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Lucknow News: राजधानी में तेजी से पनप रहा काल गर्ल्स रैकेट, छात्राओं से लेकर ग्रहणियां तक उपलब्ध हैं ऑन डिमांड

Lucknow News: चारबाग के भीड़-भाड़ वाले सड़क पर कुछ लड़कियां अपने जिस्म का सौदा करने के लिए खड़ी रहती हैं। सौदा पक्के होने पर वो अपने ग्राहक के साथ इन्हीं होटलों की ओर रूख करती हैं।

Krishna Chaudhary
Published on: 18 Dec 2022 3:31 AM GMT (Updated on: 18 Dec 2022 4:57 AM GMT)
Prostitution in Lucknow
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Prostitution in Lucknow (Pic: Social Media)

Lucknow News: लखनऊ का चारबाग एरिया हो या इमामबाड़े के पास नीबू पार्क के आसपास का एरिया इसके अलावा हजरतगंज और निशातगंज राजधानी के ऐसे अड्डे बन चुके हैं जहां आपको कालगर्ल्स खुले आम घूमती मिल जाएंगी। चारबाग एरिया में ज्यादातर शिकार बाहर से आने वाले शौकीन किस्म के लोग बनते हैं तो पुराने लखनऊ में इमामबाड़े के पास छात्र और पर्यटक इनका आकर्षण होते हैं। इसके अलावा लखनऊ में ऑन लाइन इस्कार्ट्स का धंधा भी बहुत तेजी से पनप रहा है जिसमें पॉश कालोनियां और पार्क भी अछूते नहीं रह गए हैं। एक अध्ययन में बताया गया है कि इस समय इस धंधे में सबसे अधिक संख्या छात्राओं और ग्रहणियों की है। जो ऑन डिमांड उपलब्ध हैं। इसमें होटल वालों की मिली भगत भी रहती है जो कुछ घंटों के लिए कमरा देकर मोटी कीमत वसूलते हैं।

राजधानी लखनऊ स्थित चारबाग का इलाका एक भीड़-भाड़ वाला क्षेत्र है। 400 मीटर के अंदर में ही बस, ट्रेन और मेट्रो स्टेशन होने के कारण यहां आने-जाने वालों की भारी भीड़ जुटती है। भीड़ इतनी की पैर रखने तक की जगह न मिले। यात्रियों की अधिकता के कारण इलाके में कई होटल भी हैं। पैसेंजरों को ठहराने के उद्देश्य बनाए गए इन होटलों में अलग ही धंधा होता है। चारबाग के भीड़-भाड़ वाले सड़क पर कुछ लड़कियां अपने जिस्म का सौदा करने के लिए खड़ी रहती हैं। सौदा पक्के होने पर वो अपने ग्राहक के साथ इन्हीं होटलों की ओर रूख करती हैं।

ऐसे होता है जिस्मफिरोशी का सौदा

चारबाग, रूमी गेट इमामबाड़ा या बड़े पार्कों के पास के व्यस्तम इलाके में कुछ लड़कियां अपना मुंह बांधे कंधे से एक बैग लटकाए नजर आती हैं। दूर से देखने पर वे एक कामकाजी महिला के रूप में दिखती हैं। लेकिन वास्तविक में ये लड़कियां सेक्स वर्कर हैं। इन लड़कियों की नजर अपने संभावित ग्राहकों पर टिकी होती हैं। किसी शख्स से दो या उससे अधिक बार नजरें टकराने पर ये उनके पास जाती हैं। इसके बाद लड़कियां ग्राहक से पूछती हैं – मजे करना है तो होटल चलो। इसके बाद ग्राहक पैसा के बारे में पूछता है। दोनों के बीच डील पक्की हो जाने के बाद लड़की उसे अपने साथ पास के होटल में लेकर जाती है।

ग्राहक को सुरक्षा का मिलता है पूरा भरोसा

जिस्मफिरोशी के काम में लिप्त ये लड़कियां अपने ग्राहकों को सुरक्षा का पूरा भरोसा दे देती हैं। अगर कोई ग्राहक पुलिस की कार्रवाई को लेकर अपना डर जाहिर करता है तो ये लड़किया कहती हैं – पुलिस से डरो मत सब सेट है। इसके अलावा ग्राहक को होटल में कमरा लेते वक्त आईडी कार्ड दिखाने की भी जरूरत नहीं होती। क्योंकि होटल की अपनी सेटिंग होती है।

यहां आपको बता दें कि होटल में रूकने वाले व्यक्ति का आईडी कार्ड न लेने पर होटल को सीज और उसके मालिक के विरूद्ध कार्रवाई करने का प्रावधान है। लेकिन इस इलाके के होटल खुलेआम इन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए जिस्मफिरोशी का अड्डा बन गए हैं।

किसका कितना कमीशन ?

जिस्मफिरोशी के इस गोरखधंधे में तीन तरह के लोग मुख्य तौर पर शामिल हैं, जिनके बीच पैसों का वितरण होता है। ये तीन हैं – सेक्स वर्कर, दलाल और होटल मालिक। सेक्स वर्कर जब भीड़ में ग्राहकों को खोजने के लिए निकलती हैं तब उसके आसपास दलाल मंडराते रहते हैं, जो उनकी सुरक्षा के लिए खड़े रहते हैं। हालांकि, इसकी भनक ग्राहकों को नहीं लगती। लेकिन जब ग्राहक और लड़की के बीच किसी बात को लेकर विवाद उत्पन्न हो जाता है, तब ये दलाल मारपीट करने तक उतर आते हैं। आमतौर पर सौदा 500 रूपये में भी तय हो जाता है। इसमें से 40 पर्सेंट होटल मालिक, 20 पर्सेंट दलाल और 40 पर्सेंट सेक्स वर्कर के हिस्से आता है।

पुलिस लाचार है या आंख मूंदे है ?

चारबाग में मेट्रो और बस स्टेशन के बीच एक पुलिस चौकी है। जिसका काम इस इलाके में लोगों की सुरक्षा के साथ – साथ गैर – कानूनी कृत्यों पर नकेल कसना भी है। इलाके के छोटे से छोटे दुकानदारों को भी पता है कि इन कुकृत्यों में कौन लिप्त है और इसका संचालन कहां से होता है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि स्थानीय पुलिस इससे बेखबर है। पुलिसकर्मी लोगों की भीड़ का हवाला देते हुए मामले से पल्ला झाड़ लेते हैं। उनका कहना है कि इतनी भीड़ में ये पता लगा पाना मुश्किल है कि कौन सेक्स वर्कर है और कौन ग्राहक। पुलिस की ये दलील हजम नहीं होती। पुलिस जब ऐसा कहती है, तब सेक्स वर्कर की वो बातें जेहन में आती हैं, जो वो अपने ग्राहकों से कहती हैं - 'पुलिस से डरो मत सब सेट है।'

इस संबंध में पुलिस सूत्रों का कहना है कि चारबाग एरिया में ऐसा कुछ नहीं होता है। इस एरिये में ज्यादातर किन्नर सक्रिय रहते हैं। जो यात्रियों से वसूली भी करते हैं। शिकायत आने पर पुलिस कार्रवाई करती है। पुलिस का यह भी कहना है कि होटल के बंद कमरे में कौन क्या कर रहा है ये तो नहीं बताया जा सकता लेकिन पुलिस समय समय पर रेड डालती रहती है और पकड़े जाने वाले लोगों पर कार्रवाई भी करती है।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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