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Bageshwar Dham Sarkar: आखिर कौन हैं 'बाबा' धीरेंद्र शास्त्री, देखें वीडियो में ये बड़ी जानकारी

Baba Bageshwar Dham Sarkar Video: गुरु जी के सामने लोगों की लाइन देख कर के कहा जा सकता है कि गुरु जी इन दिनों नाम कमाने में किसी से पीछे नहीं हैं। उन्होंने अपने पुराने तमाम गुरुओं को पीछे छोड़ दिया है।

Yogesh Mishra
Written By Yogesh Mishra
Published on: 28 Jan 2023 3:34 PM GMT
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Bageshwar Dham Sarkar Video: इन दिनों बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण सुर्ख़ियों में हैं। कोई इन्हें ढोंगी और अंधविश्वास फैलाने वाला बता रहा है, कोई इन्हें भगवान का अवतार बना रहा है। गुरु जी के सामने लोगों की लाइन देख कर के कहा जा सकता है कि गुरु जी इन दिनों नाम कमाने में किसी से पीछे नहीं हैं। उन्होंने अपने पुराने तमाम गुरुओं को पीछे छोड़ दिया है। गयी नहीं, जिस तरह बाबा लोगों की दिक़्क़तें दूर कर रहे हैं। लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। लोगों के बारे में सब कुछ बिना पूछे जाँचें बता दे रहे हैं। इससे न केवल बाबा का संसार बढ़ रहा है बल्कि बाबा के फ़ालोअर भी बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया पर इसे देखा और पढ़ा जा सकता है कि कितनी तेज़ी से बाबा के चाहने वालों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में यह जानना ज़रूरी हो जाता है कि बाबा का नया अवतार, बागेश्वर धाम और धीरेंद्र कृष्ण हैं कौन?

बाबा की बायोग्राफी

बागेश्वर धाम मंदिर दरअसल मध्य प्रदेश के छतरपुर में गड़ा गंज गांव में है। यह बालाजी हनुमान का मंदिर है। धीरेंद्र शास्त्री इसी मंदिर के महंत हैं। धीरेंद्र कृष्ण का जन्म 4 जुलाई, 1996 को हुआ था। उनका जन्म का नाम धीरेंद्र कृष्णा गर्ग है। बाद में उन्होंने अपना नाम धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कर लिया। उनकी मां का नाम सरोज गर्ग और पिता का नाम करपाल गर्ग है। उनके दादा भगवानदास गर्ग एक संत थे। जो पास के ही निर्मोही अखाड़े से जुड़े हुए थे।

इन परिस्थितियों में गुजरा बचपन

कहा जाता है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपना बचपन बहुत गरीबी में गुजारा है। उनका पूरा परिवार मिट्टी के घर में रहा करता था। उन्होंने गाँव के स्कूल से ही अपनी पढ़ाई शुरू की थी। बाद में उन्होंने बीए किया। आर्थिक तंगी के चलते उन्हें पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी थी। उनके पिता पुजारी के रूप में अपनी आमदनी से ही पूरे परिवार का खर्चा चलाते थे। धीरेंद्र के छोटे भाई शालिग्राम गर्ग भी बागेश्वर महराज को ही समर्पित हैं। धीरेंद्र शास्त्री ने 11 साल ही अपने पुश्तैनी पूजा पाठ का काम शुरू कर दिया था। उनकी एक बहन भी हैं। उनकी नेट वर्थ आज की तारीख़ में तक़रीबन 20 करोड़ रुपये आंकी जा सकती है।

इतना बर्ष पुराना है मंदिर

धीरेंद्र शास्त्री अपने दादा गुरुजी महाराज के उत्तराधिकारी हैं । जो एक 'सिद्ध' संत थे। कहा जाता है कि गड़ा गंज गांव में स्थित हनुमान जी का मंदिर सैकड़ों साल पुराना है। 1986 में इस मंदिर का रेनोवेशन कराया गया। इसके बाद 1987 के आसपास वहां पर एक साधु का आगमन हुआ । जिनको बाबा सेतु लाल जी महाराज के नाम से जाना जाता था। ये चित्रकूट से दीक्षा ले कर आये थे। इनको भगवान दास जी महाराज के नाम से भी जाना जाता था। धीरेंद्र शास्त्री इन्हीं के पौत्र हैं। 1989 में उन्होंने बागेश्वर मंदिर में एक विशाल महायज्ञ का आयोजन किया। 2012 में बागेश्वर धाम में श्रद्धालुओं की समस्याओं के निवारण के लिए दरबार लगना शुरू हुआ और धीरे-धीरे भक्तगण जुड़ने लगे।

इन समस्याओं को सुलझाते है बाबा

बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपनी कथा के बीच में ही लोगों की समस्याएं सुनने लगे। वह भूत प्रेत से लेकर निजी ज़िंदगी की समस्याओं तक को न केवल सुनते हैं बल्कि उनका निवारण भी कर देते हैं। बाबा के अनुयायियों का दावा हैं कि बाबा न केवल लोगों की समस्याएँ अपने आप जान जाते हैं बल्कि उनका समाधान भी उन्हें बता देते हैं। लेकिन बाबा का कहना है कि उनका काम लोगों की अर्ज़ियों को बाला जी महाराज तक पहुँचाने का ही है। जिन्हें सुन कर भगवान समस्याओं का समाधान देते हैं।

