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Vehicle Insurance: वाहन मालिकों के लिए एक राहत की खबर, इस साल थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की कीमत में नहीं की जाएगी वृद्धि

Vehicle Insurance: थर्ड पार्टी बीमा तीसरे पक्ष से संबंधित होता है। वाहन की चपेट में आने वाले के आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को अनिवार्य कर दिया है।

Jyotsna Singh
Published on: 21 Jun 2023 1:27 PM GMT
Vehicle Insurance: वाहन मालिकों के लिए एक राहत की खबर, इस साल थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की कीमत में नहीं की जाएगी वृद्धि
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Vehicle Insurance (Photo-Social Media)

Vehicle Insurance: इस साल सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अपने थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस की कीमत में किसी तरह की वृद्धि न शामिल किए जाने का प्रस्ताव जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर 2018 से सभी नए वाहनों पर इस नियम को लागू करने के साथ ही वाहन को क्रय करते वक्त पांच साल के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना अब जरूरी कर दिया है। अक्सर ऐसा देखा गया कि वाहनों का एक साल के बाद लोग बीमा करवाने में काफी लापरवाही दिखाते हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को अब पांच साल के लिए अनिवार्य कर दिया है। इसी के साथ ही साथ परिवहन मंत्रालय ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के प्रीमियम में भी छूट देने का भी प्रस्ताव अपनी नोटिफिकेशन लिस्ट में दर्ज किया है। जो कि इंश्योरेंस इंडस्ट्री के लिए एक बड़े आर्थिक नुकसान का भी सबब बन सकता है। जिसमें कई तरह से उत्तरदायित्व का होना शामिल है।

क्या होता है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस?

थर्ड पार्टी बीमा तीसरे पक्ष से संबंधित होता है। वाहन की चपेट में आने वाले के आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को अनिवार्य कर दिया है।अगर किसी ने वाहन का थर्ड पार्टी बीमा कराया है और कोई दुर्घटना होती है तो तीसरी पार्टी को बीमा कंपनी क्लेम देती है। यह बीमा वाहन मालिक को भी आर्थिक नुकसान से बचाता है। यहां फर्स्ट पार्टी वाहन चलाने वाला और थर्ड पार्टी वाहन की चपेट में आने वाला होता है।

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है मुख्य वजह

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में वृद्धि न किए जाने का मुख्य कारण इलेक्ट्रिक व्हीकल भी हैं। इनकी कीमतों को बजट फ्रेंडली रखने की योजना के चलते सरकार थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में कोई फेरबदल नहीं कर रही है। कार्बन उत्सर्जन को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण की दिशा में, पेट्रोल डीज़ल की खपत को कम करने, ग्रीन एनर्जी जैसे स्वच्छ व पर्यावरण अनुकूल ईंधन की खपत को बढ़ाने जैसे कई अहम बिंदुओं को ध्यान में रखकर इस तरह का निर्णय लिया गया है।

इन व्हीकल्स पर मिल रहा प्रीमियम डिस्काउंट

परिवहन मंत्रालय ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के प्रीमियम में भी छूट देने का भी प्रस्ताव अपनी नोटिफिकेशन लिस्ट में दर्ज किया है। जिनमें इन वाहनों को मुख्यतः चिन्हित कर प्रीमियम डिस्काउंट ऑफर किया जा रहा है। डिस्काउंट और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 7.5 प्रतिशत डिस्काउंट ऑफर रखा है। इसके अलावा 3 व्हीलर पैसेंजर गाड़ियों के बेस प्रीमियम में लगभग 6.5 प्रतिशत की छूट, मंत्रालय ने शिक्षण संस्थानों की बसों की बसों पर 15 प्रतिशत की छूट, प्राइवेट विंटेज कारों पर 50 प्रतिशत की छूट, इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 15 प्रतिशत की छूट का प्रस्ताव शामिल है। वहीं एसयूवी कारों के लिए थर्ड पार्टी प्रीमियम बिना किसी फेरबदल और छूट को शामिल किए 7,897 रुपये होगी। पॉपुलर ब्रांड और बजट गाड़ियों के लिए थर्ड पार्टी प्रीमियम की कीमत बिना बदलाव के ₹2,094 रुपये रखी गई है। वहीं बात हम कमर्शियल पैसेंजर गाड़ियों के प्रीमियम पर प्रस्तावित छूट की बात करें तो ई-रिक्शा के लिए प्रस्तावित प्रीमियम 1,539 रुपये है, जबकि इसका मौजूदा प्रीमियम 1,648 रुपये है वहीं 2023-24 के लिए ऑटो रिक्शा का बेसिक प्रीमियम 2371 रुपये का प्रस्ताव रखा गया है, जोकि इसके मौजूदा प्रीमियम राशि से 6.8 प्रतिशत कम है।

Jyotsna Singh

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