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जश्न-ए-युवा में लैंगिक समानता और युवाओं के विकास के मुद्दों पर चर्चा

शुक्रवार को अदब की नगरी में 'यह एक सोच फाउंडेशन' के माध्यम से जश्न-ए-युवा नामक युवा महोत्सव का आयोजन शिरोज हैंगआउट में सम्पन्न हुआ। जिसमें शहर के युवाओं ने प्रतिभाग कर अपनी प्रतिभा की झलकियां पेश की।

Aditya Mishra
Published on: 30 March 2019 5:21 AM GMT
जश्न-ए-युवा में लैंगिक समानता और युवाओं के विकास के मुद्दों पर चर्चा
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लखनऊ: शुक्रवार को अदब की नगरी में 'यह एक सोच फाउंडेशन' के माध्यम से जश्न-ए-युवा नामक युवा महोत्सव का आयोजन शिरोज हैंगआउट में सम्पन्न हुआ। जिसमें शहर के युवाओं ने प्रतिभाग कर अपनी प्रतिभा की झलकियां पेश की।

इस युवा उत्सव का नेतृत्व संस्था से जुड़े युवाओं द्वारा किया गया जो संस्था के लर्निंग एवं लीडरशिप यात्रा का हिस्सा रहे हैं, जिससे वो स्वयं एवं समाज को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। यह उत्सव की पहली कड़ी थी जो प्रत्येक वर्ष विभिन्न मुद्दों को थीम बनाकर चलाया जा रहा है, इस वर्ष की थीम अमन और भाईचारा को लेकर थी।

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कार्यक्रम का आरम्भ एस.डी.जी पर प्रश्नोत्तरी द्वारा किया गया जिसके पश्चात एक पैनल चर्चा 'यस टॉक- आओ बात करे' की शुरुआत हुई जिसमें बदलाव संस्था से शरद पटेल, मेधा फाउंडेशन से ब्योमकेश मिश्रा, केतली से अंबरीन, युवा लेखक हफ़ीज़ किदवई व यश पेपर्स से सुनीता पॉल ने अपने विचारों एवं अनुभवों को साझा किया।

यस टॉक- यह एक सोच फाउंडेशन' की एक विशेष पहल है जहां उन युवाओं को मंच प्रदान किया जाता है, जिन्होंने समाज के विभिन्न क्षेत्रों जैसे शिक्षा, रोजगार, सौहार्द आदि में अपना विशेष योगदान दिया है।

अंत में अमन और भाईचारा पर कविसम्मेलन, मुशायरा का आयोजन किया गया जिसमें युवा कवि गौरव दीक्षित मासूम, अहमदअली खान, जुहैब फारुकी, क्षितिज कुमार एवं सलमान ख्याल ने अपनी कवितायें और शायरियों से लोगों में उत्साह भर दिया|इस कवि सम्मेलन(मुशायरा) की निजामत कमर अब्बास द्वारा की गयी। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।

यहां पर 'प्रवाह एवं कम्युनिटी द यूथ कलेक्टिव संस्था' की पहल 'बी.ए. जागरिक एवं स्माइल कार्यक्रम' जो उत्तर प्रदेश में 11 संस्थानों द्वारा चलाया जा रहा है जिसका नेतृत्व 'यह एक सोच फाउंडेशन' के माध्यम से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का आयोजन कराने में यूएनएफपीए ने सहयोग प्रदान किया।

यह संस्था युवाओं के लिए, युवाओं के द्वारा, युवाओं के विकास, स्वास्थ्य, सक्रिय नागरिकता, सामाजिक समावेशन एवं लैंगिक समानता के मुद्दों पर निरंतर कार्य कर रही है। इस मौके पर संस्था के शारिक एवं सुरुचि मौजूद रहे।

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Aditya Mishra

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