधपूर्ण मंथन से और प्रगाढ़ होंगे। इसके लिए आगामी 1 मार्च से 3 मार्च तक महाराणा प्रताप महाविद्यालय जंगल धूसड़ में 'भारत-नेपाल सांस्कृतिक अंतर्संबंधों की विकास यात्रा : अतीत से वर्तमान तक' विषयक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। इसमें नेपाल के तीन दर्जन विद्वान यहां पधारकर और इससे अधिक ऑनलाइन जुड़कर भारतीय विद्वतजन के साथ उन आयामों पर चर्चा करेंगे जिससे भारत और नेपाल के मैत्रीपूर्ण संबंधों को नई ऊंचाई दी जा सके।

यह सेमिनार महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय और महाराणा प्रताप महाविद्यालय जंगल धूसड़ के संयुक्त तत्वावधान में होगा। यह महाविद्यालय वर्ष 2015 में भी भारत-नेपाल के मैत्री संबंधों पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन करा चुका है। दूसरी बार, 1 मार्च से हो रहे अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के बारे में जानकारी देते हुए आयोजन के संयोजकद्वय डॉ. पद्मजा सिंह और डॉ. सुबोध कुमार मिश्र ने बताया कि महाराणा प्रताप महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार राव की देखरेख में उद्घाटन और समापन के अतिरिक्त आठ तकनीकी सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।

1 मार्च को उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय, लुम्बिनी, नेपाल के कुलपति प्रो. सुबरन लाल बज्राचार्य करेंगे। जबकि सारस्वत अतिथि के रूप में मध्य पश्चिम विश्वविद्यालय, सुर्खेत, नेपाल के उप कुलपति प्रो. नंद बहादुर सिंह, मुख्य अतिथि के रूप में नेपाल सरकार के पूर्व गृह राज्यमंत्री देवेंद्र राज कंडेल और विशिष्ट अतिथि के रूप में वाल्मीकि विद्यापीठ, काठमांडू, नेपाल के प्राचार्य प्रो. भागवत ढकाल की सहभागिता रहेगी। उद्घाटन सत्र में बीज वक्तव्य दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा का होगा।

कई तकनीकी सत्र होंगे, ये विद्धान करेंगे शिरकत

अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के पहले दिन दो तकनीकी सत्र होंगे जबकि तीसरे दिन तीन तकनीकी सत्रों के अलावा प्रतिभागियों को गोरखनाथ मंदिर का भ्रमण कराया जाएगा। तीसरे दिन समापन सत्र की अध्यक्षता दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन करेंगी। समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक, मध्य प्रदेश के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी, विशिष्ट अतिथि नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, दांग, नेपाल के कार्यकारी निदेशक प्रो. सुधन कुमार पौडेल, त्रिभुवन विश्वविद्यालय, काठमांडू, नेपाल के संस्कृत विभाग के आचार्य डॉ. सुबोध शुक्ल, प्राज्ञीक विद्यार्थी परिषद, काठमांडू, नेपाल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री नारायण प्रसाद ढकाल मौजूद रहेंगे। सेमिनार का प्रतिवेदन दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में राजनीतिशास्त्र विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अमित कुमार उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। अलग-अलग तकनीकी सत्रों में अध्यक्ष, सह अध्यक्ष की भूमिका में एक भारत और एक नेपाल के विषय विशेषज्ञ शामिल रहेंगे।

Durgesh Sharma

Durgesh Sharma

Next Story