इन्हीं दावों को नगापुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने चुनौती दी। यहीं से विवाद की शुरुआत हुई। अंधविश्वास का विवाद सामने आने के बाद धीरेंद्र शास्त्री ने सफाई पेश की। कहा कि वह अपने दरबार में किसी को बुलाते नहीं हैं। लोग स्वत: उनके दरबार में आते हैं। वह तो लोगों की अर्जियों को भगवान के सामने रखने का माध्यम भर हैं। हाल के वर्षों में, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भक्तों के बीच और सोशल मीडिया पर बहुत लोकप्रियता हासिल की है। बागेश्वर धाम में हर मंगलवार और शनिवार को लोगों का जमावड़ा होता है, वहाँ पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हैं। हनुमान का नाम लेकर अपने चमत्कार दिखाते हैं।बताते हैं कि उनके पास जो कुछ है, वह सब हनुमान जी के नाते है, हनुमान जी ही लोगों की समस्याओं को दूर करते है। हनुमान जी उन्हें प्रेरित करते हैं। वह हमेशा दावा करते हैं कि लोगों को जो आशीर्वाद देते हैं, वह हनुमान जी का ही दिया हुआ है।

बाबा को ये भगवान देते हैं निर्देश

धीरेंद्र कृष्ण खुद इस बात से इनकार करते हैं कि उनके पास कोई अलौकिक शक्ति है। हालाँकि वह यह कहने में कोई गुरेज़ नहीं करते हैं कि उन्हें हनुमान जी की तरफ़ से निर्देश दिया जाता है, तभी वो कोई भी काम करते हैं। धीरेंद्र शास्त्री अक्सर हिंदुओं से दरगाहों और चर्चों में जाने से परहेज करने और सनातन धर्म के प्रति सच्चे रहने का आग्रह करते रहते हैं। धीरेंद्र शास्त्री हमेशा एक छोटी गदा लेकर चलते हैं। उनका कहना है कि इससे उन्हें हनुमान जी की शक्तियां मिलती रहती हैं। वह हनुमान जी की आराधना करने के लिए लोगों को प्रेरित भी करते हैं। बागेश्वर धाम पहुंचने पर, श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। यहीं से टोकन मिलता है। टोकन मिलने के बाद, श्रद्धालुओं को अपना नाम, स्थान व मोबाइल नंबर देना होता है। रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद, फरियादी को बालाजी अर्थात हनुमान जी व महादेव शिव को अर्जी लगानी होती है।

लाल काली पोटली

अगर आप बागेश्वर धाम जायें तो काले और लाल रंग के कपड़ों में बंधी हुई ढेर सारी पोटलियाँ दिखेंगी। इन पोटलियों में ही लोग अपनी अपनी अर्ज़ियाँ लगा कर के वहाँ बांध देते हैं। कहा जाता है कि काले रंग की पोटलियों में जो अर्ज़ियाँ लगाई जाती हैं, वह भूत प्रेत और बाहरी बाधा से संबंधित होती हैं। लाल रंग की पोटलियों में जो अर्ज़ियाँ होती हैं, वह निजी समस्याओं से जुड़ी हुई होती हैं। अर्ज़ी बांधने के बग़ल में ही महादेव व महाबली का मंदिर है। जहां अर्ज़ी लगाने के बाद फ़रियाद इक्कीस बार चक्कर लगाते हैं। अपनी मुराद पूरी करने का आग्रह करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस जगह पर धाम की सभी अलौकिक शक्तियां निवास करती हैं। इसी जगह पर 3 संतों की समाधियां बनी हैं । जो बागेश्वर सरकार के गुरु हैं। इसके बाद पेशियों का सिलसिला शुरू होता है। जहां मुख्य रूप से मंगलवार व शनिवार को पेशी होती है।

यूट्यूब पर बागेश्वर धाम सरकार नाम से चैनल है । इनके चमत्कार वाले वीडियो लाखों में देखे जाते हैं। चमत्कार का वर्णन करते एक वीडियो को तो 99 लाख बार देखा गया है। अपने एक कार्यक्रम में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि सब हिंदू एक हो जाओ । पत्थर मारने वालों पर बुलडोजर चलवाओ। कुछ दिन बाद हम भी बुलडोजर खरीदने वाले हैं। अभी पैसे नहीं हैं । वर्ना हम भी बुलडोजर खरीदेंगे। राम के काज पर, सनातनी महात्माओं पर और संतों पर पत्थर चलाने वालों पर हम बुलडोजर चलाएंगे।

श्रद्धा मर्डर केस में शास्त्री ने कहा था कि हम चुप नहीं बैठेंगे। अपनी बेटियों पर अत्याचार नहीं सहेंगे। भारत अकबर का देश नहीं है। भारत सुभाष चंद्र बोस और चंद्रशेखर का देश है। यह साधु सन्यासियों का देश है। उन्होंने यह भी कहा कि हम सनातन के खिलाफ कुछ भी नहीं सुन सकते। एक कार्यक्रम के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने शिरडी के साईं बाबा के खिलाफ भी टिप्पणियाँ की थीं। उन्होंने कहा था कि कोर्ट ने कहा है साईं बाबा हिंदू नहीं है, जब हमारे यहाँ तैंतीस करोड़ देवता हैं, तो ऐसे में एक चाँद मियाँ को पूजने की क्या ज़रूरत है।

इन दिनों बाबा देश को हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प लेते और संकल्प कराते नज़र आ रहे हैं। जिस तरह बाबा की ख्याति बढ़ रही है। जिस तरह बाबा हिंदुत्व की बात कर रहे है, इस तरह लोग इन्हें धर्म और राजनीति दोनों से जोड़ कर देख रहे हैं। बाबा के पीछे बड़े संत रामभद्राचार्य जी उतरे हैं। रामदेव उतरे हैं। समाज बाबा के पक्ष और विपक्ष में खड़ा दिख रहा है। इससे बाबा के आगे बढ़ने को रोक पाना बहुत मुश्किल है।

Durgesh Sharma

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