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सोनभद्र की सियासत में भूचाल, 2012 में धान खरीद और 2002 में प्रधानी में गबन बना BJP के गले की फांस

Sonbhadra: वर्ष 2012 में राबर्ट्सगंज विधानसभा क्षेत्र में साधन सहकारी समिति खलियारी (क्रय केंद्र) पर धान खरीद को लेकर हुई कथित मारपीट के मामले ने जहां भाजपा खेमे की सियासत गरमा दी है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 26 Dec 2021 5:51 AM GMT
सोनभद्र की सियासत में भूचाल, 2012 में धान खरीद और 2002 में प्रधानी में गबन बना BJP के गले की फांस
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Sonbhadra : एसोसिएट डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) की ताजा रिपोर्ट में जिले के दो विधायकों का नाम शामिल होने और इसमें संबंधित राजनीतिक दलों से 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट न देने की अपील ने जिले की सियासत में भूचाल ला दिया है।

वर्ष 2012 में राबर्ट्सगंज विधानसभा क्षेत्र में साधन सहकारी समिति खलियारी (क्रय केंद्र) पर धान खरीद को लेकर हुई कथित मारपीट के मामले ने जहां भाजपा खेमे की सियासत गरमा दी है। वहीं 2002 में दुद्धी विधानसभा क्षेत्र के गड़दरवा ग्राम पंचायत में विकास कार्यों में कथित गबन-कागजों में हेराफेरी का मामला अपना दल एस खेमे में सियासी गर्माहट का कारण बन गया है।

2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट न देने का अनुरोध

बताते हैं कि एडीआर की तरफ से जारी रिपोर्ट में प्रदेश के मौजूदा 45 विधायकों पर एमपी-एमएलए कोर्ट में आरपी अधिनियम (रिप्रेजेन्टेशन ऑफ पीपुल एक्ट/लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम) 1951 की धारा 8(1), (2) और (3) के तहत आरोप तय कर सुनवाई शुरू किए जाने की जानकारी दी गई है। एडीआर ने यह रिपोर्ट पहली बार जारी की है।




इसके जरिए राजनीतिक दलों से आपराधिक मामलों में आरोपी विधायकों को 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट न देने का अनुरोध किया गया है। हालांकि चुनाव लड़ने की पात्रता या अपात्रता तय करने का अधिकार केंद्रीय चुनाव आयोग के पास है। वहीं इस रिपोर्ट पर राजनीतिक दलों की क्या प्रतिक्रिया सामने आती है, यह भी स्पष्ट होना बाकी है।

एडीआर के मुख्य समन्वयक डा. संजय सिंह की तरफ से जारी रिपोर्ट में यह बताया गया है कि 45 विधायकों की सूची में भाजपा के 32, सपा के पांच, बसपा और अपना दल के तीन-तीन और कांग्रेस व अन्य दल के एक-एक विधायक शामिल हैं। सूची में सोनभद्र के भाजपा विधायक भूपेश चौबे और अपना दल एस विधायक हरिराम चेरो का नाम शामिल किया गया है।

यह है एडीआर रिपोर्ट में उल्लिखित भाजपा विधायक भूपेश से जुड़ा मामला

तत्कालीन समय में भाजपा जिलाध्यक्ष रहे भूपेश चौबे, चंद्रभूषण पांडेय, महेंद्र जायसवाल, धीरेंद्र जायसवाल सहित अन्य लोग 27 दिसंबर 2012 की शाम लगभग चार बजे रायपुर थाना क्षेत्र स्थित साधन सहकारी समिति खलियारी (क्रय केंद्र) पहुंचे। धान खरीद ठप देखकर वहां तैनात तत्कालीन सचिव युधिष्ठिर यादव से खरीद न होने के बारे में जानकारी मांगी।


आरोप है कि इस बात को लेकर सचिव से मारपीट की गई। थाने में दी तहरीर में सचिव का कहना था कि उसने नेताओं को जानकारी दी थी कि जब ट्रक आएगा तो खरीद शुरू होगी, ताकि ट्रक पर तत्काल किसान का धान लदकर गोदाम में चला जाए। इस पर भाजपा नेताओं ने उसकी पिटाई शुरू कर दी। आरोप लगाया कि पिटाई से उसका मुंह और नाक टूट गया।

वहीं, भूपेश चौबे का कहना था कि क्रय केंद्र पर सचिव ने व्यापारियों को लाइन में आगे खड़ा कर रखा था और किसानों को पीछे। इस पर जब उससे पूछताछ की गई तो उसने गाली-गलौज शुरू कर दी। इससे नाराज कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को समझा कर शांत कराया।

उन्होंने सचिव द्वारा पिटाई के लगाए गए आरोप को झूठा बताते हुए इसे धान खरीद में गड़बड़ी करने की साजिश करार दिया था। सचिव की तहरीर पर जिलाध्यक्ष रहे भूपेश चौबे सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर धारा 147, 332, 353 आईपीसी के तहत चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित की गई थी। ---एडीआर रिपोर्ट में उल्लिखित हरीराम चेरो से जुड़े प्रकरणः वर्ष 2002 में दुद्धी से अपना दल एस विधायक हरीराम चेरो अपनी ग्राम पंचायत गड़दरवा के प्रधान थे।

उस समय दुद्धी में तैनात रहे तत्कालीन एडीओ पंचायत विनोद कुमार और एडीओ पंचायत जमुना प्रसाद पांडेय की तरफ से दुद्धी कोतवाली में पंचायत भवन, निर्बल आवास और खड़ंजे में कथित गबन, कागजों में कथित हेराफेरी के आरोप में दो मामले (धारा 467, 468 आईपीसी तथा धारा 409 आईपीसी) दर्ज कराए गए थे।

वहीं 2001 में दुद्धी कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मण राय के समय में पुलिस टीम पर फायरिंग करने के कथित मामले में हत्या के प्रयास की धारा में एफआईआर दर्ज हुई थी। इसी तरह 1997, 1998, 2001, और 2011 में विभिन्न आरोपों में कुल चार मामले दर्ज कर चार्जशीट न्यायालय भेजी गई थी।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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