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IPS Officer Ban News: गृह मंत्रालय ने तीन IPS अफसरों पर लगाया पांच साल का बैन, जानें क्या है पूरा मामला?

IPS Officer Ban News: गृह मंत्रालय ने तीन आईपीएस अफसरों पर पांच साल क बैन लगा दिया है। ये तीनों आईपीएस अधिकारी विभिन्न आरोपों से घिरे में थे।

Jugul Kishor
Published on: 19 Aug 2023 5:55 AM GMT (Updated on: 19 Aug 2023 7:02 AM GMT)
IPS Officer Ban News: गृह मंत्रालय ने तीन IPS अफसरों पर लगाया पांच साल का बैन, जानें क्या है पूरा मामला?
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सांकेतिक तस्वीर ( सोशल मीडिया)

IPS Officer Ban News: गृह मंत्रालय ने तीन आईपीएस अफसरों पर पांच साल क बैन लगा दिया है। ये तीनों आईपीएस अधिकारी विभिन्न आरोपों से घिरे में थे। इन अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति नहीं मिलेगी। जिन अधिकारियों पर बैन लगाया गया है उनका नाम अभिषेक जोरवाल, ओम प्रकाश, पीएस सालुंखे है। इनको केंद्रीय प्रतिनियुक्ति, फॉरेन एसाइंमेंट के लिए प्रतिबंध किया गया है।

इन तीन IPS अधिकारियों पर लगाया गया बैन

प्रतिबंधत किए जाने वाले आईपीएस अफसरों में अभिषेक जोरवाल हरियाणा कैडर के 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। एनआईए में अभिषेक जोरवाल का डेप्युटेशन रद्द किया है। साथ ही हरियाणा कैडर के ही 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी ओम प्रकाश पर बैन लगाया गया है। महाराष्ट्र कैडर के 1995 बैच के आईपीएस पीएस सालुंखे पर भी बैन लगाया गया है। वह बीएसएफ और आईटीबीपी में डीआईजी और आईजी पद पर नियुक्त किए गए थे।

कौन हैं अभिषेक जोरवाल?

आईपीएस अधिकारी अभिषेक जोरवाल मूल रूप से राजस्थान के जयपुर के रहने वाले हैं। उनके पिता एचएम मीना राजस्थान पीडब्ल्यूडी के सेक्शन इंजीनियर पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। मां संतोष मीना हाउस वाइफ हैं। बहन अनुपमा जोरवाल आईएएस अधिकारी हैं। उनके जीजा अखिलेश कुमार उत्तर प्रदेश में आईपीएस अधिकारी हैं। वहीं अभिषेक जोरवाल की पत्नी डॉक्टर कोमल डेंटल सर्जन हैं।

समय-समय पर अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेता रहता है मंत्रालय

बता दें कि समय-समय पर मंत्रालय आरोपी अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेता रहता है। अभी हाल ही में आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार को भारतीय पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। मणिलाल पाटीदार राजस्थान डूंगरपुर के रहने वाले थे। वह उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी थे। पाटीदार महज 24 साल की उम्र में ही 2013 में आईपीएस अधिकारी बन गए थे। मणिलाल पाटी को महोबा का पुलिस अधीक्षक बनाया गया था। महोबा में तैनाती के दौरान ही क्रशर कारोबारी ने आत्महत्या कर ली थी। मणिलाल पाटीदार पर ही क्रशर कारोबारी को आत्महत्या के लिए उकसाने व भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे। इसी मामले में उनको निलंबित कर दिया था। पाटीदार करीब दो सालों तक फरार रहे थे, इसके बाद 15 अक्टूबर 2022 को उन्होने लखनऊ कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। मणिलाल पाटीदार फिलहाल लखनऊ जेल में बंद हैं।

Jugul Kishor

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