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जिसने रोते हुए लोगों को भी हंसाया, जानिए चार्ली चैपलिन की रोचक बातें

कॉमेडियन चार्ली चैपलिन एक ऐसा चेहरा थे जिन्होंने दुनिया को खूब हंसाया। चार्ली चैपलिन का पूरा नाम चा‌र्ल्स स्पेंसर चैपलिन था। उनका जन्म 16 अप्रैल, 1889 को लंदन में हुआ था।

Monika
Published on: 25 Dec 2020 5:37 AM GMT
जिसने रोते हुए लोगों को भी हंसाया, जानिए चार्ली चैपलिन की रोचक बातें
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चार्ली चैपलिन एक मात्र ऐसे एक्टर थे जिन्होंने बिना किसी डायलॉग दर्शकों को अपने चेहरे के हावभाव और मुस्कान से हंसाया। वह मूक फिल्मों के बेहतरीन कलाकार थे।

कॉमेडियन चार्ली चैपलिन एक ऐसा चेहरा थे जिन्होंने दुनिया को खूब हंसाया। चार्ली चैपलिन का पूरा नाम चा‌र्ल्स स्पेंसर चैपलिन था। उनका जन्म 16 अप्रैल, 1889 को लंदन में हुआ था। फिल्म जगह में वह एक ऐसा नाम थे, जिनको देखनेभर से लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है। उन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी लोगों को हंसाने में हजार दी थी। आज ही के दिन चार्ली ने 88 साल की उम्र में लोगों को पहली बार रुला कर दुनिया से अलविदा कहा था।

मूक फिल्मों के बेहतरीन कलाकार

आपको बता दें, कि चार्ली चैपलिन एक मात्र ऐसे एक्टर थे जिन्होंने बिना किसी डायलॉग दर्शकों को अपने चेहरे के हावभाव और मुस्कान से हंसाया। वह मूक फिल्मों के बेहतरीन कलाकार थे। दुनियाभर में मशहूर इस कलाकार ने जिंदगी की त्रासदियों से भी हंसाने की कला को रुपहले पर्दे पर बखूबी उकेरा।

हिटलर का किरदार निभा बटोरी वाहवाही

1940 में चार्ली ने हिटलर पर फिल्‍म द ग्रेट डिक्टेटर बनाई थी। इस फिल्म में उन्होंने हिटलर का किरदार निभाया था। इस फिल्म के ज़रिए चार्ली ने हिटलर को कॉमिक रूप दिखा कर खूब वाहवाही बटोरी। लोगों ने हिटलर का गुस्से से भरा रूप देखा था लेकिन इस फिल्म में चार्ली ने हिटलर का किरदार निभरकर जो कॉमिक रूप दिया उसे आज तक लोग याद करते हैं। फिल्‍म में हिटलर का मजाक बनाए जाने पर कुछ लोगों ने उनकी सराहना की थी। वही कुछ उनके खिलाफ भी उतर आए थे। उनके शानदार अभिनय ने लोगों के दिलों दिमाग पर छाप छोड़ी। जिसे आप अभी भी कई फिल्मों में देख सकते हैं। लोग दर्शकों को हंसाने के लिए आज भी चार्ली चैपलिन का रूप लेते हैं। फिर चाहे वह बॉलीवुड की फ़िल्में हो या फिर हॉलीवुड।

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मिले कई पुरस्‍कार

बता दें, अपने शानदार अभिनय के जरिए लोगों को हंसने के लिए मजबूर करने वाले चार्ली को 1973 में अभिनय जगत के सबसे बड़े पुरस्‍कार यानी ऑस्‍कर अवार्ड से नवाजा गया। इसके अलावा भी उन्‍हें कई पुरस्‍कार दिए गए। चार्ली ने तो इस दुनिया को अलविदा कह दिया था, लेकिन उनकी सीख ने आज भी लोगों को जीना सिखाया है..

चार्ली का जीवन दर्शन

-आप जिस दिन हंसते नहीं हैं, वह दिन बेकार हो जाता है।

- मैं सिर्फ मसखरा बनकर जीना चाहता हूं।

- मेरी जिंदगी में बेशुमार दिक्कतें हैं, मगर मेरे होंठ यह बात नहीं जानते। उन्हें तो केवल मुस्कुराना आता है।

- हम लोग सोचते बहुत हैं, मगर महसूस बहुत कम करते हैं।

- आईना मेरा सबसे अच्छा दोस्त है, क्योंकि जब मैं रोता हूं तो वह कभी नहीं हंसता।

-इंसान का असली चरित्र तभी सामने आता है, जब वह नशे में होता है।

-मुझे बारिश में चलना पसंद है, क्योंकि उसमें कोई भी मेरे आंसू नहीं देख सकता।

- पास से देखने पर जिंदगी ट्रेजडी लगती है और दूर से देखने पर कॉमेडी।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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