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Jhansi News: खुद को मार रहे लोग, एक दिन में तीन ने लगाई फांसी, लक्षणों को पहचान नहीं, आप भी हो सकते हैं शिकार

Jhansi News: कई बार अपना अकेलापन दूर करने के लिए लोग नशे का सहारा लेते हैं और जब उन्हें लगता है कि अब वह काफी आगे निकल आए हैं।

B.K Kushwaha
Published on: 22 Feb 2023 12:49 PM GMT (Updated on: 22 Feb 2023 12:52 PM GMT)
Jhansi stress People are killing themselves
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Jhansi stress People are killing themselves (Social Media)

Jhansi News: आजकल के दौर में तनाव लोगों पर हावी रहता है, भागमभाग भरी जिंदगी के चलते लोग परिवार व समाज से दूर जा रहे हैं। ऐसे में कई बार वह अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं। कई बार अपना अकेलापन दूर करने के लिए लोग नशे का सहारा लेते हैं और जब उन्हें लगता है कि अब वह काफी आगे निकल आए हैं। उनके पास कोई सहारा नहीं है तो वह जीवन का बोझ समझने लगते हैं। अपने आप को खत्म करने का प्रयास करते हैं। ऐसे में हमें अपने लोगों के संपर्क में रहना चाहिए और उन से निरंतर बातचीत करनी चाहिए, जिससे उनका अकेलापन व तनाव दूर किया जा सके।

झाँसी परिक्षेत्र में आत्महत्या की घटनाओं में लगातार इजाफा दर्ज किया जा रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान जहां बड़ी संख्या में लोगों ने खुद को खत्म कर लिया, वहीं अब तक आत्महत्याओं का सिलसिला लगातार जारी है। पारिवारिक कलह आर्थिक संकट व तनाव के चलते लोग खुद को खत्म कर रहे हैं। चिंता की बात यह है कि एेसा करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। किस तरह से लोग अपने आप को खत्म कर रहे हैं। इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि झाँसी में एक ही दिन में तीन लोगों ने खुद को फाँसी लगाकर खत्म कर लिया।


तीन लोगों ने की आत्महत्या

झाँसी के सागर गेट, तालपुरा और नईबस्ती मोहल्ले में बीए के छात्र समेत तीन लोगों ने आत्महत्या कर ली। पुलिस तीनों आत्महत्याओं के कारणों की जांच कर रही है। कोतवाली थाना क्षेत्र के सागर गेट अंदर मोहल्ले में रहने वाला विशाल यादव अपने माता-पिता का अकेला बेटा था। परिजनों के मुताबिक विशाल बीए का छात्र था। उसके पिता लक्ष्मी तलाब के पास ढेरी खोले हुए थे। विशाल और उसके माता-पिता लक्ष्मी तालाब के पास ही किराए से रहते थे। विगत दिवस वह अपने पुराने घर अंदर सागर गेट गया हुआ था। जहां उसने कमरे में छत के हुक से लटककर फांसी लगा ली। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया।


वहीं, नवाबाद थाना क्षेत्र के तालपुरा में श्रीमती कामनी कुशवाहा, पति विक्की कुशवाहा अपने परिवार के साथ रहती है। परिजनों के मुताबिक कामनी कुशवाहा का पुलिया नम्बर 9 में मायका है। कामनी की शादी डेढ़ साल पहले हुई थी। कामनी के पति कैटरिंग का काम करते हैं। कामनी की सास ग्वालियर के पंचायत विभाग में काम करती है। विगत दिवस उसकी सास ग्वालियर गई थी। घर में कामनी और उसकी जेठानी थी। न जाने घर में ऐसा क्या हुआ कि कामनी ने कमरे में जाकर फांसी लगा ली। जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया। वहीं, कोतवाली थाना क्षेत्र के नईबस्ती मोहल्ले में रहने वाले जितेंद्र कुशवाहा ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जितेंद्र का एक बेटा और एक बेटी है। सूचना पर गई पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया।

बिना ठोस समस्या के लोग खुद को कर रहे खत्म

अलग- अलग व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों ने बिना किसी ठोस कारण के खुद को मौत के घाट उतार दिया। हालांकि, यह पहली बार नहीं है। झाँसी में पूर्व में ही लोग आत्महत्या की घटना को अंजाम दे चुके हैं। कोरोना वायरस संक्रमण दूसरी लहन के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने आत्महत्या की थी। फरवरी माह में अब तक 16 से अधिक आत्महत्या दर्ज की गई थी। हालांकि, यह सिलसिला अभी भी जारी है। आए दिन आत्महत्या की घटनाएं देखने को मिलती हैं।

