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Gorakhpur News: सीएम सिटी में जलभराव पर सियासत, कांग्रेस-सपा ने घेरा तो विभाग पर फूटने लगा ठीकरा
Gorakhpur News: सीएम सिटी (Cm City) में जलभराव की समस्या को लेकर अब अफसरों में तेरी गलती-मेरी गलती का खेल चल रहा है। सपा, कांग्रेस, बसपा ने इसको लेकर सरकार को घेरा है।
Gorakhpur News: सीएम सिटी गोरखपुर जलभराव की समस्या से जूझ रहा है। ऐसे में सपा (SP), कांग्रेस (Congress) से लेकर बसपा (BSP) तक इसे मुद्दा बनाने में जुटे हैं। सपा नेत्री जूही सिंह गोरखपुर नाव लेकर पहुंची, तो वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी जलभराव वाले इलाकों में पहुंचकर लाइव कमेंट्री की है। जलभराव को मुद्दा बनता देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) कमिश्नर, जिलाधिकारी से लेकर नगर निगम (Nagar Nigam) के अधिकारियों की नकेल कस रहे हैं। अब अफसरों में तेरी गलती-मेरी गलती का खेल चल रहा है। नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में पीडब्ल्यूडी और सीएंडडीएस के इंजीनियरों को जलभराव का खलनायक मानते हुए निंदा प्रस्ताव लाया गया, लेकिन जनता सवाल पूछ रही है कि यदि दो विभाग खलनायक हैं तो नगर निगम हीरो कैसे हो सकता है? महापौर और नगर विधायक कैसे अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं? देवरिया और मेडिकल रोड के दोनों तरफ के दर्जनों मोहल्लों में हुए जलभराव को लेकर नगर निगम कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से पीडब्ल्यूडी और सीएंडडीएस के अधिकारियों को जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की संस्तुति की है। जलभराव के दोषी इंजीनियरों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया । कार्रवाई को लेकर शासन को पत्र लिखे जाने का निर्णय हुआ।
पीडब्ल्यूडी पर मेडिकल रोड पर मानक विहीन नाला बनाने और सीएंडडीएस पर तुर्रा नाला निर्माण में लेटलतीफी का आरोप है। शनिवार को नगर निगम सदन हाल में हुई कार्यकारिणी बैठक में जलभराव का मुद्दा छाया रहा। सभी सदस्यों ने एक स्वर में जलभराव से बिगड़े हालात पर चिंता जताई। सभी सदस्यों ने एक सुर में कहा कि मेडिकल कॉलेज रोड पर जलभराव के लिए पीडब्ल्यूडी तो वहीं देवरिया रोड पर समस्या के लिए सीएंडडीएस दोषी है। इंजीनियरों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया। उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा ने कहा कि विभाग आठ साल में नाला निर्माण पूरा नहीं कर सका। जिससे 16 करोड़ में बन कर तैयार होने वाले नाले की लागत 32 करोड़ रुपये पहुंच गई है। वहीं सदस्यों ने कहा कि पीडब्ल्यूडी द्वारा मोहल्लों से ऊंची फोरलेन की नाली बनाने से जलभराव की समस्या हुई है। इससे सरकार के रुपये की बर्बादी तो हुई ही, लाखों नागरिकों को नारकीय जिंदगी गुजारनी पड़ी।
नगर निगम के साथ नगर विधायक पर भी आरोप
सिंघड़िया से लेकर तुर्रा नाले तक नाला निर्माण का जिम्मा सीएंडडीएस को मिला हुआ है। इस नाले की डिजाइन को लेकर सवाल उठाते हुए नगर विधायक डॉ.राधा मोहन दास अग्रवाल ने आपत्ति जताई थी। जिससे शासन स्तर की टीम जांच करने पहुंची । लेकिन समाधान पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। पूर्व पार्षद हीरालाल कहते हैं कि सिर्फ सवाल उठाने से जनता की समस्याओं का निदान नहीं होता है। सवाल उठाने वालों को समाधान भी बताना चाहिए। इसके लिए नगर निगम से लेकर आला अफसर तक जिम्मेदार है। इसी तरह बिना डिजाइन के नाला निर्माण के लिए लोग नगर निगम को भी जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। व्यापारी नेता संतोष श्रीवास्तव कहते हैं कि नगर निगम के नालों की जांच हो जाए तो 80 फीसदी नालों की निकासी नहीं है। सिर्फ पार्षद और इंजीनियरों के लिए नाला निर्माण हो रहा है। आम लोगों की सहूलियत के लिए नाला निर्माण होता तो यह दुर्दशा नहीं झेलनी पड़ी।
अजय लल्लू जलभराव वाले इलाकों में गए तो जूही सिंह नाव लेकर पहुंचीं
जयभारत महासंपर्क अभियान को लेकर 75 घंटे के प्रवास के अंतिम दिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बीते दिनों देवरिया रोड स्थित बसुंधरानगर और सिंघड़िया इलाके में जलभराव में जिंदगी गुजार रहे लोगों का दर्द जाना था। बाद में लल्लू ने कहा कि गोरखपुर में विकास पागल हो गया है। विकास के नाम पर करोड़ों रुपये का बंदरबांट हो रहा है। गोरखपुर डूब रहा है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में विकास का ढिंढोरा पीट रहे हैं। लल्लू ने कहा कि 1989 से सांसद, विधायक, मेयर भाजपा के ही हैं। योगी स्वंय यहां से 5 बार सांसद रहे। अब मुख्यमंत्री हैं। इससे बड़ा कोई पद प्रदेश में नहीं हो सकता है। लोग महीने भर से पानी के चलते घरों में कैद हैं। यह दुर्दशा सरकार के नकारेपन का प्रतीक है। शनिवार को सपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह सीएम सिटी गोरखपुर में नाव लेकर पहुंची। वजह पूछने पर तंज कसते हुए कहा कि यहां बीजेपी सांसद से लेकर विधायक तक विकास की गंगा में डूब रहे हैं। ऐसे में नाव लेकर चलना ही विकल्प है। मोहल्लों और सड़कों पर भी पानी भरा है। संध्या जैसी छात्राएं नाव लेकर पढ़ने जा रही हैं। ऐसे में नाव मजबूरी में लेकर आना पड़ा।