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Meerut News: लड़के पांच फीसदी कम पढ़ेगे तो चलेंगे, सौ फीसदी बच्चियों की शिक्षा होनी ही चाहिए: आनंदीबेन

Meerut News: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के 34 वें दीक्षा समारोह में बोलीं राज्यपाल, लड़के पांच फीसदी कम पढ़ेगे तो चलेंगे। लेकिन, सौ फीसदी बच्चियों की शिक्षा होनी ही चाहिए।

Sushil Kumar
Published on: 15 Dec 2022 10:44 AM GMT (Updated on: 15 Dec 2022 12:46 PM GMT)
If boys study 5% less then it will be fine, 100% girls must be educated: Anandiben
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मेरठ: यूपी राज्यपाल आनंदीबेन ने कहा कि लड़के पांच फीसदी कम पढ़ेगे तो चलेगा बच्चियों की शिक्षा होनी ही चाहिए

Meerut News: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के 34 वें दीक्षा समारोह में बोलीं राज्यपाल, लड़के पांच फीसदी कम पढ़ेगे तो चलेंगे। लेकिन, सौ फीसदी बच्चियों की शिक्षा होनी ही चाहिए। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के 34 वें दीक्षा समारोह में गुरुवार को पहुंचीं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल (UP Governor Anandiben) ने लड़कियों को 70 फीसदी से ज्यादा मेडल मिलने पर कहा कि आज विवि की ओर से लगभग 195 गोल्ड मेडल दिए गए,जिनमें 70 फीसदी छात्राओं को मिले हैं। बाकी बचे 30 फीसदी छात्रों को मिले।

इसलिए मैं 30 छात्रों को खास बधाई देना चाहती हूं कि उन्होंने 30 फीसदी मेडल ना लिए होते तो सारे मेडल ही बेटियां ले जातीं। छात्रों की आबरु जाती। उन्होंने कहा कि मैं अपेक्षा करती हूं कि अगली साल ये संख्या 50-50 रहे। उन्होंने कहा कि लेकिन कहीं ऐसा न हो जाए कि अगले साल लड़की 90 फीसदी और 10 फीसदी लड़के रह जाएं।

लड़कियों का पढ़ना समाज के लिए बहुत ही गौरव की बात है

राज्यपाल आनंदीबेन पटले ने कहा कि यह बड़ी चिंता का विषय है। लेकिन मैं सालों से यह देख रही हूं। जब मैं पढ़ती थी। तब कोई लड़कियां नहीं पढ़ती थी। मुझे याद है कि जब मैं प्राइमरी में पांचली, छठी, सातवीं कक्षा में पढ़ती थी तो पूरे स्कूल में मैं एक ही लड़की थी। जब हाई स्कूल में आए तो तीन लड़कियां हुईं और फिर कालेज में मैने एडमिशन लिया तो पूरे कालेज में एक हजार स्टूडेन्ट के बीच में मैं अकेली थी। ऐसी स्थिति थी उस समय और यह देखते-देखते आज हमारी लड़कियां जो आगे बढ़ रही हैं। इस समाज के लिए बहुत ही गौरव की बात है।

महात्मा गांधी और हमारे कई शिक्षाविद कहते हैं कि एक लड़की पढ़ती हैं ना तो सात पीढ़ी आगे बढ़ती हैं। क्योंकि बच्चे को संस्कार देने का काम तो मां करती है। और यदि मां ही अनपढ़ होगी,पूर्व रिवाजों से त्रस्त होगी। अंध विश्वासों को मानने वाली होगी तो परिवार में संस्कार कैसे आएंगे। और इसी वजह से जरुरी है कि लड़के पांच फीसदी कम पढ़ेगे तो चलेंगे। लेकिन सौ फीसदी बच्चियों की शिक्षा होनी ही चाहिए।

दहेज प्रथा के खिलाफ आंदोलन का आह्वान

दहेज के कारण हुई महिलाओं की बढ़ती हत्याओं पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने समाज के हर वर्ग को दहेज प्रथा के खिलाफ आंदोलन करने का आह्वान किया। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि इस ओर समाज के हर वर्ग को चिंता करनी चाहिए और दहेज प्रथा को बंद करने के लिए समाज के अग्रणी लोगों, नेताओं व अन्य को इसके खिलाफ आंदोलन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विवाह के बाद हर बात पर पैसे मांगने की आदत छोड़ कर उन्हें स्वयं आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि बाल विवाह जैसे कार्य समाज में हो रहे हैं, इस पर भी हमें शर्म आनी चाहिए। छोटी-छोटी बेटियां गांव-गांव में बाल विवाह के खिलाफ नुक्कड़ नाटक कर लोगों को जागरूक कर रही हैं। लेकिन बड़े इस ओर कदम नहीं उठा रहे हैं।

Shashi kant gautam

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