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श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में बोला हिंदू पक्ष- ‘श्रद्धालुओं पर लागू नहीं होता समझौता’

Mathura Shri Krishna Janmbhumi: मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में आज सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष ने अपनी बात रखी। वहीं मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की अर्जियों को खारिज करने की मांग की है।

Aniket Gupta
Published on: 22 April 2024 12:00 PM GMT
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में बोला हिंदू पक्ष- ‘श्रद्धालुओं पर लागू नहीं होता समझौता’
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Mathura Shri Krishna Janmbhumi: उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही मस्जिद विवाद केस में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष ने कहा कि मंदिर, मस्जिद प्रशासन के बीच 1968 में जो समझौता हुआ था वह श्रद्धालुओं पर लागू नहीं होता है। यह समझौता वादी पर बाध्यकारी है। साथ ही इसमें न तो प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट और न ही लिमिटेशन एक्ट लागू होगा। मामले में अगली सुनवाई 30 अप्रैल होगी, जिसमें हिंदू पक्ष की आगे की बहस होगी।

मुस्लिम पक्ष ने की हिंदू पक्ष की अर्जियों को खारिज करने की मांग

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने आज इस मामले में सुनवाई की। बता दें, मामले में मस्जिद पक्ष की बहस पहले ही पूरी हो चुकी है। अभी मामले में मुकदमों की पोषणीयता पर सुनवाई चल रही है। बता दें, मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल अर्जियों को खारिज करने की मांग की गई है। मुस्लिम पक्ष ने मुख्य तौर पर 1991 के प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, वक्फ एक्ट, स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट और लिमिटेशन एक्ट को आधार बनाते हुए हिंदू पक्ष की याचिकाओं को खारिज करने की दलील दी है।

18 अर्जियों पर एक साथ सुनवाई कर रहा हाईकोर्ट

मुस्लिम पक्ष की तरफ से ऑर्डर-7 रूल-11 के तहत मुकदमों की पोषणीयता को चुनौती दी गई है। बता दें, हाईकोर्ट 18 अर्जियों पर एक साथ सुनवाई कर रहा है। इस मामले में भी अयोध्या केस की तरह जिला अदालत की जगह सीधे हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है। बता दें, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में 13.37 एकड़ जमीन के हिस्से को लेकर करीब 350 साल पुराना विवाद है। इसमें करीब 11 एकड़ जमीन में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर मंदिर बना है।

ईदगाह में मंदिर से जुड़े कोई प्रमाण नहीं: मुस्लिम पक्ष

वहीं, 2.37 एकड़ जमीन में शाही ईदगाह बनी है। विवाद में हिंदू पक्ष की तरफ से दावा किया जाता है कि जन्मभूमि पर प्राचीन केशवनाथ मंदिर था। शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण 1669-70 में हुआ। हिंदू पक्ष के अनुसार, मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर को तुड़वाकर मस्जिद बनवाई थी। 1968 का जमीन समझौता अवैध है, इसे रद्द कर दिया जाए। दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष की ओर से दावा किया जाता है कि हिंदू पक्ष का दावा गलत है। ईदगाह में मंदिर से जुड़े कोई प्रमाण नहीं है।

Aniket Gupta

Aniket Gupta

Senior Content Writer

Aniket has been associated with the journalism field for the last two years. Graduated from University of Allahabad. Currently working as Senior Content Writer in Newstrack. Aniket has also worked with Rajasthan Patrika. He Has Special interest in politics, education and local crime.

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