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MM Keervani: ऐसी क्या मजबूरी थी 'नाटु-नाटु' बनाने वाले एम एम कीरवानी की, जो उन्हें बदलना पड़ा था अपना नाम

MM Keervani: ऑस्कर अपने नाम करने वाले एम एम कीरवानी के गाने तो आपने बहुत सुने होंगे, लेकिन आज हम आपको उनसे जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं, जो शायद बहुत से लोग नहीं जानते हैं।

Ruchi Jha
Published on: 16 March 2023 9:29 PM GMT
MM Keervani: ऐसी क्या मजबूरी थी नाटु-नाटु बनाने वाले एम एम कीरवानी की, जो उन्हें बदलना पड़ा था अपना नाम
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MM Keervani (Image Credit: Instagram)

MM Keervani: कल तक जो लोग एम एम कीरवानी का नाम भी ठीक तरह से नहीं जानते थे, वह आज गूगल कर उनका नाम सर्च कर रहे हैं। किसी ने सच ही कहा है मेहनत का फल भले देर से मिले, लेकिन मिलता जरूर है। ऐसा ही कुछ एम एम कीरवानी के साथ भी हुआ है। उन्होंने अब तक बेहद खूबसूरत गाने लिखे हैं, लेकिन उन्हें कोई पहले ठीक तरह से जानता नहीं था और आज देखिए ऑस्कर अवॉर्ड अपने नाम करने वाले एम एम की हर जगह चर्चा है।

एम एम ने रचा इतिहास

एम एम ने वाकई इतिहास रच दिया है। RRR के गाने Naatu Naatu ने बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग कैटेगरी में ऑस्कर जीत लिया है। इस गाने को कंपोज एम. एम. कीरवानी ने ही किया है। लिरिक्स लिखे थे चंद्रबोस ने और गाने को गाया था राहुल सिप्लिगंज और काल भैरव ने। अच्छा चलिए ये छोड़िए आप ये बताइए कि क्या आपने ये खूबसूरत गाने सुने हैं ‘तुम आए तो आया मुझे याद, गली में आज चांद निकला’, ‘जादू है नशा है’, ‘आ भी जा, आ भी जा’? सुने ही होंगे।

इन गानों को एम एम कीरवानी ने ही लिखा है। हालांकि, जब यह गाने एम एम ने बनाए थे, तब उनका नाम एम एम करीम था। अब आप सोच रहे होंगे कि ये करीम और कीरवानी का क्या चक्कर है भाई? तो आइए हम आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा क्या कारण था कि एम एम को अपना नाम बदलना पड़ा, लेकिन उससे पहले हम ये जान लेते हैं कि आखिर ये एम एम कीरवानी हैं कौन?

कौन हैं एम एम कीरवानी?

कीरवानी 'RRR' बनाने वाले एस एस राजामौली के कज़िन भाई हैं। राजामौली के पिता KV विजयेंद्र और कीरवानी के पिता भाई हैं। अब आपको लग रहा होगा कि कीरवानी फिल्मी परिवार से आते हैं, तो उनका फिल्मी करियर भी आसान रहा होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। क्योंकि जब कीरवानी ने अपना फिल्मी करियर शुरू किया था, उस वक्त राजामौली महज 13 या 14 साल के थे।

साल 1987 में आई तेलुगु फिल्म 'Collector Gari Abbayi' कीरवानी की पहली फिल्म थी। उन्हेंने इस फिल्म के म्यूज़िक को असिस्ट किया था। इसके कुछ सालों बाद आई 'Manasu Mamatha' यह वो फिल्म थी, जिससे उन्हें कामयाबी मिली और उनका नाम फिल्म इंडस्ट्री के कुछ कोनों में पहुंच गया। लेकिन इंडस्ट्री में पांव जमाने का मौका मिला राम गोपाल वर्मा की फिल्म 'Kshana Kshanam' से। इस फिल्म ने कीरवानी को म्यूज़िक डायरेक्टर के तौर पर स्थापित कर दिया।

