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Noida Supertech Emerald Case: एसआईटी ने जांच की पूरी, मामले में हुआ बड़ा खुलासा, फाइनल नोटिंग हो रही तैयारी

नोएडा के सुपरटेक मामले की जांच अब लगभग पूरी हो चुकी है। लखनऊ से आई हुई एक टीम सभी दस्तावेजों को एकत्रित कर फाइनल नोटिंग तैयार कर रही है।

Deepankar Jain
Published on: 9 Sep 2021 2:37 PM GMT
The investigation of Noidas Supertech case is almost over now. A team from Lucknow is collecting all the documents and preparing the final noting.
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नोएडा सुपरटेक एमराल्ड मामला: डिजाईन फोटो- सोशल मीडिया

Noida Supertech Emerald Case: नोएडा के सुपरटेक मामले की जांच अब लगभग पूरी हो चुकी है। प्राधिकरण में दिन भर फाइलों के आने-जाने की प्रक्रिया चलती रही। लखनऊ से आई हुई एक टीम सभी दस्तावेजों को एकत्रित कर फाइनल नोटिंग तैयार कर रही है। वहीं बोर्ड रूम में 2004 से 2017 तक की कुछ ग्रुप हाउसिंग योजनाओं को दिए गए एफएआर का मिलान भी एमराल्ड की फाइल से कराया गया। देर शाम तक फाइनल रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जा सकती है।

अब तक की जांच में एक बात तो स्पष्ट हो चुकी है कि सुपरटेक के दोनों टावरों को दी गई स्वीकृति प्राधिकरण पॉलिसी के अनुसार ही है। इसका उल्लंघन मौके पर किया गया। इसमें प्राधिकरण कर्मचारियों व अधिकारियों ने उनका साथ दिया। बिल्डिंग बॉयलॉज के मानकों को ताक पर रख निर्माण कराया गया। फायर विभाग की ओर से आपत्ति लगाए जाने के बाद भी इसका जवाब प्राधिकरण की ओर से नहीं दिया गया। अन्य टावरों से दोनों टावरों की दूरी कुल सेंक्शन ऊंचाई का 60 प्रतिशत होनी चाहिए।

अन्य टावरों से दोनों टावरों की दूरी महज 20 से 30 मीटर ही है

यहां यह दूरी महज 20 से 30 मीटर ही है। आईआईटी रूढ़की से स्ट्रक्चरल जांच रिपोर्ट के बाद ही प्राधिकरण ने सुपरटेक का तीसरे रिवाइज प्लान को स्वीकृत किया। यहां एफएआर को देने में नियमों का उल्लंघन किया गया। सुपरटेक को तीसरी बार में 2.75 एफएआर सेंक्शन किया गया। दो बार एफएआर खरीद में सुपरटेक ने प्राधिकरण को कुल 23 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया। 2oo4 की अन्य फाइलों से मिलान के बाद काफी अनिमितता सामने आई।

एसआईटी की टीम ने किया स्थलीय निरीक्षण

एसआईटी की टीम गुरुवार को सियान और एपेक्स टावर का स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे। टीम ने बिल्डिंग बॉयलॉज मानकों के आधार पर इमारत का निरीक्षण किया। टीम के साथ प्राधिकरण के नियोजन अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। इस दौरान दोनों टावरों को सेंक्शन किए गए एफएआर, मानचित्र, ग्रीन बेल्ट, टावर-15 से टावर-16 व 17 की दूरी आदि देखी गई। इसकी एक रिपोर्ट तैयार की गई। कुछ फोटों भी बनाए गए।

Shashi kant gautam

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