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जनता कर्फ्यू का वैज्ञानिक व आध्यात्मिक अर्थ अत्यंत सूझबूझ का परिचायक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 मार्च 2020 को घोषित जनता कर्फ्यू, कोरोना वायरस के विरुद्ध एक अत्यंत ही सूझबूझ भरा वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कदम है। आपने..

Deepak Raj
Published on: 20 March 2020 3:57 PM GMT
जनता कर्फ्यू का वैज्ञानिक व आध्यात्मिक अर्थ अत्यंत सूझबूझ का परिचायक
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योगेश मिश्रा

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 मार्च 2020 को घोषित जनता कर्फ्यू, कोरोना वायरस के विरुद्ध एक अत्यंत ही सूझबूझ भरा वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कदम है। आपने इस बारे में समझने की अगर कोशिश की, तो आप इस कदम में 100% प्रतिशत न केवल साथ देंगे बल्कि जब पूरे मन से और पूरे उत्साह से साथ देंगे तो अविश्वसनीय परिणाम सामने आएंगे।

आइए इसको समझने की कोशिश करते हैं

क्या आप जानते है कि कोरोना वायरस की उम्र अलग अलग परिस्थितियों में कितनी होती है। कोरोना वायरस आम लेकिन अलग अलग परिस्थितियों में 3 से 72 घण्टे तक सक्रिय रह सकता है यानि कि उसकी उम्र इतनी ही है, वो भी अधिकतम 72 घण्टे तक, लेकिन ज़्यादातर 36 घण्टे में ये समाप्त हो जाता है।

अब अगर सरकार पूरे देश को क्वारंटाइन करना चाहे या आइसोलेशन वार्ड में एडमिट करना चाहे तो क्या ये मुमकिन है, बिल्कुल नही। इसलिए बहुत समझदारी से मोदीजी और उनके सलाहकारों ने रविवार का दिन चुना, जिस दिन सभी देशवासियों को घर पर रोकना आसान है।

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अब इसे गौर से समझिए। जब हमें 22 तारीख को सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक जनता कर्फ्यू के रूप में घर पर रहने के लिए कहा गया है वो भी रविवार को छुट्टी वाले दिन तो इसका साफ मतलब है कि पूरे देशवासियों को 36 घंटे तक क्वारंटाइन में रहने के लिए एक समझदारी भरे निवेदन से मनाना।

जनता कर्फ्यू की वजह से घर पर रहेंगे...

क्योंकि हम सब 21 मार्च की शाम या रात से अपने घर आ जाएंगे और पूरी रात घर पर ही रहते हैं जो की जाहिर सी बात ही तो है, फिर अगले दिन सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की वजह से घर पर रहेंगे और फिर उसके बाद फिर घर पर ही सो जाएंगे तो 23 मार्च सुबह जाग कर उठेंगे।

इसका मतलब की 21 मार्च की रात से 23 मार्च की सुबह तक जब हम घर पर ही रहेंगे तो 36 घण्टे का हम अपने आप को घर में क्वारंटाइन निवास ही करेंगे। यानी कि कोरोना वायरस अगर कही है तो उसे, 36 घँटे के इस क्वारंटाइन वास या आइसोलेशन वार्ड जैसी स्थिति के चलते पनपने का माध्यम नही मिलेगा और वो लगभग समाप्त होने की स्थिति में पहुंच जायेगा।

अंग्रेजी में इसे LAW OF ATTRACTION कहते हैं

इस प्रकार से पूरा भारत एक वैज्ञानिक प्रयोग के माध्यम से कोरोना को हरा सकने की सशक्त स्थिति में आ जाएगा।

दूसरी तरफ जब शाम को 5 बजे, जब लोग अपनी खिड़की या दरवाजे पर खड़े होकर 5 मिनट तक थाली या ताली बजाकर उन लोगो को धन्यवाद देंगे तो ये भी एक आध्यात्मिक प्रयोग ही तो है जिसके माध्यम से प्राणाकर्षण करके कोरोना से लड़ने वालो को सशक्त व सम्बल प्रदान किया जाएगा। अंग्रेजी में इसे LAW OF ATTRACTION कहते हैं।

तो इस प्रकार अभूतपूर्व सूझबूझ से कोरोना वायरस का जड़मूल से नाश करने का आग्रह कर रही है। इस योजना को समझने और क्रियान्वयन करने की महती आवश्यकता है। हम सब सावधान रहें और जागरूकता के साथ कदम बढ़ाते हुए इस वैज्ञानिक और आध्यात्मिक योजना को समर्थन देते हुए इसका क्रियान्वयन में दिल से सहयोग दें।

Deepak Raj

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