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डीजी होमगार्ड बोले- 25,000 जवानों को फिर से काम मिले, ऐसी व्यवस्था कर रहे

aman
By aman
Published on: 31 Oct 2017 9:45 AM GMT
डीजी होमगार्ड बोले- 25,000 जवानों को फिर से काम मिले, ऐसी व्यवस्था कर रहे
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लखनऊ: पुलिस विभाग में 'लेटर बम' फूटने के बाद डीजी होमगार्ड सूर्य कुमार शुक्ल अचानक एक्शन में आ गए हैं। पहली बार विभाग में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की शुरुआत की तैयारी है। डीजी होमगार्ड का दावा है कि इससे दूरदराज के होमगार्डों की समस्याओं के निराकरण में आसानी होगी।

होमगार्ड मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने ने बताया, कि 'होमगार्ड विभाग में मैं ये संकल्प लेकर आया हूं कि यहां कुछ ऐतिहासिक करना है। हम शिकायतों की जांच करा रहे हैं। अगर किसी प्रकार का कोई आरोप सही पाया जाएगा तो उस पर कार्रवाई करेंगे।

आयोग को दिए जाएंगे 78 हजार होमगार्ड

सूर्य कुमार शुक्ल ने बताया, कि 'निकाय चुनाव में 78 हजार होमगार्ड आयोग को देने का हमने वादा किया है। ज्यादातर होमगार्ड स्वयंसेवक होते हैं। उन्हें इकठ्ठा करना पड़ता है। ये दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी होते हैं। इन्हें 375 रुपए दैनिक वेतन के रूप में दिए जाते हैं। चुनाव में इसका आधा भोजन भत्ता दे दिया जाएगा। इसके साथ ही सितम्बर तक का भुगतान कर दिया जाएगा।'

राजधानी के लिए अन्य राज्यों से मंगाए होमगार्ड

डीजी होमगार्ड ने बताया कि 'कागज चेक करने में जवानों के पैसा लेने की कई घटनाएं सामने आयी। इसके बाद हमने दो लोगों की सेवाएं रोक दी हैं। हमने 431 होमगार्डों को लखनऊ में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए अन्य जिलों से मंगाकर यहां काम पर लगाया है। पूरे प्रदेश के लिए 2,500 होमगार्डों की व्यवस्था हमने की है। होमगार्डों की एक बैठक आयोजित की गई जिसमें सभी की समस्याओं को सुना गया। साथ ही उनके द्वारा सुझाए गए बातों पर अमल किया जा रहा है।'

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25,000 जवानों को फिर से काम मिले, ऐसी व्यवस्था

सूर्य कुमार शुक्ल ने आगे कहा, 'बाढ़ ड्यूटी में 688 कर्मचारियों को भेजा गया था। इनकी ट्रेनिंग एनडीआरएफ से कराई गई। 1,200 जवानों को इन्सास रायफलों की ट्रेनिंग कराई जा चुकी है। 25,000 जवानों को फिर से काम मिल जाए, ऐसी व्यवस्था की जा रही है। 'नमामि गंगे' यात्रा में इन्हें 27 दिन तक यात्रा कर जागरूक किया गया। दिसंबर में ऑल इंडिया सीनियर ऑफिसर आफिसर का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।'

600 शिकायतों में से 500 का निस्तारण किया

उन्होंने बताया, 'आईजीआरएस में आयी 600 शिकायतों में से 500 का हमने निस्तारण किया। अधिकारियों की शिकायतों के लिए दूसरे जिलों के अधिकारियों से जांच कराई गई। ऑब्जर्वर की भी ड्यूटी लगाई गई जो मैडल प्राप्त अधिकारी थे। बावजूद इसके कई कमियां रह जाती हैं। तीन जिलों में कमियां पायी गईं, जिसमें होमगार्डों से पैसे लेने की शिकायतें मिली। जिसमें सस्पेंड और एफआईआर तक कराई गई। कुछ जिलों में 5 प्रतिशत, बड़े जिलों में 7 प्रतिशत फिक्स ड्यूटी की व्यवस्था कर दी गई है।'

पारदर्शी व्यवस्था की गई है

प्रमोशन के लिए हमने अभियान चलाया। साथ ही मृतक आश्रित नियुक्तियों की भी व्यवस्था की। डायल 100 के लिए 2,600 होमगार्ड हमने दिए, जो पुलिस की गाड़ियों को चला रहे हैं। एमटी सेक्शन में अनियमितताओं का आरोप लगा, तो हमने तत्काल जांच के आदेश दिए। हमने सर्कुलर भेजा है कि पूरे यूपी में मेनुअल ड्यूटी न लगाईं जाए। संतोष कुमार को अब जांच दी गई है वह जल्द से जल्द जांच पूरी कर रिपोर्ट सौपेंगे। विभाग के अधिकारियों को उचित व्यवस्था देनी पड़ती है। जिसमें गाड़ियों की व्यवस्था आदि भी शामिल होती है जिसकी पारदर्शी व्यवस्था की गई है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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