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महिलाएं 6 माह का मातृत्व अवकाश मानदेय सहित पाने की हकदार: हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने कहा है कि सभी महिला कर्मचारियों को 180 दिन की मातृत्व अवकाश प्राप्त करने का वैधानिक अधिकार है। मातृत्व सभ्य समाज का हिस्सा है। मातृत्व औरत के मानवाधिकार का अंग है। इस कारण महिलाएं मैटरनिटी एक्ट 1961 के प्रावधानों के तहत 6 माह के अवकाश की हकदार हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 19 April 2019 2:55 PM GMT
महिलाएं 6 माह का मातृत्व अवकाश मानदेय सहित पाने की हकदार: हाईकोर्ट
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इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने कहा है कि सभी महिला कर्मचारियों को 180 दिन की मातृत्व अवकाश प्राप्त करने का वैधानिक अधिकार है। मातृत्व सभ्य समाज का हिस्सा है। मातृत्व औरत के मानवाधिकार का अंग है। इस कारण महिलाएं मैटरनिटी एक्ट 1961 के प्रावधानों के तहत 6 माह के अवकाश की हकदार हैं। हाईकोर्ट ने मैटरनिटी लीव के लिए 3 माह की अवकाश को गलत माना और कहा कि याची को 6 माह की अवकाश देकर उसे 30 दिसम्बर 18 से 31 मार्च 19 तक का मानदेय दिया जाय।

कोर्ट ने कहा कि स्थायी, अस्थायी या तदर्थ संविदा किसी भी प्रकार की महिला कर्मचारी हो सभी को समान अधिकार है। सरकार किसी के साथ विभेद नहीं कर सकती।

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यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने अंशू रानी अनुदेशक पूर्व माध्यमिक विद्यालय गवाली बिजनौर की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है और बीएस ए को आदेश दिया है कि वह याची को 6 माह की मातृत्व छुट्टी दें। बीएसए ने केवल 90 दिन की छुट्टी स्वीकृत की थी। कोर्ट ने कहा है कि याची को पूरे मानदेय का भुगतान किया जाए।

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कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हवाले से कहा है कि सरकारी स्थायी महिला कर्मी को 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे की देखभाल करने के लिए 730 दिन की छुट्टी पाने का भी अधिकार है।

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कोर्ट ने कहा है कि भारतीय संविधान सभी को समान अधिकार देता है और जाति धर्म लिंग आदि के आधार पर विभेद करने पर रोक लगाता है। केंद्र सरकार ने कानून बनाया है।ऐसे में सरकार मनमानी नही कर सकती।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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