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Sonbhadra News : सोनभद्र में नगर निकाय आरक्षण को हाईकोर्ट में चुनौती, चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने की सुनवाई, याचिका के अधीन रहेंगे तीन नगर पंचायतों के चुनाव

Sonbhadra News: सोनभद्र की नगर निकायों में चुनाव को लेकर अध्यक्ष पद के लिए निर्धारित किए गए आरक्षण को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। न्यायमूर्ति PRITINKER DIWAKER चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली डबल बेंच ने इसकी सुनवाई की और डाला बाजार, ओबरा और चोपन नगर पंचायत के आरक्षण को लेकर नगर विकास अनुभाग को भेजी गई आपत्ति के निस्तारण का आदेश दिया।

Kaushlendra Pandey
Published on: 9 April 2023 12:10 PM GMT
Sonbhadra News : सोनभद्र में नगर निकाय आरक्षण को हाईकोर्ट में चुनौती, चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने की सुनवाई, याचिका के अधीन रहेंगे तीन नगर पंचायतों के चुनाव
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नगर निकाय चुनाव सोनभद्र (फोटो- सोशल मीडिया)

Sonbhadra News : सोनभद्र की नगर निकायों में चुनाव को लेकर अध्यक्ष पद के लिए निर्धारित किए गए आरक्षण को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। न्यायमूर्ति PRITINKER DIWAKER चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली डबल बेंच ने इसकी सुनवाई की और डाला बाजार, ओबरा और चोपन नगर पंचायत के आरक्षण को लेकर नगर विकास अनुभाग को भेजी गई आपत्ति के निस्तारण का आदेश दिया। वर्तमान में डाला बाजार अनुसूचित जनजाति महिला, ओबरा नगर पंचायत अनुसूचित महिला के लिए आरक्षित है। वहीं चोपन का आरक्षण अनारक्षित रखा गया है। हाईकोर्ट के आदेश और चल रही चुनाव प्रक्रिया को देखते हुए बताया जा रहा है कि तीनों नगर पंचायतों में होने वाले निकाय चुनाव हाईकोर्ट के निर्णय के अधीन रहेंगे।

इस आधार पर आरक्षण को दी गई हाईकोर्ट में चुनौती

अधिवक्ता अभिषेक चौबे के जरिए हाईकोर्ट में तीनों नगर पंचायतों के लिए दाखिल अलग-अलग याचिका में बताया गया है कि सोनभद्र में अन्य पिछड़ा वर्ग को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। आरक्षण के रोटेशन प्रणाली की भी अनदेखी की गई है। रेणुकूट और पिपरी नगर पंचायत का आरक्षण जहां लगातार अनारक्षित रखा जा रहा है। वहीं पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की तरफ से गत 27 मार्च को दाखिल की गई एसएलपी तथा आरक्षण रोटेशन के दृष्टिगत डाला और ओबरा नगर पंचायत का आरक्षण जहां पिछड़ी/सामान्य होना चाहिए। वहीं चोपन नगर पंचायत का आरक्षण अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया जाना चाहिए। किए गए दावों की पुष्टि के लिए याचिका में आरक्षण ड्राफ्ट के सेक्शन 9a(5c) और आर्टिकल 243(d) का हवाला दिया गया है। आरक्षण ड्राफ्ट में किए गए संशोधन को सार्वजनिक ना किए जाने को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं।

राज्य सरकार को आपत्ति का निस्तारण कर दाखिल करनी होगी रिपोर्ट

मामले को लेकर आपत्तिकर्ताओं की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता अभिषेक चौबे ने बताया कि हाईकोर्ट में सात अप्रैल को चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली डबल बेंच ने मामले की सुनवाई की। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार को आपत्तिकर्ताओं की तरफ से नगर विकास अनुभाग में गत तीन अप्रैल को दाखिल की गई। आपत्ति को नियमानुसार निस्तारित करने का आदेश दिया। राज्य सरकार को आपत्ति निस्तारण के साथ ही शपथ पत्र के साथ काउंटर भी दाखिल करने को कहा गया है। अगर आपत्ति सही पाई गई तो इसका सीधा असर उपरोक्त तीनों नगर पंचायतों में होने वाले चुनाव और उसके परिणाम पर देखने को मिल सकता है।

हाईकोर्ट के सामने याचिकाकर्ताओं की तरफ से रखी गईं तीन प्रेयर्स

याचिकाकर्ताओं की तरफ से हाईकोर्ट के सामने तीन मांगों की याचना की गई है। पहला 30 मार्च को राज्य सरकार के तरफ से ओबरा डाला और चोपन को लेकर जो आरक्षण अधिसूचना जारी की गई है उसे निरस्त (क्वैश) करने की मांग की गई है। दूसरा, नगर विकास अनुभाग में आरक्षण को लेकर जो आपत्तियां दाखिल की गई हैं। उसका निस्तारण करते हुए स्पीकिंग ऑर्डर जारी करने की मांग हुई है। तीसरा, निर्धारित रोटेशन और नियम के मुताबिक संबंधित नगर पंचायत का आरक्षण निर्धारित करने के आदेश की मांग की गई है। बता दें कि यूपी में पहली बार नगर निकाय चुनाव में अनुसूचित जनजाति को दो सीटें दी गई हैं। जिसमें बलिया की मनियर सीट और सोनभद्र की डाला बाजार सीट शामिल है।

Kaushlendra Pandey

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