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अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्कॉलरशिप स्कीम घोटाले में सीबीआई ने दर्ज किया एफआईआर, जाने क्या है मामला?

Minority Scholarship Scam: 21 राज्यों में मात्र 5 वर्ष में 830 अल्पसंख्यक संस्थानों में 144 करोड़ से ज्यादा की। प्रारंभिक जांच के बाद सीबीआई ने आज अज्ञात घोटालेबाजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

Anant Shukla
Published on: 29 Aug 2023 5:35 PM GMT (Updated on: 29 Aug 2023 5:48 PM GMT)
अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्कॉलरशिप स्कीम घोटाले में सीबीआई ने दर्ज किया एफआईआर, जाने क्या है मामला?
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CBI registers FIR against unknown in minority ministry scholarship scheme scam (Photo-Social Media)

Minority Scholarship Scam: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने करीब 144 करोड़ रुपये के अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले में अज्ञात अधिकारियों, नोडल अधिकारियों और पीएसयू बैंक कर्मचारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किया है। इसकी शिकायत अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय नें दर्ज कराई थी। सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के वितरण में हुए घोटाले के संबंध में अज्ञात अधिकारियों के विरुद्ध 144.33 करोड़ रुपये के कथित घोटाले का का मामला उजागर किया था। मंत्रालय ने मामले की जांच सीबीआई को 10 जुलाई को भेजा था। 21 राज्यों में मात्र 5 वर्ष में 830 अल्पसंख्यक संस्थानों में 144 करोड़ से ज्यादा की। प्रारंभिक जांच के बाद सीबीआई ने आज अज्ञात घोटालेबाजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

इन धाराओं में दर्ज हुआ एफआईआर

सीबीआई ने FIR, IPC की धारा 120 बी, आरडब्ल्यू 420, 468, और 461 एवं पीसी अधिनियम 1988 की धारा 13 (2), 13 (1) (सी), और (डी) के तहत दर्ज कराई गई है। सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए एफआईआर में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी, जाली दस्तावेजों को ओरिजिनल के रूप में पेश करना और आपराधिक कदाचार का आरोप लगाया गया है।

संदिग्ध आरोपियों में- सरकारी अधिकारी, कई PSU बैंकों के अधिकारी के अलावां 18 राज्यों में स्थित 830 अलग-अलग संस्थानों के नोडल अधिकारी शामिल हैं। अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से की गई शिकायत में कहा गया है कि पिछले 5 सालों- 2017-22 के बीच, करीब 65 लाख छात्रों को केंद्र सरकार की ओर से 3 अलग-अलग योजनाओं प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति और मेरिट-कम मीन्स के तहत प्रत्येक वर्ष 6 अल्पसंख्यक समुदायों को- मुस्लिम, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसियों के छात्रों को अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति मिलती रही है।

संदिग्ध आरोपियों में सरकारी अधिकारी, कई PSU बैंकों के अधिकारी के अलावां 18 राज्यों में स्थित 830 अलग-अलग संस्थानों के नोडल अधिकारी शामिल हैं। अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से की गई शिकायत में कहा गया है कि पिछले 5 सालों- 2017-22 के बीच, करीब 65 लाख छात्रों को केंद्र सरकार की ओर से 3 अलग-अलग योजनाओं प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति और मेरिट-कम मीन्स के तहत प्रत्येक वर्ष 6 अल्पसंख्यक समुदायों को- मुस्लिम, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसियों के छात्रों को अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति मिलती रही है।

Anant Shukla

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