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Mathura News: फर्जी पैरामेडिकल की डिग्री देकर 1200 से अधिक छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है संस्कृति विश्वविद्यालय

Mathura News: पुलिस प्रशासन के उच्च स्तर अधिकारी को फर्जी मान्यता के कागजात दिखा कर गुमरा करने के सम्बन्ध में शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कोई सुनवाई।

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Newstrack Network
Published on: 1 Nov 2023 11:32 AM GMT
Sanskriti University Mathura gave fake paramedical degree to more than 1200 students
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संस्कृति यूनिवर्सिटी मथुरा: Photo- Social Media

Mathura News: संस्कृति यूनिवर्सिटी मथुरा जिले के छाता तहसील में 2016 से संचालित है। इसमें 8-9 पैरामेडिकल कोर्सेज संचालित है। जाकि यूजीसी से तो सत्यापित है, लेकिन उत्तर प्रदेश स्टेट पैरामेडिकल फैकल्टी से बिना मान्यता लिए संचालित किए जा रहे हैं। जिसके कारणवश छात्रों को उत्तर प्रदेश राज्य में पैरामेडिकल क्षेत्र में सरकारी नौकरी नहीं मिल पा रही है। यही नहीं ये छात्रा प्राइवेट क्षेत्र में भी कोई क्रिया कलाप बिना मान्यता के नहीं कर सकते।


पैरामेडिकल फेकल्टी की मान्यता

अथवा उत्तर प्रदेश राज्य में बिना पैरामेडिकल फेकल्टी की मान्यता कोई भी यूनिवर्सिटी किसी भी पैरामेडिकल कोर्स में एडमिशन नहीं ले सकती है। 2016 से 2023 तक 1200 से भी अधिक बच्चों ने पैरामेडिकल कोर्स में एडमिशन लिए और उन्हें पैरामेडिकल डिग्रियां दी गईं, जो कि बिना मान्यता के यूनिवर्सिटी के द्वारा इस प्रकार की डिग्री दिया जाना एवं एडमिशन लेना पूर्णरूप गैर कानूनी है। इसी प्रकार से छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।

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उक्त प्रकरण में उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग के द्वारा हस्तक्षेप करने पर उत्तर प्रदेश शासन स्तर पर उक्त प्रकरण की जांच कर कार्यवाही के लिए टीम गठित की गई है एवं उक्त प्रकरण की जांच मंडलायुक्त आगरा के आदेश देने पर उच्च शिक्षा निदेशालय के क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी एवं जिलाधिकारी मथुरा के निर्देशन में जांच करने के लिए मंडल स्तर पर टीम गठित की गई है।


फर्जी मान्यता के दस्तावेज

जिसकी जांच पांच अक्टूबर 2023 को पूर्ण करते हुए डाक्टर राजेश प्रकाश के द्वारा जिलाधिकारी मथुरा एवं उच्च शिक्षा निदेशन ब्रह्मदेव को जांच आख्या प्रेषित की गई एवं उक्त जांच में संस्कृति यूनिवर्सिटी को पूर्ण रूप से पैरामेडिकल कोर्सेज संचालित करने के संबंध में दोषी पाया एवं अनेक बिंदुओं पर यूनिवर्सिटी के द्वारा जांच टीम के समक्ष फर्जी मान्यता के दस्तावेज को पेश करना भी अंकित किया गया।




उक्त प्रकरण पर पूर्व में रामजनम चौहान सचिव उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के द्वारा संस्कृति यूनिवर्सिटी को उक्त प्रकरण में ही तीन दिन का समय देते हुए उचित कार्यवाही कर आख्या प्रेषित करने के लिए आदेश दिया गया। लेकिन उक्त आदेश पत्र पर भी संस्कृति यूनिवर्सिटी के द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया एवं अपने राजनीतिक पैसों के बलबूतों से आदेश पत्र को दबा दिया गया।

Shashi kant gautam

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