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Sonbhadra Exclusive: बगैर सीटीओ संचालित खदानों पर नहीं हुई कार्रवाई तो धारा 26 के तहत दर्ज होगा मुकदमा
Sonbhadra News: एनजीटी के निर्देश के बाद भी बगैर सीटीई/सीटीओ खदानों का संचालन पाया गया तो एनजीटी की धारा 26 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है। इस चेतावनी के साथ, एनजीटी ने इसको लेकर की जा रही/की गई कार्रवाई के बाबत दो माह के भीतर रिपोर्ट तलब कर ली है।
Sonbhadra News: एनजीटी के निर्देश के बाद भी बगैर सीटीई/सीटीओ खदानों का संचालन पाया गया तो एनजीटी की धारा 26 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है। इस चेतावनी के साथ, एनजीटी ने इसको लेकर की जा रही/की गई कार्रवाई के बाबत दो माह के भीतर रिपोर्ट तलब कर ली है। इस निर्देश के बाद, सोनभद्र में भी, आदेश के दायरे में आने वाले लोगों की बेचैनी बढ़ गई है। यहां आठ पत्थर खदानों सहित नौ को बगैर सीटीई/सीटीओ संचालन की रिपोर्ट एनजीटी को सौंपी गई और यूपीपीसीबी की तरफ से गत 10 जनवरी को संबंधित खदानों को तत्काल प्रभाव से बंद किए जाने का निर्देश जारी किए जाने की जानकारी दी गई। बावजूद मामले में जहां अब तक कार्रवाई सामने नहीं आ सकी है। वहीं, प्रकरण को लेकर डैमेज कंट्रोल में जुटे लोगों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।
जानिए क्या कहा, एनजीटी की मुख्य बेंच ने और क्या दिया निर्देश
गत 21 मार्च को एनजीटी की मुख्य बेंच ने मामले की सुनवाई की। कानपुर को लेकर दिए गए निर्देशों के अनुपालन की रिपोर्ट का परिशीलन करने के बाद पाया कि ट्रिब्यूनल ने गत 17 अक्टूबर 2023 को निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग, उत्तर प्रदेश को निर्देशित किया था कि यूपी में जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक के जरिए वह इस बात को सुनिश्चित करें कि किसी भी खनन को शुरू करने या जारी रखने की अनुमति तब तक न दी जाए, जब तक यूपीपीसीबी से सीटीई/सीटीओ प्राप्त न कर लिया जाए और इसके बारे में अपलोड जानकारी का सत्यापन न कर लिया जाए। इसको लेकर बेंच ने यूपीपीसीबी के सदस्य सचिव से जानकारी मांगी तो उनके द्वारा बताया गया कि सभी खनन पट्टा धारकों ने अभी तक यूपीपीसीबी से सीटीओ प्राप्त नहीं किया है। कोर्ट को यूपीपीसीबी की तरफ से सीटीओ प्राप्त न करने वाले खनन पट्टों की सूची सौंपते हुए, बंदी का आदेश दिए जाने की जानकारी दी गई थी। इसके अनुपालन में क्या हुआ, इसको लेकर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई थी।
दो माह में तलब की गई दिए गए निर्देश के अनुपालन की रिपोर्ट
बेंच ने पाया कि अभी तक 17 अक्टूबर 2023 के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है। कोर्ट ने पूर्व में दिए गए निर्देश को दोहराते हुए हिदायत दी कि यदि किसी भी मामले में यह पाया जाता है कि संबंधित यूपीपीसीबी से सीटीओ प्राप्त किए बिना खनन जारी है तो इसको लेकर राष्ट्रीय हरित की धारा 26 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है। वहीं, निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म उत्तर प्रदेश को इस बात का निर्देश दिया गया कि वह व्यक्तिगत रूप से जांच कर निरस्तीकरण के लिए समुचित कार्रवाई करें। बताते चलें कि पूरे यूपी में जहां 150 खनन पट्टों को बगैर सीटीई-सीटीओ के संचालित होने की जानकारी दी गई। वहीं, इसमें सोनभद्र के नौ और मिर्जापुर के 30 खनन पट्टों को शामिल किया गया था। संबंधित खनन पट्टों के संचालन पर तत्काल प्रभाव से रोक के लिए मुख्य पर्यावरण अधिकारी वृत्त दो की तरफ से अनुपालन के निर्देश भी दिए गए लेकिन इन आदेशों को प्रभावी बनाने के जिम्मेदार, सोनभद्र स्थित क्षेत्रीय कार्यालय की तरफ से चुप्पी साध ली गई।
सोनभद्र के इन-इन खनन पट्टों पर प्रभावी हो सकती है बंदी
यूपीपीसीबी की तरफ से एनजीटी को सौंपी गई रिपोर्ट में बताया गया था कि 20 अक्टूबर 2023 को, संबंधित खनन पट्टों को कारण बताओ नोटिस जारी की गई थी लेकिन उनकी तरफ से न तो नोटिस का कोई प्रति उत्तर दिया गया न ही राज्य बोर्ड से जल एवं वायु अधिनियम के अंतर्गत सीटीई/सीटीओ प्राप्त किए जाने के संबंध में निवेश मित्र पोर्टल पर आवेदन की प्रक्रिया अपनाई गई। इसके बाद सिरसिया ठकुराई में गाटा संख्या 52 की पांच हेक्टेअर एरिया में बिंदुवती देवी के नाम संचालित पत्थर खनन पट्टा, ओबरा तहसील क्षेत्र के बिल्ली-मारकुंडी में गाटा संख्या 7536ग में संचालित चार हेक्टेअर एरिया का पत्थर खनन पट्टा, बिल्ली-मारकुंडी में ही मेसर्स श्री महादेव इंटरप्राइजेज, गाटा संख्या 4949ख, एरिया 5.880 हेक्टेअर, प्रोपराइट अरूण सिंह यादव के नाम जारी पत्थर खनन पट्टा, बिल्ली मारकुंडी में ही अजय कुमार सिंह के नाम गाटा संख्या 7536 ग में जारी चार हेक्टेअर के पत्थर खनन पट्टा, ओबरा तहसील क्षेत्र के ससनई में सोन नदी में अभिषेक कुमार सिंह की फर्म मेसर्स उन्नति इंजीनियिरंग के नाम गाटा संख्या 221छ में 18.215 हेक्टेअर के लिए जारी बालू खनन पट्टा, मेसर्स एकेएस इंडस्ट्रीज प्रोपराइटर अजय कुमार सिंह के नाम दुद्धी तहसील क्षेत्र के जाताजुआ में गाटा नंबर 2ग में जारी 1.670 हेक्टेअर का पत्थर खनन पट्टा, लखनऊ के रहने वाले राजीव कुमार शर्मा के नाम ओबरा तहसील क्षेत्र के बिल्ली-मारकुंडी स्थित एरिया 1.80 हेक्टेअर की खदान और बारी डाला निवासी अमित मित्तल की मेसर्स अमित इंटरप्राइजेज के नाम बिल्ली-मारकुंडी खंड नंबर आठ रकबा 4.230 हेक्टेअर में संचालित पत्थर खनन पट्टा का संचालन तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्देश जारी किया गया।