×

कोरोना काल में खूब हुआ कंडोम का इस्तेमाल, साल 2021 में टूटे सारे रिकॉर्ड

Gorakhpur News: गोरखपुर में कोरोना काल के दौरान सरकारी अस्पतालों से लेकर दुकानों में कंडोम की बिक्री में जबरदस्त इजाफा हुआ है।

Purnima Srivastava
Published on: 11 Aug 2021 6:47 AM GMT
Gorakhpur News
X

कंडोल की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) जिले में कोरोना काल कई वस्तुओं की डिमांड कम होने से फैक्ट्रियां बंद हुई है। लेकिन सरकारी अस्पतालों से लेकर दुकानों से कंडोम की बिक्री में जबरदस्त इजाफा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग में 2017 में जहां 4 लाख की खपत हुई थी, वहीं बीते वित्तीय वर्ष में 8.64 लाख कंडोम की खपत हुई है।

कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के परिवार नियोजन अभियान को भी कंडोम की खपत से मदद मिली है। पुरुष इस साधन के जरिये परिवार नियोजन में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। आंकड़ों के दृष्टिकोण से हर साल जिले में इस्तेमाल होने वाले सरकारी कंडोम की संख्या में इजाफा हुआ है।

विशेषज्ञों का कहना है कंडोम परिवार नियोजन के लिए करागर

विशेषज्ञों का कहना है कि कंडोम न केवल परिवार नियोजन के लिए कारगर है। बल्कि सुरक्षित यौन संबंध का एक मजबूत तरीका भी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में करीब चार लाख कंडोम इस्तेमाल हुए। यह संख्या वर्ष 2018-2019 में बढ़ कर 6.80 लाख हो गयी। कोविड काल में भी वर्ष 2019-20 में कंडोम की डिमांड बनी रही और 6.83 लाख कंडोम इस्तेमाल हुए।

साल 2020-21 में कंडोम का सबसे अधिक इस्तेमाल हुआ

कोविड काल के बीच वित्तीय वर्ष 2020-2021 में करीब 8.64 लाख कंडोम इस्तेमाल किये गये। दवा विक्रेता संघ के दिलीप सिंह का कहना है कि दो वर्षों में कंडोम की बिक्री में 40 फीसदी का उछाल है। लोगों में जागरूकता बढ़ी है। बिक्री इसी तरफ इशारा कर रही है।

कंडोम की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

स्वास्थ्य केंद्रों पर फ्री में मिलता है कंडोम

पंकज का कहना है कि जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर कंडोम बॉक्स के जरिये निःशुल्क कंडोम उपलब्ध है। क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता और एएनएम के जरिये भी यह सुविधा निःशुल्क प्राप्त की जा सकती है। कंडोम के इस्तेमाल का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। इसका इस्तेमाल सही तरीके से करना चाहिए और निस्तारण भी उचित तरीके से ही होना चाहिए।

जिला स्तरीय प्रशिक्षक ने बताया कंडोम के इस्तेमाल को लेकर लोग भ्रांति का शिकार होते हैं

परिवार नियोजन सेवाओं के जिला स्तरीय प्रशिक्षक डॉ. संजय त्रिपाठी ने बताया कि लोग इस भ्रांति के शिकार होते हैं कि कंडोम का इस्तेमाल करने से सेक्सुअल आनंद में कमी आती है और निजी अंगों पर बुरा असर पड़ता है। यह दोनों भ्रांतियां सरासर गलत है। परिवार नियोजन का सबसे सुरक्षित अस्थायी साधन कंडोम है।

भ्रांति दूर हुई तो बढ़ी खपत

तमाम लोगों में यह भ्रांति होती है कि कंडोम का इस्तेमाल करने से सेक्स का आनंद कम हो जाता है। लेकिन उन्हें जागरूक किया जाता है। स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से उन्हें निःशुल्क कंडोम मिल जाते हैं। आशा भी यह सुविधा उपलब्ध कराती हैं। दम्पत्ति आपसी समझदारी से इस साधन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं है। दो बच्चों के बाद वह इसी साधन से परिवार नियोजन अपना रहे हैं।

Divyanshu Rao

Divyanshu Rao

Next Story