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Farming Techniques: खेती में लागत कम पैदावार हो अधिक, तो करें तकनीक सिंचाई, सरकार देगी सहायता

Farming Techniques: पुराने समय से ही खेती में पारंपरिक तरीकों से सिंचाई की जा रही है। इससे पानी अनावश्यक तरीके से काफी बर्बाद हो रहा है, लेकिन जहां जहां तकनीकी सिंचाई उपयोग हो रहा हैं, वहां पानी की 56 फीसदी बचत हुई है और खेतों में फसलों का उत्पादन भी बढ़ा है। इसलिए सरकारें भी किसानों को इस सिंचाई के उपयोग के लिए अनुदान मुहैया करवा रही हैं।

Viren Singh
Published on: 1 Aug 2023 2:55 AM GMT
Farming Techniques: खेती में लागत कम पैदावार हो अधिक, तो करें तकनीक सिंचाई, सरकार देगी सहायता
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Farming Techniques (सोशल मीडिया)

Farming Techniques: देश में पानी के अधिक दोहन व बर्बादी से लगातार हर शहरों का भू-जल स्तर गिरता जा रहा है। अब अभी भी नहीं सचेत हुए तो वह भी दिन दूर नहीं, जब कार्यों के लिए पानी को भी खरीदना पड़ेगा। उदाहरण के तौर ऐसे समझ सकते हैं कि जब शहरों का अभी केवल भू-जल दूषित हो रहा है तो आज हम पानी साधारण 15 रुपए लीटर पीने क लिए खरीद रहे हैं। अगर भू-जल ही नहीं रहेगा तो स्थिति का अंदाजा आप लगा सकते हैं कि क्या हो सकता है? यानी पानी अनमोल हो जाएगा जो आज हमें मुफ्त में मिल रहा है। देश में गिर रहे भू-जल से सरकारें भी चिंतत हैं और वह इस पर लगातार काम कर रही हैं कि कैसे इसको गिरने से बचाया जा सके? इतना ही नहीं, खेती किसानी में पानी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। यहां पानी बर्बाद न हो इस पर भी कई काम हो रहे हैं और कुछ शुरू हो चुके हैं। जैसे सिचांई में तकनीकी सिचांई का उपयोग करना है। इसके लिए सरकार किसानों को अनुदान भी दे रही हैं।

कम पानी बढ़ता है फसलों का उत्पादन

अगर आप किसान हैं तो आप जानते हैं कि किसी भी फसलों को तैयार करने में सबसे अधिक खर्चा सिंचाई करने पर आता है। इससे फसल की लागत काफी बढ़ जाती है। अगर किसान को फसल की लागत से अधिक लाभ नहीं मिलेगा तो वह घाटे में रहेगा। जैसे अधिकांश देखने को भी मिलता है कि फलां किसान की लागत तक नहीं निकली है। ऐसी स्थिति से किसानों को बचाने व देश में भू-जल को सुधारने को लेकर केंद्र सहित राज्य की सरकारें अपने यहां खेती किसानी में तकनीकी सिंचाई को बढ़ाव दे रही हैं। इससे हो क्या रहा है कि पुराने समय से ही खेती में पारंपरिक तरीकों से सिंचाई की जा रही है। इससे पानी अनावश्यक तरीके से काफी बर्बाद हो रहा है, लेकिन जहां जहां तकनीकी सिंचाई उपयोग हो रहा हैं, वहां पानी की 56 फीसदी बचत हुई है और खेतों में फसलों का उत्पादन भी बढ़ा है। इसलिए सरकारें भी किसानों को इस सिंचाई के उपयोग के लिए अनुदान मुहैया करवा रही हैं।

तकनीक विधि से इन फसलों की कर सकते सिंचाई

बिहार सरकार के उद्यान निदेशालय और कृषि विभाग कम पानी में खेती की नई तकनीक को बढ़ावा दे रही है। इससे तहत किसानों को ऐसी फसलों को उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, जिसमें कम पानी की जरूरत हो। वहीं, विभाग ने भी यह सुझाव दिया है कि किस फसल पर कौन सी तकनीक की सिचांई की जा सकती है। बिहार कृषि विभाग के मुताबिक, ड्रिप तकनीक से केला, आम, लीची, अनानास, गन्ना, पपीता, अमरूद, हरी सब्जी, अनार, लत्तेदार फसल और प्याज की सिंचाई काफी फायदेमंद होता है. इससे पानी के कम नुकसान में बेहतर सिंचाई मिलती है। वहीं, मिनी स्प्रिंकलर सिंचाई की विधि से चाय,आलू, प्याज, धान, गेहूं व सब्जी आदि की खेती कर सकते हैं।

बिहार सरकार के उद्यान निदेशालय और कृषि विभाग के मुताबिक, किसान भाई माइक्रो स्प्रिंकलर सिंचाई से लीची पॉली हाउस वे शेडनेट हाउस इत्यादि कर सकते हैं, जबकि पोर्टेबल स्प्रिंकलर सिंचाई से दहहन, तेलहन, धान, गेंहूं इत्यादि फसलों को सिंचाई कर सकते हैं।

ऐसे होती है तकनीक सिंचाई

माइक्रो, मिनी और पोर्टेबल स्प्रिंकलर सिंचाई एक उन्नत साधन और तकनीक है। इससे खेत में ऐसी सिंचाई की जाती है, जैसे कि हल्की बारिश होती है। इस तकनीक के लिए किसानों ट्यूबवेल, टंकी या तालाब से पानी को पाइपों के द्वारा खेत में पहुंचाता है। इन पाइपों में नोजल फिट होता है। फिर इन्हीं नोजल के माध्मय से पानी खेतों में ऐसा गिरता है, जैसे बारिश हो रही हो। इन विधि से होता है क्या कि फसलों के पौधों के ऊपर भी पानी मिलता है और खेती की जमीन पर भी पानी भरा होता है, जिससे फसल का उत्पादन अधिक होता है। वहीं, पारंपरिक तरीके की सिंचाई से सीधे खेत में पानी पहुंचता है।

इन सिंचाई से फायदा क्या?

इस विधि से सबसे बड़ा फायदा उसकी खेती की लागत में गिरावट डालता है और फसलों का उत्पादन अधिक बढ़ता है। तकनीक सिंचाई की विधि से किसान पानी की एक-एक बूंद का इस्तेमाल अपने खेत व फसल पर करता है। इस विधि से खेतों में हमेशा नमी रहने से जमीन की सहेत अच्छी रहती है। इस तकनीक से सिंचाई करने पर पारंपरिक सिंचाई की तुलना में 60 प्रतिशत कम पानी लगता है।

किसान ले सकते हैं योजना का लाभ

अगर आप बिहार के किसान हैं तो आप तकनीक सिंचाई को अपनाने के लिए बिहार सरकार के अनुदान भी ले सकते हैं। इसके लिए किसान को बिहार उद्यान निदेशालय की ऑफिशियल वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ पर या फिर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के ऑफिशियल पोर्टल https://www.pmksy.gov.in/ पर आवदेन करना होगा।

Viren Singh

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