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सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के सहारे भाजपा का राजनैतिक अभियान पर बल

पश्चिमी यूपी में किसान आंदेलन की बढ़ती तपिश तथा पंजाब के निकाय चुनावों में मिली पराजय के बाद आगामी विधानसभ चुनावों के पहले भारतीय जनता पार्टी अब काफी सतर्क हो गयी है तथा उसने हिंदुत्व, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को आगे बढाने का काम शुरू कर दिया है।

Ashiki
Published on: 18 Feb 2021 5:48 PM GMT
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के सहारे भाजपा का राजनैतिक अभियान पर बल
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बीजेपी माइनॉरिटी सेल का अध्यक्ष निकला बांग्लादेशी

Mrityunjay Dixit मृत्युंजय दीक्षित

पश्चिमी यूपी में किसान आंदेलन की बढ़ती तपिश तथा पंजाब के निकाय चुनावों में मिली पराजय के बाद आगामी विधानसभ चुनावों के पहले भारतीय जनता पार्टी अब काफी सतर्क हो गयी है तथा उसने हिंदुत्व, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को आगे बढाने का काम शुरू कर दिया है। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का एजेंडा बहुत ही व्यापक है तथा इसमें प्रदेश के शहीदों, महापुरुषों तथा प्रमुख धार्मिक व ऐतिहासिक पर्यटक स्थलों का विकास शामिल हैं।

इस अभियान की शुरुआत चौरी चौरा कांड के शताब्दी समारोहों के साथ हो चुकी है तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या, मथुरा, कशी सहित प्रदेश के हर छोटे -बड़े धार्मिक केंद्रों के विकास में बराबर की रूचि ले रहे हैं तथा विकास कार्यों की गहन समीक्ष कर रहे हैं।

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महाराजा सुहेलदेव राजभर की जयंती धूमधाम से मनायी

अपने परम्परागत वोट बैंक को सहेज कर रखने के लिए भाजपा ने बसंत पंचमी के दिन बहराइच के हिंदू सम्राट महाराजा सुहेलदेव राजभर की जयंती धूमधाम से मनायी है। भाजपा ने इस आयोजन के माध्यम से अतिपिछड़े समाज को विशेषकर राजभर समाज को राजनैतिक संदेश दिया है कि पार्टी और सरकार पूरी तरह से राजभर व पासी समाज के साथ है। प्रदेश की राजनीति में राजभर समाज का अतिमहत्वपूर्ण योगदान रहा है। माना जाता है कि राजभर समाज जिस ओर जाता है प्रदेश में उसकी सरकार आसानी से बन जाती है।

यह समाज पूर्वाचंल की 40 विधानसभा सीटों को प्रभावित करता है। महाराज सुहेलदेव राजभर की जयंती सभी दल मनाते हैं लेकिन उनकी जयंती को मनाने की शुरूआत का सर्वप्रथम श्रेय विश्व हिंदू परिषद को ही जाता है। विहिप के दिवंगत नेता अशोक सिंहल ने सात वर्ष पूर्व महाराज सुहेलदेव पर एक पुस्तक तैयसार करी थी और तत्कालीन अध्यक्ष राजनाथ सिंह की उपस्थिति में एक कार्यक्रम कराया था। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की पहल पर सुहेलदेव की जी मूर्ति लगवाई गयी।

प्रधानमंत्री मोदी ने महाराज सुहेलदेव मेडिकल कालेज का लोकार्पण किया

अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहराइच में बने महाराज सुहेलदेव मेडिकल कालेज का लोकार्पण कर तथा मुस्लिम आक्रांताओं से लोहा लेने वाले वीर महापुरूष के स्मारक का शिलान्यास करके कई राजनैतिक सरोकारों का संदेश जारी किया है कि भाजपा ही हिंदुत्व के सरोकारों के सम्मान की चिंता करती है। प्रदेश में राजभर समाज 12 फीसदी है तथा उसमें भी पासी समाज व कई अन्य छोटी अतिपिछड़ी जातियां है जिनमें महाराज सुहेलदेव के प्रति काफी आदर का भाव है।

प्रदेश के सभी राजनैतिक दल अपना प्रयास करते रहे हैं

राजभर समाज को अपने पाले में रखने के लिए प्रदेश के सभी राजनैतिक दल अपना प्रयास करते रहे हैं। वर्ष 2016 में भाजपा नेता अमित शाह बहराइच आये थे वर्ष 2017 में करीब एक साल पहले राजा सुहेलदेव की मूर्ति स्थापित की थी और 2017 के चुनाव में बड़ा संदेष दिया था। जिसमें प्रदेष के नेता अनिल राजभर ने प्रमुखता से भाग लिया था जिसका असर चुनावों में दिखा भी था। भाजपा ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया और पूर्वी उप्र की सभी सीटों पर सफलता प्राप्त की थी।

पहले यह मतदाता बसपा के साथ था और सुभासपा के नेता ओमप्रकाश राजभर बसपा में ही थे लेकिन अब वह मुसलमानों के कटटरपंथीं नेता ओवैसी के साथ हाथ मिलाकर पता नहीं कौन सा संदेश राजभर समाज को देना चाह रहे हैं। महाराज सुहेलदेव को मुख्यमंत्री ने धर्मरक्षक बताकर यह बताने का प्रयास किया कि ओवैसी जैसे नोताओं से दोस्ती करने वाले सुहेलदेव की विरासत के अधिकारी नहीं हो सकते। कार्यक्रम के बाद ओमप्रकाष राजभर जैस नेताओं के बयानों में बैचेनी भी देखी गयी।

