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Dr Jagdish Gandhi Passes Away: CMS के संस्थापक डॉ जगदीश गांधी का लंबी बीमारी के बाद निधन

Dr Jagdish Gandhi Passes Away: लखनऊ के नामचीन स्कूल सीएम के संस्थापक डॉ जगदीश गांधी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।

Snigdha Singh
Published on: 22 Jan 2024 3:53 AM GMT (Updated on: 22 Jan 2024 4:19 AM GMT)
Dr Jagdish Gandhi Passes Away
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Dr Jagdish Gandhi Passes Away (Photo: Social Media)

Dr Jagdish Gandi: सिटी मोंटेसरी स्कूल की नींव रखने वाले और अंतर्राष्ट्रीय फलक तक सीएमएस का नाम चमकाने वाले डॉ जगदीश गांधी लंबी बीमारी के बाद निधन सोमवार की सुबह निधन हो गया। तकरीबन पंद्रह दिनों से लखनऊ के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। डॉ गांधी को हार्ट अटैक के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

डॉ जगदीश गांधी ने सिटी मांटेसिरी की नींव 1959 में ऱखा था। ये डॉ जगदीश गांधी का योगदान ही रहा कि सीएमएस को शून्य से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इतना बड़ा मुकाम दिया। शिक्षा के जगत के साथ साथ इस दुनिया में डॉ गांधी का सफर आज यहीं थम गया। जानकारी के अनुसार डॉ गांधी पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। पहले ही बीमारी से जूझ रहे डॉ गांधी को इसी बीच हार्ट अटैक पड़ा, जिसके बाद मेदंता अस्पताल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर इलाज चल रहा था। सोमवार की सुबह एक ओर जहां लोग श्रीराम के स्वागत में लगे थे तो वहीं दूसरी ओर शिक्षा जगत में शोक की लहर छा गई। बड़ी संख्या में लोगों ने सोशल मीडिया में श्रद्धांजलि दी।

डॉ गांधी ने प्राइवेट एजूकेशन को दिया बढ़ावा

डॉ जगदीश गांधी ने लखनऊ में सिटी मॉटेसरी स्कूल की नींव रखी है। डॉ गांधी ने प्राइवेट एजुकेशन को तेजी से बढ़ावा दिया। उनकी मेहनत का परिणाम है कि लखनऊ से ही पूरे विश्व में अपना नाम कमाया। आज निजी स्कूलों की बात करें तो सीएमएस को विश्व में तीसरा स्थान प्राप्त है। डॉ जगदीश गांधी ने कभी अपने ब्रांच को लखनऊ के अलावा कहीं नहीं स्थापित किया। वह अपने मंच से हमेशा कहते रहे हैं कि हम बेहतर शिक्षा की बात करते हैं। हमारा प्रयास है कि हम ऐसी पीढ़ी तैयार करें जो पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन करे। इसके आलवा जगदीश गांधी की उपलब्धि ये भी रही है कि 55 देशों के जज उनके यहां चर्चा के लिए हर साल आते हैं। लखनऊ में सीएमएस को शीर्ष स्कूलों में से माना जाता है।

डॉ जगदीश गांधी 1959 में केवल 5 बच्चों के साथ सिटी मोंटेसरी स्कूल, सीएमएस की शुरुआत की, तो बच्चों ने अपनी स्लेट पर सबसे पहले जो शब्द लिखे, वे थे: "जय जगत!" (विश्व की जय हो)। इस दौरान उन्होंने अन्य सामाजिक काम भी जारी रखें। 1959-64 के बीच, वह उत्तर प्रदेश नौजवान संघ (यूपी यूथ मूवमेंट) के अध्यक्ष थे और 1960-65 के बीच वह उठो जवानो (राइज़ अप यूथ!) के संपादक थे।

Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Started career with Jagran Prakashan and then joined Hindustan and Rajasthan Patrika Group. During her career in journalism, worked in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi.

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