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Artemis Launch Postponed: "आर्टेमिस" का लांच फिर टला, तकनीकी समस्या फिर आड़े आई

Artemis Launch Postponed: नासा के आर्टेमिस रॉकेट की लॉन्चिंग अंतिम समय में फिर टाल दिया गया है। राकेट में ईंधन रिसाव के कारण पांच दिन पहले भी आर्टेमिस की लॉन्चिंग टालनी पड़ी थी।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 3 Sep 2022 5:06 PM GMT
Launch of Artemis postponed again, technical problem again came in the way
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"आर्टेमिस" का लांच फिर टला: Photo- Social Media

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Artemis Launch Postponed: नासा के आर्टेमिस रॉकेट की लॉन्चिंग अंतिम समय में फिर टाल (Launch of Artemis postponed) दिया गया है। राकेट में ईंधन रिसाव (fuel leak) के कारण पांच दिन पहले भी आर्टेमिस की लॉन्चिंग टालनी पड़ी थी। नासा कब फिर से कोशिश कर सकता है, इस पर तत्काल कोई जानकारी नहीं दी गई है। मंगलवार के बाद, दो सप्ताह की लॉन्च ब्लैकआउट अवधि शुरू होती है।

ईंधन रिसाव की मरम्मत के लिए हो सकता है कि रॉकेट को पैड से हटाकर अपने हैंगर में वापस लाया जाए, संभवतः उड़ान को अक्टूबर में धकेल दिया जाए। लॉन्च डायरेक्टर चार्ली ब्लैकवेल थॉम्पसन (Launch Director Charlie Blackwell Thompson) और उनकी टीम ने आज रिसाव को पिछली बार की तरह बंद करने की कोशिश की। सुपर कोल्ड लिक्विड हाइड्रोजन सप्लाई लाइन में एक सील के आसपास की दरार को दूर करने की दो बार कोशिश की गई लेकिन रिसाव जारी रहा। तीन से चार घंटे के निरर्थक प्रयास के बाद ब्लैकवेल थॉम्पसन ने आखिरकार लांच की उलटी गिनती रोक दी।

अंतरिक्ष यात्री आखिरी बार 50 साल पहले चांद पर चले थे

नासा चंद्रमा के चारों ओर रॉकेट के ऊपर क्रू कैप्सूल भेजना चाहता है। यदि परीक्षण डमी के साथ पांच सप्ताह का डेमो सफल होता है, तो अंतरिक्ष यात्री 2024 में चंद्रमा के चारों ओर उड़ सकते हैं और 2025 में उस पर उतर सकते हैं। अंतरिक्ष यात्री आखिरी बार 50 साल पहले चांद पर चले थे।


कई दिनों के तूफानी मौसम के बाद, आज मौसम ने साथ दिया और लॉन्च टीम ने स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट में लगभग 1 मिलियन गैलन ईंधन लोड करना शुरू कर दिया था। लेकिन ऑपरेशन के कुछ ही मिनटों में रॉकेट के नीचे इंजन सेक्शन से हाइड्रोजन ईंधन रिसने लगा।

नासा के अनुबंधों के तहत आर्टेमिस - 1 मिशन का एसएलएस राकेट बोइंग कंपनी और ओरियन कैप्सूल लॉकहीड मार्टिन कॉर्प द्वारा बनाया गया है। यह नासा के अपोलो मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम के लिए दिशा में एक बड़े बदलाव का संकेत है। ये मिशन दशकों बाद अंतरिक्ष शटल और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के साथ पृथ्वी की निचली कक्षा पर केंद्रित है।

बारह अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर उतर चुके हैं

आर्टेमिस का लक्ष्य अंतरिक्ष यात्रियों को 2025 की शुरुआत में चंद्रमा की सतह पर लाना है। 1969 से 1972 तक छह अपोलो मिशनों के दौरान बारह अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर उतर चुके हैं। चंद्रमा की सतह पर मनुष्यों को पहुंचाने वाला अभी तक एकमात्र अंतरिक्ष यान अपोलो ही रहा है।

नए चंद्रमा कार्यक्रम में स्पेसएक्स जैसे कामर्शियल भागीदारों तथा यूरोप, कनाडा और जापान की अंतरिक्ष एजेंसियों को अंततः मंगल तक की मानव यात्राओं के लिए एक कदम के रूप में सूचीबद्ध किया है। एसएलएस-ओरियन अंतरिक्ष यान को जमीन से प्रक्षेपित करना एक महत्वपूर्ण पहला कदम है। इसकी पहली यात्रा का उद्देश्य 5.75 मिलियन पाउंड के वाहन को एक कठोर परीक्षण उड़ान में अपनी अनोखी डिजाइन के जरिये खुद को उपयुक्त अंतरिक्ष यान साबित करना है।

Shashi kant gautam

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