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सुषमा स्वराज अब यादों में: जब बोलती थीं तो लोग सुनते थे, चुप हो जाते थे बड़े-बड़े नेता

सुषमा पीएम नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रही थीं। 2019 में लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीमारी के कारण चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था।

Newstrack
Published on: 6 Aug 2020 8:56 AM GMT
सुषमा स्वराज अब यादों में: जब बोलती थीं तो लोग सुनते थे, चुप हो जाते थे बड़े-बड़े नेता
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सुषमा स्वराज अब यादों में: जब बोलती थीं तो लोग सुनते थे, चुप हो जाते थे बड़े-बड़े नेता

नई दिल्ली: भारतीय जानत पार्टी की सबसे प्रखर नेता सुषमा स्वराज के निधन को आज एक साल हो गए। आज पूरा देश पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को याद कर रहा है। सुषमा स्वराज को बतौर विदेश मंत्री नहीं बल्कि संसद में खड़े होकर बड़े से बड़े नेता को चुप करा देने वाली प्रखर नेता को याद कर रहे हैं। सुषमा शब्दों की धनी नेता थी। जब वह संसद में किसी भी विषय में बोलतीं थीं तो विपक्ष भी ध्यान लगागर सुनता था। जितनी स्पष्टता उनके शब्दों में होती थी उनका चेहरा भी उतना ही उदीयमान होता था।

जब सुषमा स्वराज ने सुनाया था तांडव स्तोत्र

जब सुषमा स्वराज सुषमा स्वराज ने मंच से संस्कृत की महिमा का बखान करते हुए शिव तांडव स्तोत्र सुनाया था। आपको बता दें कि जिस लय में उन्होंने स्त्रोत सुनाया था उसे देख मंच पर आसीन कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य भी बेहद प्रसन्न हुए थे। सुषमा स्वराज ने स्तोत्र का एक हिस्सा ही पढ़ा था लेकिन जिस स्पष्टता और उत्साह से उन्होंने पंक्तियां पढ़ीं वो सुनकर मौजूद लोगों ने तालियों से उन्हें शाबाशी दिया था।

सुषमा स्वराज अब यादों में: जब बोलती थीं तो लोग सुनते थे, चुप हो जाते थे बड़े-बड़े नेता

ऐसी संस्कृत भाषा की वैज्ञानिकता- सुषमा स्वराज

सुषमा स्तोत्र का एक हिस्सा सुनाकर कहा था कि यहां बैठे किसी पांच साल के बच्च के सामने यदि मैं केवल ये दो श्लोक रख दूं और पूछूं कि बताओ इनमें से कौन सा रावण ने रचा होगा और कौन सा राम ने पढ़ा होगा तो वो आसानी से बता देगा कि डमड डमड डमड का श्लोक और नमामीशमीशान निर्वाण रुपं राम ने कहा होगा। ऐसी संस्कृत भाषा की वैज्ञानिकता है।

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बीजेपी की दिग्गज नेता में शुमार होती थीं सुषमा

बता दें कि सुषमा पीएम नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रही थीं। 2019 में लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीमारी के कारण चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। सुषमा के विदेश मंत्री के कार्यकाल के दौरान उनकी सक्रियता की काफी तारीफ होती थी। वह बीजेपी की दिग्गज नेता में शुमार होती थीं। सुषमा दिल्ली की सीएम भी रह चुकी थीं। अटल बिहारी वाजपेयी के पीएम रहने के दौरान वह उनके मंत्रिमंडल में भी शामिल हुई थीं।

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