प्रधानमंत्री नेंद्र मोदी ने अपने उदबोधन में संदेश दिया कि अब तक की सरकारों व इतिहास के लेखकों ने विस्मृत वीरों का उचित सम्मान नहीं किया लेकिन अब नया भारत इतिहास के भुलाये नायकों का सम्मान कर रहा है और उनसे प्रेरित हो रहा है। प्रधानमंत्री ने महाराज सुहेलदेव के साथ नेताजी सुभाषचंद्र बोस , सरदार पटेल बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की उपेक्षा का उल्लेख करते हुए विपक्ष पर हमला बोला। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी की मानसिकता से इतिहास लिखने वालों ने महाराज सुहेलदेव की वीरता को भले ही उपेक्षित किया हो लेकिन उनकी गौरवगाथा पूर्वाचंल की लोककथाओं में जीवंत है। यहां पर उनकी विकासवादी सोच के अनुरूप ही स्मारक का विकास किया जायेगा।

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को व्यापक धार

प्रधानमंत्री ने प्रदेश में चल रहे चहुमुंखी पर्यटन विकास पर भी प्रकाश डालते हुए हिंदुत्व व सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को व्यापक धार दी है। अयोध्या, चित्रकूट, मथुरा -वृंदावन के विकास के लिए रामायण बौद्ध सर्किट जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए रामजन्मभूमि अयोध्या, कृष्णजन्मभूमि मथुरा, काशी विश्वनाथ,महात्मा बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ , संत रविदास की तपोस्थली वाराणसी कबीरदास की मगहर के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। प्रदेश सरकार ने नमामि गंगे योजना को भी अपने एजेंडे में शामिल किया है तथा अब गंगा नदी के हर धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व के घाटों पर गंगा आरती के आयोजन का लक्ष्य रखा गया है।

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अयोध्या में सरयू नदी के घाट पर सरयू आरती

अयोध्या में सरयू नदी के घाट पर सरयू आरती व अयोध्या में दीपावली के अवसर पर दिव्य व भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा हैै। अयोध्या में दीपोत्सव कार्यक्रम हर दीपावली पर नये रिकार्ड बना रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे है। प्रयागराज में दिव्य एवं भव्य कुंभ मेलोें का आयोजन किया गया। पहली बार कुंभ में हेलीकाप्टर से भक्तों पर पुष्पवर्षा की गयी और प्रदेश के हिंदू समाज को एक व्यापक सियासी संदेश दिया गया है। अभी हाल ही में मुख्यमंत्री मथुरा गये थे जहां पर उन्होंने संत समाज को अपने हाथों से भोजन परोस कर संतों का आशीर्वाद लिया और कहा कि जब तक प्रदेश में भाजपा की सरकार है तब तक हिंदू पर्वो का आयोजन दिव्य एवं भव्य तरीके से किया जायेगा।

पर्यटन स्थल के रूप में विकसित

मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में राप्ती नदी के तट पर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित महायोगी गुरू गोरखनाथ घाट व श्रीराम के घाट का लोकार्पण किया और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को धार दी। आज प्रदेश का कोई भी जिला व कस्बा ऐसा नहीं बचा है जहां पर पर्यटक स्थलों के विकास पर ध्यान न दिया जा रहा हो। प्रदेश में सभी धार्मिक स्थलों व महापुरूषों के स्थलों का विकास किया जा रहा है जिससे प्रदेश में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा व रोजगार सृजन भी होगा।

प्रदेश में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद व पर्यटन को बढावा देने के उददेष्य से ही एक जिला एक पर्यटक स्थल की षुरूआत की गयी है। प्रत्येक जिले व गांवोें में षहीदों के नाम पर सड़कों का नामकरण व षहीदों के गांवों तक सड़क पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। आगामी विधानसभा चुनावोें को ध्यान में रखते हुए भाजपा सरकार अभी अपने तरकश के इस तीर से कई अभियान चलाने जा रही है। अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए काफी व्यापक स्तर पर समर्पण निधि अभियान चल रहा है। जिसमें हिंदू समाज ही नहीं अपितु मुस्लिम समाज के लोग भी बढ़ चढकर हिस्सा ले रहे हैं।

बीजेपी इस अभियान के माध्यम से भी अपने मतदाता तक पहुंचने का प्रयास कर ही है और जिसका असर विरोधी दलों पर साफ दिखलायी पड़ रहा है। सपा नेता अखिलेश यादव ने समर्पण निधि अभियान को चंदाजीवी कहकर हिंदू समाज का अपमान कर दिया जिसका जवाब उन्हें बाबरजीवी शब्द के रूप मे मिल भी गया है। प्रदेश में विरोधी दलोे को चुनावी मैदान में घेरने के लिए हिंदुत्व व सांस्कृतिक राष्ट्रवाद ही एक अहम हथियार है और अभी आने वाले दिनों में इसमें और तेजी आयेगी।

(नोट- ये लेखक के निजी विचार हैं )

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