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UP में OBC कोटे में शामिल लोधी राजपूत जाति को 'विमुक्त जाति' में शामिल करने की कवायद, हो रहा अध्ययन

Lodhi Rajput News: लोधी राजपूत जाति के प्रतिनिधियों ने इस संबंध में केंद्र सरकार को आवेदन दिया है। केंद्र को आवेदन देने वाले लोधी राजपूत जाति के प्रतिनिधियों का कहना है कि, उनकी जाति ने अंग्रेजों से लगातार लोहा लिया था।

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Published on: 20 Nov 2023 10:53 AM GMT (Updated on: 20 Nov 2023 11:00 AM GMT)
Lodhi Rajput News
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media) 

Lodhi Rajput News: उत्तर प्रदेश सरकार का समाज कल्याण विभाग राज्य में ओबीसी कोटे में शामिल लोधी राजपूत जाति को विमुक्त जाति में शामिल करने की कवायद में जुटा है। इस दिशा में विभाग अध्ययन करा रहा है। आपको बता दें, फिरोजाबाद की तहसील शिकोहाबाद, जसराना, फतेहपुर और मैनपुरी जिलों में लोधी राजपूत को डीएनटी यानी 'विमुक्त जाति' का दर्जा हासिल है।

लोधी राजपूत जाति के प्रतिनिधियों ने इस संबंध में केंद्र सरकार को आवेदन दिया है। केंद्र को आवेदन देने वाले लोधी राजपूत जाति के प्रतिनिधियों का कहना है कि, उनकी जाति ने अंग्रेजों से लगातार लोहा लिया था। इसी के चलते उन्हें गुलाम भारत में 'अपराधी जनजातियों' के तहत रखा गया था। ऐसी जातियों को आजाद भारत में 'विमुक्त जाति' का दर्जा दिया गया है। मगर, यूपी में उनकी जाति को 3 जिलों में ही यह सुविधा प्राप्त है।

संस्थान सामाजिक स्थिति का करेगी अध्ययन

लोधी राजपूत को पूरे प्रदेश में में 'विमुक्त जाति' में शामिल करने में दावों के अध्ययन की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति व जनजाति शोध और प्रशिक्षण संस्थान को दी गई है। संस्थान उनकी सामाजिक स्थिति का अध्ययन करेगी। यह देखेगी कि विमुक्त जातियों में से उनकी प्रवृत्ति कितनी समानता रखती है।

2024 चुनाव से पहले कवायद तेज

गौरतलब है कि, लोकसभा चुनाव 2024 से पहले लोधी राजपूत जाति की पुरानी मांग एक बार फिर तेज हो गई है। उन्हें उम्मीद है कि केंद्र और राज्य में बीजेपी सरकार है। इसलिए किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी। लोधी राजपूत जाति के प्रतिनिधियों ने पहले भी केंद्र सरकार से इस संबंध में गुजारिश की थी। अब एक बार फिर कवायद तेज हो गई है।

लोधी राजपूत को पूरे यूपी में 'विमुक्त जाति' में शामिल करने के दावों के अध्ययन की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति व जनजाति शोध और प्रशिक्षण संस्थान को दी गई है। इसी के मद्देनजर संस्थान प्रयासरत है। अब देखना होगा कि, आने वाले समय में सरकार किस प्रकार निदान निकालती है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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