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MP Election 2023: दो-दो विधायक फिर भी न पीने का पानी और न मोबाइल में नेटवर्क, ऐसा है इस गांव का हाल!

MP Election 2023: मध्य प्रदेश के भोपाल में यह गांव है जहाँ दो विधायकों को चुना जाता है। लेकिन फिर भी पीने को पानी कम, बिजली कम, मोबाइल में नेटवर्क नहीं।

Snigdha Singh
Written By Snigdha Singh
Published on: 23 Oct 2023 7:22 AM GMT (Updated on: 23 Oct 2023 10:03 AM GMT)
MP Election 2023
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MP Election2023: चुनाव का माहौल है। हर जगह हर गली केवल और केवल चुनाव की ही बातें होती जा रहीं हैं। आपको यह चर्चा चाय की टपरी से लेकर घरों में सुनाई दे रही होगी हम भी आपसे इसी बारे में बात कर रहे हैं। लेकिन यह कहानी उन कहानियों से थोड़ी अलग है। कैसे आइए जानते हैं-

मध्य प्रदेश के भोपाल में है यह गांव

आज हम जिस गांव की बात आपसे करने जा रहे है यह गांव बावड़ी खेड़ा है। आपके शहर या फिर उस शहर में ही आपको मिल रही सुख सुविधा की तरह बिलकुल नहीं हैं। यहां का बच्चा फोन पर अपना समय व्यतीत नहीं करता। इसका एक कारण है, वो यह कि पीने को पानी कम, मनोरंजन के लिए बिजली कम, मोबाइल में नेटवर्क नहीं इस तरह का हाल है इस गांव का। लेकिन बावड़ी खेड़ा में एक अजीब चीज और भी है जिसकी जानकारी शायद आपको ना हो बस उसकी ही चर्चा हम आपसे कर रहे।

दरअसल, भोपाल में एक यह ऐसा गांव है जहां दो विधायकों का चयन होता है। आम तौर पर आपने यही सुना होगा की एक जगह से केवल एक ही विधायक चुना जाता है। लेकिन इस गांव में दो विधायकों को चुना जाता है। रातापानी के कठौतिया के पास वनक्षेत्र से जुड़ा हुआ एक गांव बावड़ी खेड़ा है। इसका कुछेक हिस्सा भोपाल जिले में स्तिथ हुजूर विधानसभा क्षेत्र में तो कुछ सीहोर में शामिल होता है।

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गांव में मात्र 22 परिवार

बावड़ी खेड़ा गाँव की संख्या सुन शायद आपको हैरानी होगी। इस गांव में केवल 22 परिवार ही अपना जीवन व्यतीत कर रहें है। जिसमें से 17 परिवार सीहोर में मतदान करते हैं, तो पांच परिवार भोपाल जिले के लिए मतदान करते हैं।

इस गांव में केवल कहने को ही दो विधायक हैं। लेकिन ग्रामीणों की समस्या से शायद ये दोनों ही विधायक अवगत नहीं हैं। क्योंकि केवल चुनाव के समय ही जनप्रतिनिधि नजर आते है। नेताओं के झूठे वादों का खामियाजा इन गांव वालों की भुगतना पड़ता है। इस गांव में लोगों को पीने के पानी तक की भी ठीक सुविधा नहीं मिल पा रही।

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दो स्कूल लेकिन शिक्षा बस एक में

बावड़ी खेड़ा में दो स्कूल लेकिन शिक्षा सिर्फ और सिर्फ एक ही स्कूल में प्राप्त होती है। यहां एक स्कूल में बच्चे पढ़ने आते है जहां अध्यापक भी केवल एक ही है। हालांकि इस से पहले सीहोर वाले हिस्से में जो स्कूल स्तिथ है वहां दो अध्यापक थे लेकिन एक की मृत्यु हो जाने के कारण अब एक ही अध्यापक बच्चों को पढ़ाते है। इस समय आप चुनाव की बातें करते हुए फरियाद कर रहे होंगे की आपको यह नहीं मिला यह सुविधा नहीं मिली देखिए इस गांव में कितनी समस्या से जूझ रहा है ग्रामीण। जिनकी सुनने वाला शायद आज कोई भी नहीं है।

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Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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