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Sonbhadra: हत्या के मामले में कोर्ट का फरमान, दो हत्यारों को उम्रकैद

Sonbhadra News: आरोपियों ने हत्या के बाद शव को सड़क पर फेंक दिया। हत्या का मामला दर्ज कर पुलिस ने विवेचना की और पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत कर दी।

Kaushlendra Pandey
Published on: 27 Feb 2024 2:04 PM GMT
Sonbhadra News
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Sonbhadra News (Pic:Newstrack)

Sonbhadra News: बटाई के लिए जमीन न दिए जाने से नाराज होकर 17 वर्ष पूर्व चोपन थाना क्षेत्र के अवई गांव निवासी सुक्खूराम प्रजापति की गर्दन धारदार हथियार से काट दी गई और शव सड़क पर फेंक दिया गया था। 7 मार्च 2007 को हुई इस सनसनीखेज वारदात के मामले में मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एहसानुल्लाह खां की अदालत मे सुनवाई हुई। अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोषसिद्ध पाया गया।

तीन आरोपियों में एक की विचारण के दौरान ही मौत हो गई। दो आरोपियों के खिलाफ सुनवाई जारी रखते हुए, उन्हें दोषी पाया गया। दिल दहला देने वाली वारदात के लिए दोनों दोषियों शंकर पाल और बुद्धिराम उर्फ वकील को उम्रकैद तथा 25-25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में एक- एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतने का आदेश पारित किया गया।

यह था पूरा मामला

अभियोजन कथानक के मुताबिक केशवराम निवासी अवई, थाना चोपन ने चोपन थाने में 7 मार्च 2007 को एक तहरीर दी। इसके जरिए पुलिस को अवगत कराया कि उसके पिता सुक्खूराम प्रजापति ने अपना खेत बंटाई पर शंकर पाल पुत्र मटुकधारी निवासी अवई, थाना चोपन को दे रखा था। फसल की कटाई के बाद शंकर पाल ने पूरी फसल अकेले ले जाने की कोशिश की। जबकि उसने पिता ने अधिया पर खेती कराई थी। इसलिए सुक्खूराम ने एतराज जताते हुए आधी फसल ले ली और आधी-आधी फसल बंटाई के बाद, आगे के लिए जमीन शंकर पाल को बटाई पर देने से मना कर दिया।

खौफनाक तरीके से हत्या कर सड़क पर फेंक दिया था शव

इससे शंकर नाराज हो गया और उसने अपने साथी बुद्धिराम उर्फ वकील पुत्र छत्तर निवासी अवई और एक अन्य साथी के साथ मिलकर उसके पिता की धारदार हथियार से गला काट कर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को सड़क पर फेंक दिया। हत्या का मामला दर्ज कर पुलिस ने विवेचना की और पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत कर दी। विचारण के दौरान एक आरोपी की मौत हो गई। दो के खिलाफ सुनवाई जारी रही। सुनवाई पूरी होने के बाद मंगलवार को न्यायालय की तरफ से दोषी पाए गए शंकर पाल और बुद्धिराम उर्फ वकील को उम्रकैद तथा 25- 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई।

पीड़ित परिवार को एक लाख प्रतिकर देने का आदेश

कोर्ट ने यह भी आदेश पारित किया कि मृतक की पत्नी अगर जीवित होगी तो उसे अथवा उसके बेटे को एक लाख रूपये बतौर प्रतिकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राज्य सरकार से दिलाया जाएगा। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद कुमार पाठक की ओर से की गई।

Durgesh Sharma

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