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Sonbhadra News: पासरों पर लगाए गए गैंगस्टर मामले में पुलिस को बड़ा झटका, HC ने कहा प्रावधान-अपराध का उल्लेख किए बगैर गैंगस्टर सही नहीं

Sonbhadra News: हाल के दिनों में वाहन पासरों पर कसते शिकंजे और इससे जुड़े मामले में वांछित पाए जाने के बाद, की गई गैंगस्टर की कार्रवाई को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। गैंग लीडर बताए गए मनीष दूबे की तरफ से दाखिल गई याचिका पर, संबंधित गैंग के खिलाफ दर्ज गैंगस्टर की एफआईआर को रद्दे करने के आदेश दिए गए हैं।

Kaushlendra Pandey
Published on: 18 Dec 2023 3:39 PM GMT
In the gangster case imposed on passers-by, HC said that without mentioning the provision - crime, gangster is not correct
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पासरों पर लगाए गए गैंगस्टर मामले में HC ने कहा प्रावधान-अपराध का उल्लेख किए बगैर गैंगस्टर सही नहीं: Photo- Social Media

Sonbhadra News: हाल के दिनों में वाहन पासरों पर कसते शिकंजे और इससे जुड़े मामले में वांछित पाए जाने के बाद, की गई गैंगस्टर की कार्रवाई को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। गैंग लीडर बताए गए मनीष दूबे की तरफ से दाखिल गई याचिका पर, संबंधित गैंग के खिलाफ दर्ज गैंगस्टर की एफआईआर को रद्दे करने के आदेश दिए गए हैं। हालांकि कोर्ट की तरफ से पारित आदेश में यह भी कहा गया है कि इससे जुडे प्रकरण में परिस्थितियों और तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए, आगे अगर कोई नई कार्रवाई की स्थिति बनती है तो पुलिस उसके लिए स्वतंत्र है।

बताते चलें कि राबटर्सगंज कोतवाली में छपका निवासी मनीष दुबे को गैंग लीडर बताते हुए कुल 25 कथित वाहन पासरों के खिलाफ गैंगस्टर का केस दर्ज किया गया था। इस एफआईआर को कई आरोपियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उसी कड़ी में मनीष सहित तीन लोगों ने अलग से याचिका दाखिल कर रखी थी। याचिका के जरिए कहा था कि याचिकाकर्ता पर असामाजिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है, जिसके कारण उन पर गैंगस्टर का मुकदमा चलाया जा रहा है।

हाईकोर्ट का आदेश

तथ्यों का परीक्षण करते हुए कोर्ट ने पाए कि अधिनियम से संबंधित प्रावधान का उल्लेख किए बिना तथा ऐसी असामाजिक गतिविधियां जिनमें अभियुक्त शामिल है और जिसके आधार पर वह शामिल है, उसका उल्लेख किए बिना गैंगस्टर के रूप में नामित करते हुए किसी व्यक्ति को दंडित नहीं किया जा सकता। इस तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा और अरूण कुमार देशवाल की बेंच ने गत शुक्रवार को मामले की सुनवाई की और संबंधित एफआईआर को रद्द (क्वैश) करने का आदेश पारित किया। आदेश में हाईकोर्ट की तरफ से यह स्पष्ट किया गया है कि पुलिस को उनके विरुद्ध नई कार्यवाही शुरू करने के लिए नहीं रोका गया है। कानून के प्रावधानों के मुताबिक अगर किसी नई कार्रवाई की स्थिति बनती है तो पुलिस उसे करने के लिए स्वतंत्र है।

Shashi kant gautam

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