×

पहली मैथ्स फील्ड मेडल जीतने वाली महिला मरियम मिर्जाखानी का निधन

मैथ्स में प्रतिष्ठित ईरान की पहली फील्ड मेडल जीतने वाली महिला मरियम मिर्जाखानी का अमेरिका में निधन हो गया। 40 साल की मरियम को ब्रेस्ट कैंसर था, जो हड्डियों में फैल गया था। फील्ड मेडल को 'नोबेल प्राइज ऑफ मैथेमेटिक्स' भी कहा जाता है, जो हर 4 साल बाद 40 साल की उम्र से छोटे 2 से 4 गणितज्ञों को दिया जाता है।

priyankajoshi
Published on: 16 July 2017 8:34 AM GMT
पहली मैथ्स फील्ड मेडल जीतने वाली महिला मरियम मिर्जाखानी का निधन
X

तेहरान : मैथ्स में प्रतिष्ठित ईरान की पहली फील्ड मेडल जीतने वाली महिला मरियम मिर्जाखानी का अमेरिका में निधन हो गया। 40 साल की मरियम को ब्रेस्ट कैंसर था, जो हड्डियों में फैल गया था। फील्ड मेडल को 'नोबेल प्राइज ऑफ मैथेमेटिक्स' भी कहा जाता है, जो हर 4 साल बाद 40 साल की उम्र से छोटे 2 से 4 गणितज्ञों को दिया जाता है।

यह इनाम 2014 में ईरान की मूल निवासी प्रोफेसर मिर्जाखानी को कॉम्प्लेक्स जियॉमेट्री और डायनिमिकल सिस्टम में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया था।

क्या कहना है मरियम की दोस्त का?

मरियम की दोस्त नासा की साइंटिस्ट फिरोज नदेरी का कहना है, 'आज एक रोशनी बुझ गई। मरियम की मौत ने मुझे अंदर तक हिला दिया है। वह बहुत जल्दी हम सबसे बहुत दूर चली गईं।'

आगे की स्लाइड्स में और जानें प्रोफेसर मिर्जाखानी के बारे में...

टीन एज में जीते मेडल

-प्रोफेसर मिर्जाखानी का जन्म 1977 में हुआ था।

-इनकी परवरिश ईरान में क्रांति के बाद के युग में हुई थी।

-जब वह टीन एज में थीं, तो उन्होंने इंटरनैशनल मैथमेटिकल ओलंपियाड में 2 मेडल जीते थे।

-उन्होंने 2004 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की।

-फिर वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के तौर पर पढ़ाने लगी थीं।

ईरान की पहली महिला

-गणित में अहम योगदान देने वाले गणितज्ञों को यह मेडल देने की शुरुआत 1936 में की गई थी। लेकिन अब तक किसी महिला को यह मेडल नहीं मिला था।

-मरियम ईरान की पहली महिला है, जिन्होंने महिलाओं के लिए मेडल जीतने के लंबे इंतजार को खत्म किया और फिर उन्होंने 2007 में मैथ्स में फील्ड मेडल जीता।

priyankajoshi

priyankajoshi

इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

Next Story