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जानिए किन 5 लोगों को खाना खिलाकर आपको मिलेगा शुभ फल

महाभारत में कहा गया है कि दूसरों को भोजन कराना शुभ फलदायक है। इसके अनुसार 5 लोगों खाना खिलाना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसे लोगों को खाना खिलाने का अवसर कभी-कभी ही मिलता है। जानते है किन लोगों को खाना खिलाकर आपको शुभ फल मिलेंगे।

suman
Published on: 11 May 2020 2:35 AM GMT
जानिए किन 5 लोगों को खाना खिलाकर आपको  मिलेगा शुभ फल
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जयपुर: महाभारत में कहा गया है कि दूसरों को भोजन कराना शुभ फलदायक है। इसके अनुसार 5 लोगों खाना खिलाना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसे लोगों को खाना खिलाने का अवसर कभी-कभी ही मिलता है। जानते है किन लोगों को खाना खिलाकर आपको शुभ फल मिलेंगे।

महाभारत में इस संबंध में एक श्लोक भी कहा गया है-

पितृन् देवानृषीन् विप्रानतिथींश्च निराश्रयान्।

यो नरः प्रीणयत्यन्नैस्तस्य पुण्यफलं महत्।।

*भगवान को

जिस घर में सबसे पहले खाना बनाकर भगवान को भोग लगाया जाता है। उस घर में भगवान की कृपा हमेशा बनी रहती है।आमतौर पर लोग खाना पकाने के बाद सीधे परिजनों को थाली में परोसने लगते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। खाने का पहला भोग भगवान को लगाना चाहिए। यह हिंदू धर्म का एक बेहतर संस्कार है जिसका पालन हर परिवार को करना चाहिए।

*मेहमान को

जिस घर में आए मेहमान भगवान के समान समझा जाता है और घर आए मेहमान को आदर से बैठ कर भोजन करवाना चाहिए। ऐसे घर पर भगवान की कृपा से बुरा समय अधिक समय तक नहीं टिकता। घर पर मेहमान तो अक्सर लोगों के यहां आते ही रहते हैं, लेकिन घर आए मेहमान को भी भोजन कराना सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। जिस घर में मेहमान को आदरपूर्वक भोजन कराया जाता है माना जाता है कि वहां पर देवता का निवास होता है। कहा तो यहां तक भी जाता है कि ऐसे घरों में मुसीबत ज्यादा दिन तक नहीं टिकी रहती हैं। इसलिए घर आए मेहमान को खाना खिलाने का मौका कभी नहीं गंवाना चाहिए।

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*पंडित को

पंडितों व ऋषियों को भोजन करवाने से पुण्य मिलता है वहीं अनजाने में हुए पाप भी मिट जाते हैं इसलिए इनको भोजन करवाने का मौका न गंवाएं। किसी पंडित को भोजन करवाना पुण्य का काम माना जाता है। जो भी व्यक्ति समय समय पर पंडितों और ऋषियों को भोजन करवाता है उसे अपने हर काम में सफलता हासिल होती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, पंडितों को भोजन करवाने भर से मनुष्यों के जाने-अनजाने में किए गए पाप भी खत्म हो जाते हैं। इसलिए पंडितों को भोजन अवश्य कराना चाहिए।

*गरीब को

गरीब लोगों को घृणा की दृष्टि से न देखकर प्रेम व सम्मान से भोजन करवाना चाहिए। इससे आपको हर काम में सफलता मिलेगी। कुछ लोग असहाय और बेघर लोगों को हेय दृष्टि से देखते हैं लेकिन यह काफी गलत होता है। हमें ऐसे लोगों का तिरस्कार नहीं करना चाहिए, बल्कि ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए। हमें बेघर और असहाय लोगों को खाना खिलाने का मौका भी कभी नहीं गंवाना चाहिए।

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*पितरों को

जिस घर-परिवार में आए दिन कोई न कोई मुसीबत आती रहती है उनके लिए पितरों को खाना खिलाना बहुत जरूरी है। इससे उनकी कृपा से घर-परिवार खुशहाल होता है। पितरों को देवतुल्य माना जाता है। श्राद्ध पक्ष में पितरों को खाने का भोग लगाने और पंडितों को भोजन कराने से पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है। जो लोग श्राद्ध पक्ष के दिनों में पूरी श्रद्धा और ईमानदारी के साथ ब्राह्मणों की पूजा अर्चना करते हैं और उन्हें भोजन करवाते हैं उनकी सारी परेशानियों का खात्मा हो जाता है। इसलिए पितरों की कृपा घर में बनाए रखने के लिए उन्हें भोग जरूर लगाएं।

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