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Jalaun News: मिलजुल कर उठाया बोझ, धूमधाम से गरीब कन्या के हुए हाथ पीले

Jalaun News: जालौन में एक कहावत खूब प्रचलित है 'सात पांच की लड़की और एक जने को बोझ'। ये कहावत रविवार रात यहां नईबस्ती में चरितार्थ होती दिखी जब एक गरीब बेटी के हाथ पीले कराने में समाजसेवी आगे आ गई और आपस में मिलजुल कर उसकी शादी धूमधाम से कराई।

Afsar Haq
Report Afsar Haq
Published on: 21 Feb 2023 7:18 AM GMT
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शादी के मंड़प में दूल्हा (फोटो: सोशल मीडिया)

Jalaun News: जालौन बुंदेलखंड में एक कहावत खूब प्रचलित है 'सात पांच की लाकड़ी और एक जने का बोझ'। ये कहावत रविवार रात यहां नईबस्ती में चरितार्थ होती दिखी जब एक गरीब बेटी के हाथ पीले कराने में समाजसेवी आगे आ गए और आपस में मिलजुल कर उसकी शादी धूमधाम से कराई। घर गृहस्थी का सामान उपहार में दिया और सैकड़ों लोगों को खाना खिलाया। इस अवसर पर बाबा खाटूश्याम का दरबार भी सजा और रात भर भजन गाए गए।

आपको बता दें जालौन के कोच मे नईबस्ती इलाके के तिलक नगर में रविवार रात विजय के बगीचे में कन्या विवाह का भव्य आयोजन किया गया। इसमें बाबा खाटूश्याम का दरबार भी सजा। भजन गाए गए और खाना भी हुआ। झांसी निवासी रामेश्वर कुशवाहा की पत्नी सुमन के निधन के साथ ही उनकी बेटी पायल बचपन में ही कोंच स्थित अपने फूफा भोले के यहां आ गई थी। यहीं रहकर उसने पढ़ाई की। उसकी शादी रौरा मानपुरा निवासी स्व. कमलेश कुशवाहा के बेटे राजेंद्र से तय हो गई थी।

शादी का खर्च उठाने की क्षमता न तो पायल के पिता रामेश्वर और न ही फूफा भोले में थी तभी कस्बे के तमाम समाजसेवियों ने उस गरीब बेटी के हाथ पीले कराने का बीड़ा उठाया और उसे पूरा भी किया। पूरे मोहल्ले ने इस पुण्य कार्य में बढ़-चढ़ कर सहयोग किया। शीतल कुशवाहा, श्रेष्ठ कुशवाहा ने भी यहां पहुंच कर वर-कन्या को सुखी दाम्पत्य जीवन का आशीर्वाद दिया। समाजसेवियों द्वारा गरीब कन्या की शादी कहानी को लेकर नगर में चर्चा जोरों पर है लोगों का मानना है कि इस तरह की परंपरा से आपसी भाईचारा बढ़ता है। उन गरीब कन्याओं के भी हाथ पीले होते हैं गरीबी के कारण शादी हम समस्या होती है। उन्होंने कहा कि लोगों को समाज में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेकर पूर्ण कार्य करते रहना चाहिए।

ये रहे मौजूद

इस दौरान अवधेश कुशवाहा, राहुल तलवाड़, मुकेश अग्रवाल सदूपुरा, महेंद्र यादव, राजेंद्र यादव, वारिस राईन, रानू भाई, सबदल यादव, राहुल खरे, कुक्कू श्रीवास्तव, रानी पटेल, महेंद्र सोनी, निश्चल मयंक, मिठ्ठू सोनी, गोलू सोनी, गौरी चबोर, वेद पटेल, दिलीप अग्रवाल, संतोष तिवारी, अनूप राठौर, संतोष दीक्षित, राहुल तिवारी, जीतू गिरवासिया, रानी निरजंन, विकास गोयल, निखिल कुशवाहा, चंदन कुशवाहा, अशोक गुर्जर, संजू गिरवासिया, धर्मेंद्र राठौर आदि मौजूद रहे।

Prashant Dixit

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