आदमी एक और नाम तीन

अभी हमने आपको ऊपर बताया कि एम एम, करीम से कीरवानी बने और फिर कीरवानी से करीम। अब हम आपको बताते हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया, क्यों उन्होंने अपना नाम बदला? दरअसल, 1990 में जिस 'Manasu Mamatha' ने कीरवानी को पहली पहचान दिलाई, उसके प्रोड्यूसर थे रामोजी राव, जिन्होंने आगे चलकर कीरवानी के साथ एक और फिल्म पर काम किया।

कीरवानी उस फिल्म के लिए संगीत बनाने लगे, लेकिन डायरेक्टर के साथ सहमति नहीं बैठ रही थी। क्रिएटिव डिफरेंस हो रहा था। कीरवानी ने फिल्म से अलग होने का फैसला लिया। ज़ाहिर तौर पर रामोजी को ये पसंद नहीं आया। अब वो भी अड़ गए कि कीरवानी की जगह किसी और को लाएंगे। उन दिनों उन्होंने ‘सुर’ के गाने सुने थे, जो उन्हें पसंद भी आए थे। तो उन्होंने सोचा कि उसी के म्यूज़िक डायरेक्टर को अपनी फिल्म के लिए लाएंगे। उसके म्यूज़िक डायरेक्टर का नाम था एम एम करीम। बस फिर क्या था रामोजी को कीरवानी का साथ चुनना ही पड़ा, क्योंकि कीरवानी और करीम दोनों एक ही तो थे।

ऐसा नहीं है कि कीरवानी ने सिर्फ करीम नाम से काम किया हो, उन्होंने तमिल फिल्मों के लिए भी म्यूज़िक बनाया है। बस वहां उनका नाम मराकादमनी था। आदमी एक और नाम तीन क्यों? इसका जवाब मिलता है उस समय में, जब कीरवानी की उम्र 30 साल थी। उनकी पत्नी प्रेग्नेंट थीं। उनके एक गुरु हुआ करते थे। उन्होंने अचानक से बम की तरह कीरवानी को ये खबर दी की उन्हें असमय मृत्यु का खतरा है। इससे बचना है तो संन्यासी की भांति रहना होगा, वो भी पूरे डेढ़ साल तक। परिवार से दूर रहे और नॉन वेज खाना भी छोड़ दिया। लेकिन परिवार की जिम्मेदारी तो उन्हें ही उठानी थी, तो कीरवानी ने अपने गुरु से इस समस्या का हल पूछा तो उन्होंने कीरवानी को कहा कि आप काम तो कर सकते हैं, लेकिन नए नाम के साथ। बस फिर क्या था कीरवानी से नाम पड़ गया मराकादमनी।

एम एम कीरवानी के गाने

ये तो रहा कीरवानी के नामों का सिलसिला, अब हम आपको कीरवानी द्वारा बनाए कुछ गाने सुनाने जा रहे हैं, जो आपने कभी न कभी तो सुने ही होंगे। लेकिन कोई बात नहीं कीरवानी के संगीत को सेलिब्रेट करने के बहाने ही सही एक बार फिर सुन लीजिए।

धीरे जलना - (Dheere Jalna Video Song)

तुम मिले, दिल खिले - (Tum Mile Dil Khile Song)

इस रात की सुब्ह नहीं - (Is Raat Ki Subah Nahin Song)

आ भी जा,आ भी जा - (Aa Bhi Ja Aa Bhi Jaa Hindi Song)

ओ साथिया - (O Sathiya Song)

खैर, गाना चाहे Naatu Naatu हो या फिर कोई भी, कीरवानी ने हमेशा अपने गानों से सभी का दिल जीता है और अब तो उन्होंने ऑस्कर भी जीत लिया है। वैसे, आपको हमारे द्वारा शेयर की गई ये जानकारी कैसी लगी? हमें कमेंट में जरूर बताएं : )

Ruchi Jha

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