क्या कहते हैं एक्सपोर्ट्स

एक्सपर्ट्स का कहना है कि आजकल की दिनचर्या व भागमभाग जिंदगी को लेकर लोगों का जीवन के प्रति मोहभंग हो रहा है। जिसके चलते लोग आत्महत्या की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। एेसे में लोगों को अपनी जीवनशैली व सामाजिक सक्रियता को बढ़ाना चाहिए। कई बार अकेलेपन के चलते लोग आत्महत्या करते हैं। मनोवैज्ञानिक डॉक्टर विनोद शुक्ला ने बताया कि आत्महत्या के कई बार अलग- अलग कारण होते हैं। कई बार व्यवसाय में घाटा, पारिवारिक समस्या, प्रेम संबंध में सफल होने के चलते लोग आत्महत्या करते हैं। लेकिन एक व्यक्ति के जीवन में इस तरह की समस्याएं सामान्य है। एक स्वस्थ आदमी इस तरह की समस्याओं में आत्महत्या नहीं कर सकता।

लोगों पर हावी हो रहा तनाव

आजकल के दौर में तनाव लोगों पर हावी रहता है, भागमभाग भरी जिंदगी के चलते लोग परिवार व समाज से दूर जा रहे हैं। एेसे में कई बार वह अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं। कई बार अपना अकेलापन दूर करने के लिए लोग नशे का सहारा लेते हैं और जब उन्हें लगता है कि अब वह काफी आगे निकल आए हैं और उनके पास कोई सहारा नहीं है तो वह जीवन को बोझ समझने लगते हैं और अपने आप को खत्म करने का प्रयास करते हैं। एेसे में हमें अपने लोगों के संपर्क में रहना चाहिए और उनसे निरंतर बातचीत करनी चाहिए, जिससे उनका अकेलापन व तनाव दूर किया जा सके।

इन बातों का रखें ध्यान

डॉक्टर विनोद शुक्ला ने बताया है कि आत्महत्या का सबसे प्रमुख कारण तनाव अकेलापन है। एेसे में हमें खुद वह अपने परिवार में यह देखना चाहिए कि कहीं हम यह हमारे परिवार का कोर् सदस्य, मित्र तनाव या अकेलेपन का शिकार तो नहीं हो रहा है। अगर कोई व्यक्ति गुमसुम रहता है, कम बात करता है आंखें मिलाकर बात नहीं कर पाता, अकेले कमरे में बंद रहता है, भीड़ भाड़ की जगह वह जाने से बचता है तो हमें उनकी समस्याओं को जानकर बातचीत करनी चाहिए। अगर मामला गंभीर लगे तो तत्काल किसी मनोवैज्ञानिक से इस बारे में सलाह लेनी चाहिए। एेसा करने से हम किसी भी बुरी स्थिति में पहुंचने से पहले व्यक्ति की मदद कर सकते हैं।

तांत्रिकों के चक्कर में लापता पिता को खोजते रहे परिजन

तांत्रिकों के चक्कर में परिजन लापता पिता खोजते रहे और उसकी मेडिकल कालेज में उपचार के दौरान मौत होने के बाद पोस्टमार्टम हो गया। गनीमत रही कि समय रहते परिजन पहुंच गए और उन्हें इसकी जानकारी हो गई। जानकारी होने के बाद परिजन उसके शव को अपने साथ ले गए।

हुआ यूंकि पिछले दिनों उरई आरपीएफ ने लगभग 60 वर्षीय अज्ञात युवक को मेडिकल कालेज में भर्ती कराया था। मेडिकल कालेज में 16 फरवरी को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम घर भेजकर उसकी शिनाख्त कराने का प्रयास शुरु कर दिया। 72 घंटे बीतने के बाद जब उसकी शिनाख्त हुई तो पुलिस ने अज्ञात में उसका पंचनामा करा दिया। पोस्टमार्टम होने के बाद उसका अंतिम संस्कार कराने की तैयारी चल रही थी। तभी कुछ लोग वहां पहुंचे और तस्वीर के माध्यम से उसकी पुन्नू पुत्र अर्जुन निवासी बड़ी सुरावली थाना गोहन जिला जालौन के रुप में शिनाख्त कराई।

10 फरवरी से था लापता

शिनाख्त होने के बाद परिजनों ने बताया कि मृतक 10 फरवरी से लापता चल रहा था। जिनकी लगातार खोजबीन चल रही थी। इस दौरान उन्होंने तांत्रिकों का सहारा भी लिया। उन्होंने जिधर बताया वह वहां गए, लेकिन कोई पता नहीं चल रहा था। जब पता चला कि उनकी मौत की खबर मिली। पुलिस ने जानकारी लेने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया।

Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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