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Sonbhadra: टोल मामले में एनजीटी का बड़ा फैसला, जवाब दाखिल न करने वालों पर लगाई पेनाल्टी

Sonbhadra News: एनजीटी की प्रधान पीठ ने मामले में सम्यक निर्णय के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण को पक्षकार नामित करते हुए 2 महीने के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 26 April 2024 1:22 PM GMT
Sonbhadra News
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Symbolic Image (Pic:Newstrack)

Sonbhadra News: सोनभद्र के लोढ़ी में वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग स्थित टोल प्लाजा को लेकर एनजीटी का बड़ा फैसला सामने आया है। एनजीटी की प्रधान पीठ ने मामले में सम्यक निर्णय के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण को पक्षकार नामित करते हुए 2 महीने के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। वहीं, मामले में एनजीटी को कड़ी हिदायत के बावजूद जवाब दाखिल न करने वाले तीन पक्षकारों पर 10-10 हजार की पेनाल्टी लगाई गई है। साथ ही उन्हें एक मौका देते हुए हर हाल में अगली सुनवाई से पहले, जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।

एनजीटी ने यूपीपीसीबी और यूपीएसईआईएए को बनाया पक्षकार

बताते चलें कि एसीपी टोलवेज प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से लोढ़ी में संचालित टोल प्लाजा और निर्मित किया गया प्रशासनिक भवन सहित अन्य निर्माण की वैधता को चुनौती देते हुए एनजीटी में याचिका दाखिल की गई है। अधिवक्ता आशीष चौबे की तरफ से दाखिल याचिका में, निर्धारित शर्तों का उल्लंघन कर सेंचुरी एरिया में निर्माण का दावा करते हुए, निर्माण ढहाए जाने तथा पर्यावरण को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति वसूलने का अनुरोध किया गया है। वही एनजीटी की तरफ से गठित संयुक्त समिति की तरफ से भी शर्तों के विपरीत सेंचुरी एरिया में निर्माण किए जाने की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। एसीपी टोलवेज प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से इस पर आपत्ति जताए जाने के बाद, एनजीटी की तरफ से सभी पक्षकारों से जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था।

पिछले दिनों न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी की अगुवाई वाली पीठ ने मामले की सुनवाई की। पाया कि मामले में प्रतिवादी संख्या 4, 6 और 8 द्वारा पर्याप्त समय दिए जाने के बावजूद जवाब दाखिल नहीं किया गया है। गंभीरता से लेते हुए एनजीटी की प्रधान पीठ ने जवाब दाखिल न करने वाले पक्षकारों पर पेनल्टी लगाते हुए हर हाल में एक माह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, यूपीपीसीबी और यूपीएसईआईएए को पक्षकार संख्या 9 और 10 नामित करते हुए, इस मसले पर अपनी प्रतिक्रिया, 2 माह के भीतर बेंच के सामने रखने के लिए कहा गया है। साथ ही, कैमूर वन्य जीव एरिया के डीएफओ को अगली सुनवाई पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के समय व्यक्तिगत उपस्थिति दर्ज कराने, उचित निर्णय में न्यायाधिकरण की सहायता करने और प्रकरण से जुड़े रिकार्ड को, एनजीटी के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। मामले में अगली सुनवाई की तिथि, 10 जुलाई 2024 निर्धारित की गई है।

Durgesh Sharma

Durgesh Sharma

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