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Jhansi News: पौने दो हजार सफाई कर्मी फिर भी खरीद डाली पौने दो करोड़ की झाड़ू मशीन

Jhansi News: महानगर में सड़कों को बुहारने का काम अब मशीन कर रही है, जो काम दर्जनों कर्मचारी मिलकर दिन भर में करते हैं, उसे रात के समय यह मशीन मात्र एक-आध घंटे में कर रही है।

B.K Kushwaha
Published on: 14 April 2024 6:35 AM GMT
Jhansi News
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झाड़ू मशीन (Pic: Newstrack)

Jhansi News: महानगर की सफाई के लिए करीब पौने दो हजार सफाई कर्मी नगर निगम में तैनात हैं, इसके बाद भी निगम ने सफाई के नाम पर पौने दो करोड़ रुपये खर्च करके एक ऊंचा शौक झाड़ू मशीन के रूप में पाल रखा है। यह मशीन रोजाना कुछ किलोमीटर चलती है। जबकि, इसमें अस्सी लीटर डीजल की रोजाना की खपत थी।

पार्षदों का आरोप है कि मशीन का रूट आठ किलोमीटर तय किया गया था पर यह चलती सिर्फ दो चार किलोमीटर है। इलाइट चौराहा के अलावा अफसरों वाली सड़क पर ही यह चलती है। पर, डीजल की साठ से अस्सी लीटर ही खपत होती है। जो काम मजदूर करते थे सड़कों की सफाई हो या पौधों की सिंचाई या फिर वायु को धूल-धुंआ से मुक्त करने जैसे काम अब मशीनें कर रहीं हैं।

महानगर में सड़कों को बुहारने का काम अब मशीन कर रही है, जो काम दर्जनों कर्मचारी मिलकर दिन भर में करते हैं, उसे रात के समय यह मशीन मात्र एक-आध घंटे में कर रही है। भविष्य में कर्मचारियों की क्या उपयोगिता और जरूरत रह जाएगी इसको लेकर चिंता जताई जा रही है। नगर निगम के पास सफाई कर्मचारियों की अच्छी खासी संख्या है, जिनका काम झांसी को स्वच्छ रखना है। सफाई कर्मचारियों के वेतन पर भी बहुत बड़ी धनराशि खर्च की जाती है। बीते कुछ वर्षों में अफसरों को नगर निगम को मशीनीकृत करने का शौक पनपा है। ऐसे में इन अत्याधुनिक मशीनों को प्राथमिकता दी जाने लगी है। इन मशीनों के आगे मानव श्रम और कौशल की कोई कीमत नहीं रह जाएगी और लोगों की रोजीरोटी पर संकट आ सकता है।

एक घंटे में 8 किलोमीटर झाड़ू लगाती है मशीन

मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग मशीन एक घंटे में छह से आठ किलोमीटर तक सड़क की सफाई कर देती है। सड़क में फैले हर प्रकार के कचरे को उठाने में सक्षम है। मशीन के माध्यम से सड़क की सफाई के दौरान पानी का छिड़काव भी , जिससे धूल नहीं उठेगी।


हर बार महंगी खरीद पर उठाए सवाल

झांसी सीपरी बाजार वार्ड नंबर-43 सभासद दिनेश प्रताप सिंह बंटी राजा का कहना है कि नगर निगम के वार्डों में जब एक या दो लाख रुपए के विकास कार्य करवाने होते हैं तो यह मामला सदन में जाता है। स्वीकृति मिलने के बाद ही काम हो पाते हैं, पर करोड़ों रुपए की मशीनों की खरीद बिना सदन की सहमति के कैसे हो जाती है, जो भी महंगी खरीद की जाती हैं उनकी जांच होनी चाहिए।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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