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फारुख शेख ने जीता था नेशनल अवॉर्ड, इन फिल्मों को आज भी लोग करते हैं पसंद

बॉलीवुड में फारुख शेख एक ऐसे अभिनेता थे जिन्होंने फिल्मों में अपनी अलग ही पहचान बनाई। वह जिस भी किरदार को निभाते उसमे जान डाल देते थे।

Monika
Published on: 27 Dec 2020 5:57 AM GMT
फारुख शेख ने जीता था नेशनल अवॉर्ड, इन फिल्मों को आज भी लोग करते हैं पसंद
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फारुख शेख ने जीता नेशनल अवॉर्ड, इन मशहूर फिल्मों को लोग आज भी देखना करते है पसंद

बॉलीवुड में फारुख शेख एक ऐसे अभिनेता थे जिन्होंने फिल्मों में अपनी अलग ही पहचान बनाई। वह जिस भी किरदार को निभाते उसमे जान डाल देते थे। मानों वह रोल उनके लिए ही बना हो। जिसके चलते उन्हें आज भी याद किया जाता है। फारुख शेख का जन्म 25 मार्च, 1948 में हुआ था। फ़ारूक़ शेख का दुबई में 28 दिसंबर 2013 में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया, जहाँ वह अपने परिवार के साथ छुट्टी पर थे। उनके यू अचानक दुनिया से चले जाने से उनके फैन्स भी काफी दुखी हुई। आइए जानते उनकी कुछ बेहतरीन फिल्मों के बारे में जिन्हें लोग आज भी देखा पसंद करते है।

फिल्मों से टीवी शो तक किया काम

फारुख शेख एक अभिनेता और टेलीविजन होस्ट थे। वह 1973 से 1993 तक बॉलीवुड फिल्मों और 1988 से 2002 के बीच टेलीविजन में अपने काम के लिए जाने जाते थे। अभिनेता का प्रमुख योगदान समानांतर सिनेमा या न्यू इंडियन सिनेमा में था। उन्होंने सत्यजीत रे, साई परांजपे, मुजफ्फर अली, हृषिकेश मुखर्जी और केतन मेहता जैसे निर्देशकों के साथ काम किया।

दर्शकों ने जितना उन्हें फिल्मों में पसंद किया उतना ही एक्टर फारुख शेख को टीवी पर भी खूब प्रशंसा मिली। टेलीविजन पर धारावाहिकों और शो में अभिनय किया और फिरोज अब्बास खान द्वारा निर्देशित शबाना आज़मी के साथ तुम्हारी अमृता (1992) जैसी प्रस्तुतियों को मंच पर प्रदर्शन किया, और टीवी शो, जीना इसी का नाम है (सीजन 1) होस्ट किया। उन्होंने लाहौर के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए 2010 का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता।

फिल्म गरम हवा (1973)

इस फिल्म से फारुख ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की थी। आगरा की पृष्ठभूमि पर फिल्माई इस पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म में 1947 के भारत बंटवारे से प्रभावित हुए एक मुस्लिम परिवार की कहानी है। फारुख ने इसमें एक जवान छात्र का किरदार निभाया है। वह अपने उन अधिकारों के लिए लड़ता है, जो कभी उसके हुआ करते थे।

फिल्म गमन (1978)

यह कहानी एक प्रवासी गुलाम हसन की है, जो उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर बदायूं से मुंबई आकर अपने जीवन को ठीक प्रकार से जीने के लिए संघर्ष करता है।

फिल्म नूरी (1979)

अभिनेत्री पूनम ढिल्लों ने इस फिल्म में नूरी का किरदार निभाया है। इस फिल्म में फारुख ने उनके प्रेमी युसूफ का किरदार निभाया है। वह नूरी के पिता से उसका हाथ मांगता है और शादी तय हो जाती है। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था, और उनकी शादी नहीं हो पाती है।

उमराव जान (1981)

इस फिल्म में अभिनेत्री रेखा ने एक तवायफ उमराव जान का किरदार निभाया है। वही फारुख शेख नवाब सुल्तान के किरदार में नज़र आए। फिल्म में उन्हें उमराव जान से पहली ही नज़र में प्यार हो जाता है।

फिल्म चश्मे बद्दूर (1981)

सीरियस फिल्मों के अलावा फारुख ने कॉमेडी जॉनर में भी काम किया है. इस कहानी में तीन दोस्तों की है, जो दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं। जब उनकी गर्मियों की छुट्टियां होती हैं, फिर कैसे उन्हें एक लड़की से प्यार हो जाता है इसपर हंसी मज़ाक होती है. इसी पर फिल्म आधारित है।

फिल्म साथ साथ (1982)

अविनाश(फारुख) एमए का एक छात्र है, जो समाजवादी विचारधारा के साथ कठोर सिद्धांत रखता है। इस रोमांटिक ड्रामा फिल्म का निर्देशन रमन कुमार ने किया है, वहीं डेविड धवन के भाई दिलीप धवन ने इस फिल्म को निर्मित किया है।

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फिल्म किसी से न कहना (1983)

रमेश (फारुख शेख), रमोला (दीप्ति नवल) से प्यार करता है, लेकिन रमेश के पिता एक ऐसी लड़की को अपने घर की बहू बनाना चाहते हैं जो अंग्रेजी नहीं जानते हो। रमोला एक पढ़ी-लिखी लड़की है। उसे अपनी पत्नी बनाने के लिए रमेश अपने पिता के एक दोस्त की मदद लेता है। कैसे वह झूठ बोल कर शादी करते है इसे पर कहानी आधारित है। इस कॉमेडी फिल्म में फारुख शेख शानदार अभिनय किया।

फिल्म बीवी हो तो ऐसी (1988)

सास-बहू के तकरार वाली इस फिल्म में फारुख ने एक पति और बेटे का किरदार निभाया है। जिसमें अभिनेत्री रेखा ने फारुख शेख की पत्नी का रोल किया है।दर्शकों को आज भी ये फिल्म देखना पसंद आता है।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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