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GDP Growth Rate: उम्मीद से काफी बेहतर रही रफ्तार, आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत के पार...जीडीपी के आंकड़े जारी

GDP Growth Rate : प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों के बीच इंडियन इकॉनमी से काफी उम्मीदें रही हैं। एक तरफ जहां यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी पहले ही मंदी की चपेट में आ चुकी है, वैसे में इंडियन इकॉनमी सकारात्मक आंकड़े पेश कर रही है।

Aman Kumar Singh
Published on: 31 May 2023 6:14 PM GMT (Updated on: 31 May 2023 6:33 PM GMT)
GDP Growth Rate: उम्मीद से काफी बेहतर रही रफ्तार, आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत के पार...जीडीपी के आंकड़े जारी
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

GDP Growth Rate: प्रतिकूल वैश्विक हालातों के बीच पिछले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था ने शानदार प्रदर्शन किया। आज (31 मई) को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर (GDP Growth Rate) अनुमानों से बेहतर रही। आंकड़ों की मानें तो, मार्च तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 6.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि की, जबकि पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 7.2 फीसद रही।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय अर्थात NSO ने बुधवार शाम GDP Growth Rate के आधिकारिक आंकड़े जारी किए। आंकड़ों के अनुसार, इंडियन इकॉनमी ने मार्च तिमाही के दौरान शानदार प्रदर्शन किया। GDP की ग्रोथ रेट इससे पहले दिसंबर तिमाही के दौरान 4.5 प्रतिशत रही थी।

सभी सेक्टर ने अच्छा प्रदर्शन

मार्च तिमाही (March Quarter) में करीब-करीब सभी सेक्टर ने अच्छा प्रदर्शन किया है। कृषि क्षेत्र (Agricultural Sector) में जहां 5.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज की गई। वहीं, विनिर्माण क्षेत्र (Manufacturing Sector) में यह 4.5 फीसद रही। इस दौरान निर्माण क्षेत्र (Construction Area) ने 10.4 प्रतिशत की शानदार दर से वृद्धि की।

जानें कितनी है प्रति व्यक्ति GDP?

आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 (FY 2022-23) में भारत की प्रति व्यक्ति GDP 1,96,983 रुपए रही। आने वाले महीनों में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार और तेज होने की संभावना है। NSO का अनुमान है कि, अप्रैल-जून 2023 तिमाही में वृद्धि दर 13.1 प्रतिशत रह सकती है। बता दें, पहले इस अवधि में 13.2 फीसद से वृद्धि का अनुमान था। जबकि, जुलाई-सितंबर 2023 के दौरान वृद्धि दर 6.2 फीसदी रह सकती है।

केंद्र को थी उम्मीद

आपको बता दें कि, प्रतिकूल वैश्विक हालातों में भी भारतीय अर्थव्यवस्था से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी। फरवरी 2023 में जारी फिस्कल पॉलिसी स्टेटमेंट में कहा गया था कि, वित्त वर्ष 2022-23 में नॉमिनल जीडीपी की ग्रोथ रेट सालाना आधार पर 15.4 फीसद रह सकती है। साल भर पहले अर्थात 2021-22 में Nominal GDP Growth Rate 19.5 फीसदी रही थी। जबकि, वास्तविक जीडीपी ग्रोथ रेट (Real GDP Growth Rate) के 7 फीसदी रहने का अनुमान था, जो एक साल पहले 8.7 प्रतिशत थी।

क्या था RBI का अनुमान?

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने वार्षिक रिपोर्ट में कहा था कि, पिछले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7 फीसद से कुछ अधिक रह सकती है। दास ने ये भी कहा था कि, आरबीआई जिन हाई-फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स की निगरानी करता है, इनमें से करीब 70 ने मजबूती के संकेत दिए थे। केंद्रीय बैंक ने मार्च तिमाही के दौरान GDP ग्रोथ रेट 5.1 फीसद रहने का अनुमान जाहिर किया था।

उद्योगों की वृद्धि ने दिया झटका

इस दरमियान औद्योगिक उत्पादन (Industrial Production) की बात करें तो अप्रैल महीने में मामूली झटका जरूर लगा है। अप्रैल महीने के दौरान सालाना आधार पर 8 मुख्य उद्योगों की वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत रही। इन मुख्य उद्योगों के सूचकांक में मार्च महीने के दौरान 3.6 फीसद की वृद्धि आई थी। जबकि, पूरे वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 8 प्रमुख उद्योगों ने 7.7 प्रतिशत की दर से वृद्धि की। इसकी दर साल भर पहले अर्थात 2021-22 के दौरान 10.4 फीसद रही थी।

Aman Kumar Singh

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