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Jhansi News: बुंदेलखंड में पर्यटन बढ़ेगा, तो पलायन घटेगा: संजय श्रीहर्ष

Jhansi News: "बुंदेलखंड में जब पर्यटन बढ़ेगा तो पलायन अपने आप घट जाएगा", उक्त वक्तव्य अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के सह-संगठन मंत्री संजय श्रीहर्ष ने दिया।

B.K Kushwaha
Published on: 23 Feb 2024 6:05 PM GMT
If tourism increases in Bundelkhand, migration will decrease: Sanjay Sriharsh
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 बुंदेलखंड में पर्यटन बढ़ेगा, तो पलायन घटेगा: संजय श्रीहर्ष: Photo- Newstrack

Jhansi News: "बुंदेलखंड में जब पर्यटन बढ़ेगा तो पलायन अपने आप घट जाएगा", उक्त वक्तव्य अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के सह-संगठन मंत्री संजय श्रीहर्ष ने दिया। वह महाराजा छत्रसाल स्मृति न्यास, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ द्वारा समग्र बुंदेलखंड: एक विमर्श विषय पर आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। संजय श्रीहर्ष ने कहा कि बुंदेलखंड में पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन से ही यहां रोजगार का सृजन हो सकता है। युवाओं को यह प्रयास करना चाहिए कि हर जिले के एक गांव को आदर्श पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करें। गांव में श्रीअन्न से लेकर रूरल टूरिज्म तक को विकसित करने का काम करें।

क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभा रहा है बुंदेलखंड विश्वविद्यालय: कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश पांडे ने कहा कि बुंदेलखंड के विकास में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का भी अहम योगदान रहा है। यहां से शिक्षित हुए छात्र आज दुनिया भर में बुंदेलखंड का नाम रोशन करने के साथ ही प्रचार प्रसार भी कर रहे हैं। किसी जमाने में पिछड़ा माना जाने वाला बुंदेलखंड आज इतना विकास कर चुका है कि यहां स्थित विश्वविद्यालय को टॉप 26 विश्वविद्यालय में सम्मिलित किया गया है और केंद्र सरकार द्वारा 100 करोड रुपए की अनुदान राशि भी दी गई है। विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित वैल्यू एडेड कोर्स चलाया जा रहा है। पर्यटन विभाग के विद्यार्थियों को भी किलों के पुनर्विकास पर आधारित प्रोजेक्ट करने के लिए कहा गया है।

बुंदेलखंड के गौरवशाली इतिहास से युवाओं को अवगत कराना हमारा काम- प्रोफेसर मुन्ना तिवारी

अतिथियों का स्वागत करते हुए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कला संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर मुन्ना तिवारी ने कहा कि बुंदेलखंड में विकास की अपार संभावनाएं हैं। बुंदेलखंड के गौरवशाली इतिहास से युवाओं को अवगत कराना ही हमारा काम है। विशिष्ट अतिथि प्रो. वी के श्रीवास्तव ने कहा कि बुंदेलखंड के लोकगीत पर भी रिसर्च होनी चाहिए। अभिनंदन गोयल ने बुंदेली भाषा पर काम करने की बात कही। राज्य मंत्री हरगोविंद कुशवाहा ने गीतों और लोकोक्तियों के माध्यम से बुंदेलखंड के इतिहास से परिचय करवाया। लखनऊ से आए सतीश त्रिपाठी ने बुंदेलखंड के भू पर्यटन पर जोर दिया।

ललितपुर के विधायक रामरतन कुशवाहा ने कहा कि यह संगोष्ठी बुंदेलखंड के समग्र विकास में अहम भूमिका निभाएगी। महंत वैदेही वल्लभ ने भी श्रोताओं और प्रतिभागियों को अपना आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ अमित कुशवाहा और आभार आयोजन सचिव डॉ. सुनील सिंह ने ज्ञापित किया. कार्यक्रम में सत्येंद्र चौधरी, गजेंद्र सिंह, आकांक्षा, विजया, अर्पिता, आदर्श सिंह, संदीप, अमित कुशवाहा, समेत अनेक छात्र छात्रा उपस्थित रहे।

Shashi kant gautam

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